लक्षित क्षेत्रों में उच्च विद्यालयों में छात्रों के लिए आवासीय शिक्षा योजना (श्रेष्ठता)
शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए सीबीएसई/राज्य बोर्डों से संबद्ध 142 निजी आवासीय विद्यालयों में अनुसूचित जाति के 2,564 छात्रों ने प्रवेश लिया
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय लक्षित क्षेत्रों के उच्च विद्यालयों में छात्रों के लिए आवासीय शिक्षा योजना (श्रेष्ठता) नामक केंद्रीय क्षेत्र की योजना लागू करता है।
श्रेष्ठता का उद्देश्य सरकार के विकास हस्तक्षेप की पहुंच को बढ़ाना और अनुदान प्राप्त संस्थानों (एनजीओ द्वारा संचालित) और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने वाले आवासीय उच्च विद्यालयों के प्रयासों के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में सेवा की कमी वाले अनुसूचित जाति बहुल क्षेत्रों में अंतर को भरना और अनुसूचित जाति (एससी) के सामाजिक आर्थिक उत्थान और समग्र विकास के लिए वातावरण प्रदान करना है। अनुसूचित जाति के मेधावी छात्रों को उनके शैक्षिक और समग्र विकास के लिए देश के सर्वश्रेष्ठ स्कूलों में आसान पहुंच प्रदान करने के लिए योजना को और संशोधित किया गया है, जिससे उनके भविष्य के अवसर सुरक्षित हो सकें।
यह योजना दो मोड में कार्यान्वित की जा रही है:
मोड 1: श्रेष्ठता विद्यालय
(सर्वश्रेष्ठ सीबीएसई/राज्य बोर्ड से संबद्ध निजी आवासीय विद्यालय)
इसके तहत, प्रत्येक वर्ष राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में मेधावी अनुसूचित जाति के छात्रों की एक निर्दिष्ट संख्या को राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित श्रेष्ठता (एनईटीएस) के लिए राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा के माध्यम से चुना जाएगा और संबद्ध सर्वश्रेष्ठ निजी आवासीय विद्यालयों में 12वीं कक्षा तक की शिक्षा पूरी करने के लिए कक्षा 9वीं और 11वीं में सीबीएसई/राज्य बोर्ड में प्रवेश दिया जाएगा।
स्कूलों का चयन: पिछले तीन वर्षों में कक्षा 10 और 12 के लिए 75 प्रतिशत से अधिक उत्तीर्ण प्रतिशत वाले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले निजी आवासीय विद्यालयों को चयनित छात्रों के प्रवेश के लिए एक समिति द्वारा चुना जाता है।
छात्रों का चयन: लगभग 3000 (9वीं कक्षा के लिए 1500 और 11वीं कक्षा के लिए अस्थायी) अनुसूचित जाति के छात्र, जिनके माता-पिता की वार्षिक आय 2.5 लाख तक है, उन्हें योजना के तहत हर साल राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा के माध्यम से चुना जाता है। साथ ही, छात्रों को उनकी योग्यता के अनुसार स्कूलों के विकल्प की पेशकश की जाती है।
स्कूल शुल्क (ट्यूशन शुल्क सहित) और छात्रावास शुल्क (मेस शुल्क सहित) को कवर करने वाले छात्र के लिए कुल शुल्क विभाग द्वारा वहन किया जाएगा। योजना के तहत कक्षा 9वीं से 12वीं तक प्रत्येक कक्षा के लिए स्वीकार्य शुल्क क्रमशः 1,00,000, 1,10,000, 1,25,000 और 1,35,000 रुपये है।
