मानसिक विकार, मनोभ्रंश व नशीले द्रव्यों के सेवन से पीड़ित रोगियों को आवश्यक पुनर्वास सेवाएं प्रदान करनेवाला जागृति पुनर्वास केंद्र : डॉ. अमर शिंदे

मानसिक विकार, मनोभ्रंश व नशीले द्रव्यों के सेवन से पीड़ित रोगियों को आवश्यक पुनर्वास सेवाएं प्रदान करनेवाला जागृति पुनर्वास केंद्र : डॉ. अमर शिंदे

जागृति पुनर्वसन केंद्र : 2008 में पुणे में सिर्फ 10 बेड के साथ शुरू हुआ। जागृति पुनर्वास केंद्र मुंबई, दिल्ली, चेन्नई सहित देश के 7 प्रमुख शहरों में 800 बेड तक विस्तारित हो गया है। डॉ. अमर शिंदे गंभीर मानसिक विकारों, मनोभ्रंश और नशीले द्रव्यों के सेवन से पीड़ित रोगियों को आवश्यक पुनर्वास सेवाएं प्रदान करनेवाले जागृति पुनर्वास केंद्रों की एक राष्ट्रव्यापी श्रृंखला का सफलतापूर्वक नेतृत्व कर रहे हैं।

हड़पसर, नवंबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क)
स्मार्टफोन और सोशल मीडिया के साथ प्रौद्योगिकी बढ़ते उपयोग के कारण देश के बच्चों में मानसिक स्वास्थ्य के लिए नई चुनौतियां सामने आयी हैं। साइबर बुनिंग, लैपटॉप और मोबाइल स्क्रीन की लत, इंटरनेट और मीडिया की अत्यधिक खपत और इसके दुष्प्रभाव जैसी समस्याएं मुख्य रूप से माता-पिता के सामने चिंता का विषय बनकर सामने आई हैं। शैक्षिक प्रगति के लिए बच्चों पर माता-पिता का अनुचित दबाव, अपेक्षाओं से आगे प्रदर्शन करने का अवास्तविक दबाव और सामाजिक-आर्थिक चुनौतियाँ जैसे कारक बच्चों की मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों को बढ़ा रहे हैं। समय की मांग को मद्देनजर रखते हुए पुणे एवं मुंबई में वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. अमर शिंदे के जागृति पुनर्वास केंद्र द्वारा किशोरों और बच्चों के लिए राहा पुनर्वास केंद्र पुणे में शुरू करके समग्र देखभाल की दिशा में एक अग्रणी कदम उठाया है। वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. भूषण शुक्ला विशिष्ट सेवाएं प्रदान करनेवाले एक नवोन्मेषी केंद्र ‘राहा’ में मार्गदर्शन करते हुए अहम भूमिका निभानेवाले हैं।
‘राहा’ यह भारत में छोटे और किशोर बच्चों के लिए हर चीज के लिए समर्पित अलग पहला समर्पित केंद्र है, जहां बच्चों और किशोरों को एकाग्रता का अभाव, भावनात्मक जटिलता, अतिसक्रियता, आचरण, विकार, चिंता, अवसाद, आत्म-सम्मान, मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं और व्यवहार संबंधी चिंताओं जैसी चुनौतियों पर काबू पाने के लिए आवश्यक देखभाल के लिए निर्देशित किया जाएगा। राहा का विशेष मुख्य उद्देश्य तर्कहीन क्रोध को नियंत्रित करके बच्चों में हिंसक व्यवहार को नियंत्रित करना है। इसके साथ ही सोशल मीडिया और वेनिंग की लत और बढ़ती नशीली दवाओं की लत जैसी गंभीर समस्याओं का समाधान करने के लिए राहा का प्रमुख उद्देश्य है।
‘राहा’ के बारे में अधिक जानकारी देते हुए वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. अमर शिंदे ने कहा कि राहा का मुख्य मिशन बच्चों को आवश्यक जीवन कौशल विकसित करने और उनके दैनिक जीवन में सकारात्मक तरीके से लचीलापन पैदा करके उनके दिमाग से सफलतापूर्वक जुड़ने में सक्षम बनाना है। पुणे में शुरू होनेवाला यह केंद्र धीरे-धीरे ‘जागृति’ के माध्यम से पूरे देश में शुरू किया जाएगा। ‘राहा’ केंद्र की सेवा पुणे-सोलापुर रास्ते पर मांजरी में जागृति पुनर्वसन केंद्र के शगडेबस्ती केंद्र में शुरू की गई है। आनेवाले समय में मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, अहमदाबाद आदि शहरों में भी जागृति पुनर्वसन केंद्र जहां कार्यरत है, उन सभी जगहों पर राहा केंद्र शुरू किए जाएंगे।
सत्यमेव जयते कार्यक्रम में बाल कानूनी दुर्व्यवहार को रोकने में विशेषज्ञ और ‘बेसिक्स ऑफ सेक्स, जेंडर एंड सेक्शुअलिटी’ के लेखक व प्रख्यात बाल मनोचिकित्सक डॉ. भूषण शुक्ला ने कहा कि भारतीय समाज के सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक संदर्भ को देखते हुए, भारत में बाल और किशोर मनोरोग सेवाएं विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं। राहा केंद्र अभिन्न अंग के रूप में वैज्ञानिक आधार द्वारा पूरक अत्याधुनिक सुविधाएं, चिकित्सीय प्रणाली, परामर्श और शैक्षिक संसाधन प्रदान करेगा, जिससे बच्चों और किशोरों की सभी मानसिक स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने में सेवाएं सक्षम होंगी।

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