चंद्रयान और विज्ञान की ऐसी अन्य सफलता की कहानियों ने बच्चों की कल्पनाशीलता और रुझान को जगाया है : केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि हाल के दिनों में चंद्रयान और विज्ञान की ऐसी अन्य सफलता की कहानियों ने बच्चों की कल्पनाशीलता और रुझान को जगाया है।
उन्होंने कहा कि युवा मन में जिज्ञासा विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा नवाचार के साथ देश के विकास को आगे बढ़ाएगी, जिससे आत्मनिर्भर और विकसित भारत @2047 का निर्माण होगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी वैज्ञानिक सोच के हैं और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (एसएंडटी) आधारित पहलों और परियोजनाओं को उत्सुकता से बढ़ावा दे रहे हैं।”
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह कल नई दिल्ली में एक समारोह में वर्ष 2022 के लिए सीएसआईआर युवा वैज्ञानिक पुरस्कार और जीएन रामचंद्रन पदक प्रदान करने के बाद बोल रहे थे।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सीएसआईआर ने भारत को दुनिया में अग्रणी भूमिका हासिल करने में सक्षम बनाया है।
उन्होंने कहा कि चूंकि हम अब विश्व मापदंडों और रणनीतियों का पालन कर रहे हैं और विश्व मानकों पर खरा उतर रहे हैं, इसलिए हमें भी उनके जैसा ही होना होगा।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि महिलाओं ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की विभिन्न परियोजनाओं में नेतृत्वकारी भूमिका निभाई है।
डॉ. सिंह ने प्रमुख अंतरिक्ष परियोजनाओं में महिलाओं का हवाला देते हुए कहा कि इन पुरस्कार समारोहों में महिलाओं की संख्या बढ़ रही है और कई मामलों में महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक है।
केंद्रीय मंत्री श्री सिंह ने कहा कि चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर उतरने के बाद, भारत की अंतरिक्ष अन्वेषण परियोजनाओं में प्रचुर जिज्ञासा और सार्वजनिक रुचि पैदा हुई है। उन्होंने छात्रों को देश भर में सीएसआईआर प्रयोगशालाओं का दौरा करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि ये नए भारत के आधुनिक स्मारक हैं।
उन्होंने कहा, “अगर प्रधानमंत्री कहते हैं कि भारत दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, तो यह कैसे हो रहा है? यह यहां हो रहा है।”
डॉ. सिंह ने आशा व्यक्त की कि आने वाले वर्षों में भारत में नवाचार 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि ये युवा नवप्रवर्तक अमृत काल में विकसित भारत@2047 बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। वर्ष 2047 में भारत आजादी के सौ साल मनाएगा।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद के भारत की यह तीसरी पीढ़ी सबसे भाग्यशाली है क्योंकि वे अब अपनी आकांक्षाओं के कैदी नहीं हैं। भारत के लिए यह सही समय है, जब प्रधानमंत्री श्री मोदी के गतिशील नेतृत्व में नवाचार हो रहे हैं।
Post Comment