राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम ने 8,300 करोड़ रुपये से अधिक का किया ऋण वितरण
नई दिल्ली, दिसंबर (जिमाका)
अल्पसंख्यक मंत्रालय की स्थापना 2006 में जैन, पारसी, बौद्ध, सिख, ईसाई और मुसलमानों जैसे अल्पसंख्यक समुदायों को सशक्त बनाने के लिए की गई थी। मंत्रालय हमारे राष्ट्र के बहु-जातीय, बहु-नस्लीय, बहु-सांस्कृतिक, बहुभाषी और बहु-धार्मिक चरित्र को मजबूत करने के लिए एक सक्षम वातावरण बनाने की पहल करता है। मिशन का लक्ष्य सकारात्मक कार्रवाई और समावेशी विकास के माध्यम से अल्पसंख्यक समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार और उनका उत्थान करना है, ताकि प्रत्येक नागरिक को शिक्षा, रोजगार, आर्थिक गतिविधियों में अल्पसंख्यक समुदायों के लिए समान हिस्सेदारी की सुविधा के लिए एक गतिशील राष्ट्र के निर्माण में सक्रिय रूप से भाग लेने का समान अवसर मिले सके।
वर्ष 2023 के दौरान अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की प्रमुख उपलब्धियां इस प्रकार हैं :
पीएम-विकास योजना :
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने प्रधानमंत्री विरासत का संवर्धन (पीएम विकास) योजना की परिकल्पना की है, जिसमें मंत्रालय की पांच मौजूदा योजनाओं सीखो और कमाओ (एसएके), उस्ताद, हमारी धरोहर, नई रोशनी, नई मंजिल को समाहित/एकीकृत किया गया है। योजना का उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदाय के वंचित वर्ग के जीवन चक्र को कवर करना और आजीविका के अवसर प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करना है।
इस योजना को चार घटकों में लागू करने की योजना बनाई गई है :
-कौशल और प्रशिक्षण घटक
-नेतृत्व और उद्यमिता घटक, क्रेडिट समर्थन के साथ
-स्कूल छोड़ने वालों के लिए शिक्षा घटक; और
-अवसंरचना विकास घटक।
मंत्रालय ने योजना के तहत 9,63,448 लाभार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान किया।
प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम ः
प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (पीएमजेवीके) एक केंद्र द्वारा प्रायोजित योजना है, जिसे अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय सामाजिक-आर्थिक विकास के मद्देनजर विकास रहित चिह्नित क्षेत्रों में अवसंरचना परियोजनाओं को विकसित करने के उद्देश्य से कार्यान्वित कर रहा है। वर्ष 2022-23 में, संशोधित पीएमजेवीके को 15वें वित्त आयोग चक्र यानी वित्त वर्ष 2022-23 से 2025-26 के दौरान जारी रखने के लिए सरकार द्वारा मंजूरी दे दी गई है। संशोधित पीएमजेवीके योजना सभी आकांक्षी जिलों सहित देश के सभी जिलों के लिए लागू की गई है। परियोजनाओं को उन चिह्नित क्षेत्रों में मंजूरी दी जाती है, जहां 15 किलोमीटर के दायरे में अल्पसंख्यक आबादी की सघनता 25 प्रतिशत से अधिक है।
वर्ष 2022-23 में, योजना के तहत स्वीकृत परियोजनाओं में स्कूल भवन, आवासीय विद्यालय, छात्रावास, आईटीआई, कौशल केंद्र, अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्र, सद्भाव मंडप, सामुदायिक हॉल, खेल परियोजनाएं जैसे खेल परिसर, कामकाजी महिला छात्रावास आदि शामिल हैं। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने इसरो के सहयोग से राष्ट्रीय दूर संवेदी केंद्र योजना के तहत निर्मित बुनियादी ढांचे की जियो टैगिंग शुरू कर दी है।
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम (एनएमडीएफसी)
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम (एनएमडीएफसी) कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 8 के तहत एक सरकारी निगम है। यह केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत काम करता है। निगम की स्थापना संबंधित राज्य सरकारों/ केंद्रशासित प्रदेश प्रशासन और केनरा बैंक द्वारा नामित राज्य चैनलाइजिंग एजेंसियों (एससीए) के माध्यम से अल्पसंख्यक समुदायों के बीच पिछड़े वर्गों के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए की गई है, जिसमें व्यावसायिक समूह और महिलाओं को प्राथमिकता दी गई है। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1992 के तहत छह अल्पसंख्यकों मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, पारसी और जैन को अधिसूचित किया है।
वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान, एनएमडीएफसी ने 2.05 लाख से अधिक लाभार्थियों के बीच अब तक का सर्वाधिक 881.70 करोड़ रुपये का ऋण वितरण किया जबकि वित्तीय वर्ष 2021-22 में 1.60 लाख से अधिक लाभार्थियों के बीच 700.00 करोड़ रुपये का ऋण वितरण किया गया था। इसके अलावा, अपनी स्थापना के बाद से एनएमडीएफसी ने 22.5 लाख से अधिक लाभार्थियों के बीच 8,300 करोड़ रुपये से अधिक का वितरण किया है, इनमें से 85% से अधिक लाभार्थी महिलाएं हैं।
एनएमडीएफसी ने आवेदकों, एससीए और एनएमडीएफसी के बीच ऋण लेखांकन प्रक्रियाओं को डिजिटल बनाने के लिए मिलान (एनएमडीएफसी के लिए अल्पसंख्यक ऋण लेखांकन सॉफ्टवेयर) नामक सॉफ्टवेयर लॉन्च किया। इसमें एनएमडीएफसी के एमआईएस पोर्टल का एकीकरण भी शामिल है, जिस पर 12 लाख लाभार्थियों का डेटा उपलब्ध है। मिलान मोबाइल ऐप का एंड्रॉइड और आईओएस वर्जन भी लॉन्च किया गया है।
हज यात्रा 2023
सऊदी अरब में हज 2023 का संचालन अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारतीय हज समिति और अन्य हितधारकों के बीच उत्कृष्ट समन्वय और सहयोग से सफलतापूर्वक पूरा हो गया है।
हज-2023 की प्रमुख झलकियां इस प्रकार हैं :-
पहली बार, एकल महिलाओं को समूह बनाने की आवश्यकता के बिना लेडी विदाउट मेहरम (एलडब्ल्यूएम) श्रेणी के तहत हज के लिए आवेदन करने की अनुमति दी गई थी। नतीजतन, 4000 से अधिक महिलाओं ने हज-2023 में एलडब्ल्यूएम श्रेणी के तहत सफलतापूर्वक आवेदन किया, जो अब तक का उच्चतम आंकड़ा है।
हज-2023 में सरकारी विवेकाधीन कोटा के तहत 500 सीटों को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है और इस कोटा के तहत सीटों को नियमित आवंटन प्रणाली में विलय कर दिया गया है ताकि पात्र नागरिकों के लिए अधिकतम अवसर प्राप्त हो सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई वीआईपी संस्कृति न फैले।
भारतीय हजयात्रियों के आरामदायक रहन-सहन के लिए मक्का में बुनियादी सुविधाओं से लैश कुल 477 इमारतें किराए पर ली गईं।
हजयात्रियों की सुविधा में लिए बेहतर व्यावसायिकता और सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए सीएपीएफ कर्मियों में से प्रशासनिक प्रतिनियुक्ति तैनात की गई थी।
हजयात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएच एंड एफडब्ल्यू) और इसकी एजेंसियां हज 2023 के दौरान हज यात्रियों की प्रारंभिक जांच के साथ-साथ उनकी सहायता के लिए डॉक्टरों और पैरामेडिक्स के चयन और प्रतिनियुक्ति के लिए सीधे तौर पर लगी थीं।
हजयात्रा संचालन में सूचना प्रौद्योगिकी का बड़े पैमाने पर उपयोग किया गया था जिसमें स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के ई-हेल्थ जैसे पोर्टल शामिल थे। इनका उपयोग हज अवधि के दौरान चिकित्सा सुविधाओं का लाभ उठाने वाले सभी भारतीय हजयात्रियों के स्वास्थ्य डेटाबेस को बनाने और बनाए रखने के लिए प्रभावी ढंग से किया गया था।
हज-2023 के लिए, भारत सरकार एचसीओआई के माध्यम से जाने वाले लगभग 65% हजयात्रियों के लिए मदीना के मरकज़िया क्षेत्र में आवास प्राप्त करने में सफल रही, जो एक रिकॉर्ड है।
हज-2023 के दौरान इस मंत्रालय द्वारा विकसित फीडबैक पोर्टल पर 25000 से अधिक हजयात्रियों से फीडबैक प्रविष्टियां प्राप्त हुई हैं, जो आने वाले वर्षों में सुविधाओं और सेवाओं की बेहतरी के लिए बहुमूल्य फीडबैक और इनपुट प्रदान करती हैं।
हज समूह आयोजक (एचजीओ) नीति और एचजीओ के लिए जीएसटी कानूनों का बेहतर अनुपालन हुआ है जिससे हज यात्रियों के लिए सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। एचजीओ से बेहतर कर अनुपालन के कारण सरकारी खजाने को 200 करोड़ रुपये से अधिक का कर राजस्व प्राप्त हुआ है।
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