ग्रामीण महाराष्ट्र के विकास में स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं का महत्वपूर्ण योगदान : राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन

ग्रामीण महाराष्ट्र के विकास में स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं का महत्वपूर्ण योगदान : राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन
जिला परिषदों और पंचायतों के माध्यम से प्रभावी सेवा वितरण और महिला सशक्तिकरण की सराहना
मुंबई, मई (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन ने ग्रामीण विकास में स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं—जिला परिषद, पंचायत समिति और ग्राम पंचायत—की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान में आयोजित यशवंतराव चव्हाण पंचायत राज अभियान 2023–24 पुरस्कार वितरण समारोह में उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना और अन्य कल्याणकारी योजनाओं की सराहना करते हुए मनरेगा, जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत अभियान जैसे कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन का आह्वान किया।
इस अवसर पर ग्रामविकास और पंचायत राज मंत्री जयकुमार गोरे, राज्यमंत्री योगेश कदम, प्रधान सचिव एकनाथ डवले और कोकण विभागीय आयुक्त डॉ. विजय सूर्यवंशी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
राज्यपाल राधाकृष्णन ने ग्रामीण विकास के लिए समर्पित भाव से काम कर रहे अधिकारियों और कर्मचारियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि पंचायती राज प्रणाली के माध्यम से स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छ पेयजल, सफाई, ग्रामीण आवास, कुपोषण निर्मूलन, सामाजिक न्याय, महिला-बाल कल्याण और आधारभूत सुविधाओं के क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य हो रहा है। उन्होंने बताया कि इन सभी सेवाओं को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों के योगदान को आज सम्मानित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं में महिलाओं को 50% आरक्षण देने वाला अग्रणी राज्य है, जो अत्यंत प्रशंसनीय है। साथ ही, सेवा हक्क कानून लागू करने वाले चुनिंदा राज्यों में से एक है, जिसके माध्यम से नागरिकों को उनके द्वार पर सेवाएं मिलती हैं। महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में ‘उमेद’ (महाराष्ट्र राज्य ग्रामीण जीवनोन्नती अभियान) की सफलता की भी सराहना की गई। उन्होंने ‘लखपति दीदी’ अभियान को साकार रूप देने के लिए माविम और उमेद से और प्रयास करने का आह्वान किया।
राज्यपाल ने यह भी बताया कि महाराष्ट्र की ग्राम पंचायतों ने राष्ट्रीय स्तर पर पंचायती राज पुरस्कार प्राप्त करने में निरंतर श्रेष्ठता दिखाई है। उन्होंने महाराष्ट्र के प्रथम मुख्यमंत्री यशवंतराव चव्हाण को याद करते हुए कहा कि उन्होंने त्रिस्तरीय पंचायती राज प्रणाली की संकल्पना दी, जिससे सत्ता का विकेंद्रीकरण हुआ। 73वें संविधान संशोधन के बाद पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा मिला, जिससे स्थानीय नेतृत्व को विकसित होने का अवसर मिला है। आज कई स्थानीय जनप्रतिनिधि विधायक, सांसद और मंत्री बने हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने ई-ग्राम स्वराज, डिजिटल ग्राम पंचायत और स्वामित्व योजना जैसी डिजिटल पहलें शुरू की हैं। राज्यपाल ने पंचायत राज संस्थाओं से ग्रामसभा के माध्यम से सहभागी और समावेशी योजना निर्माण को अपनाने और ‘विकसित भारत‘ के लक्ष्य की पूर्ति में योगदान देने का आह्वान किया।
सक्रिय सहभाग से ग्रामविकास विभाग की सफल यात्रा : मंत्री जयकुमार गोरे
ग्रामविकास मंत्री जयकुमार गोरे ने कहा कि विभाग ने राज्यभर में उल्लेखनीय कार्य किया है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 20 लाख घरों को एक साथ मंजूरी देने का रिकॉर्ड महाराष्ट्र ने बनाया है, जो अत्यंत सराहनीय उपलब्धि है। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री के 100 दिन कार्यक्रम में विभाग ने शानदार कार्य किया है और अब 150 दिन के कार्यक्रम में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन की उम्मीद है।
2023–24 के पुरस्कार विजेता :
सर्वश्रेष्ठ जिला परिषदें :
प्रथम पुरस्कार : जिला परिषद वर्धा
द्वितीय पुरस्कार : जिला परिषद अमरावती
तृतीय पुरस्कार : जिला परिषद सोलापुर
सर्वश्रेष्ठ पंचायत समितियाँ :
प्रथम पुरस्कार : पंचायत समिति नागपुर
द्वितीय पुरस्कार : पंचायत समिति जळगाव
तृतीय पुरस्कार : पंचायत समिति सांगली
इसके अतिरिक्त राज्य व विभागीय स्तर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले जिला परिषद, पंचायत समिति, मंत्रालय स्तर के अधिकारी/कर्मचारी, महाराष्ट्र विकास सेवा गट-अ, जिला परिषद कर्मचारी, तथा आदर्श ग्रामपंचायत अधिकारी को भी 2022–23 व 2023–24 के लिए पुरस्कार प्रदान किए गए।
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