योजना के तहत चयनित छात्रों के लिए व्यक्तिगत शैक्षणिक आवश्यकताओं की पहचान करने के बाद, स्कूल के बाहर के घंटों में एक ब्रिज कोर्स के प्रावधान शामिल किए गए हैं। ब्रिज कोर्स का लक्ष्य छात्र की स्कूल के माहौल में आसानी से ढलने की क्षमता को बढ़ाना होगा। ब्रिज कोर्स की लागत यानी वार्षिक शुल्क का 10% भी विभाग द्वारा वहन किया जाएगा।
मंत्रालय द्वारा समय–समय पर छात्रों की प्रगति की निगरानी की जाएगी।
मोड2: एनजीओ/वीओ द्वारा संचालित स्कूल/छात्रावास (मौजूदा घटक)
(इसके बाद दिशानिर्देश केवल योजना के मोड 2 के लिए लागू हैं)
उच्च कक्षाओं (कक्षा 12 तक) वाले वीओ/एनजीओ और अन्य संगठनों द्वारा संचालित स्कूल/छात्रावास जो अनुदान सहायता प्राप्त कर रहे हैं, संतोषजनक प्रदर्शन के आधार पर जारी रहेंगे।
योजना के तहत स्कूलों में प्रवेश पाने वाले अनुसूचित जाति के लिए स्कूल शुल्क और आवासीय शुल्क के लिए अनुदान इस शर्त के साथ प्रदान किया जाएगा कि यदि इनके अलावा अन्य छात्रों को प्रवेश दिया जाता है, तो स्कूल को ऐसे छात्रों से शुल्क एकत्र करने की अनुमति दी जाएगी। प्राथमिक आवासीय विद्यालय के लिए अनुसूचित जाति के प्रति छात्र को अनुदान 44,000 प्रति छात्र, प्राथमिक गैर-आवासीय विद्यालय के लिए 27,000 प्रति छात्र, प्राथमिक छात्रावास के लिए 30,000 प्रति छात्र, माध्यमिक आवासीय विद्यालय के लिए 55,000 प्रति छात्र, माध्यमिक गैर-आवासीय विद्यालय के लिए 35,000 प्रति छात्र और माध्यमिक छात्रावास के लिए 30,000 प्रति छात्र होगा।
निगरानी
सभी संस्थान सक्रिय रूप से अपनी वेबसाइट और ई-अनुदान/ऑनलाइन पोर्टल पर प्रदर्शन का खुलासा करेंगे।
आउटपुट परिणाम संकेतकों पर बेहतर रिपोर्टिंग के लिए योजना की प्रगति के संग्रह और प्रसार के लिए एक वास्तविक समय डेटा प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) स्थापित की जाएगी।
प्रत्येक संस्थान में क्लोज सर्किट कैमरे लगाए जाएंगे, जहां से लाइव फीड उपलब्ध होगी।
सभी संस्थान इस उद्देश्य के लिए गठित एक निरीक्षण दल द्वारा क्षेत्रीय दौरे के लिए उत्तरदायी हैं।
2020-21 से 2023-24 तक लक्षित क्षेत्रों में उच्च विद्यालयों में छात्रों के लिए आवासीय शिक्षा योजना (श्रेष्ठता) के तहत व्यय
- 2020-21 के दौरान, बजट अनुमान 100.00 करोड़ रुपये था, व्यय 56.05 करोड़ रुपये था और लाभार्थियों की संख्या 38,250 थी।
- 2021-22 के दौरान, बजट अनुमान 200.00 करोड़ रुपये था, व्यय 38.05 करोड़ रुपये था और लाभार्थियों की संख्या 20,435 थी।
- 2022-23 के दौरान, बीई 89.00 करोड़ रुपये था, व्यय 51.12 करोड़ रुपये था और लाभार्थियों की संख्या 16,479 थी।
- 2023-24 के दौरान, बीई 104.65.00 करोड़ रुपये है, व्यय 51.57 करोड़ रुपये है और लाभार्थियों की संख्या 7,543 है (10.12.2023 तक)।
इस योजना के तहत, शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए सीबीएसई/राज्य बोर्डों से संबद्ध 142 निजी आवासीय विद्यालयों में कुल 2,564 छात्रों को प्रवेश दिया गया और इस विभाग द्वारा 30.55 करोड़ रूपए के विद्यालय शुल्क की प्रतिपूर्ति की गई है।
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