महाराष्ट्र में अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थिति की कैबिनेट बैठक में समीक्षा

महाराष्ट्र में अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थिति की कैबिनेट बैठक में समीक्षा
नुकसान के तत्काल पंचनामे व मुआवजा देने के निर्देश, आपदा प्रबंधन तंत्र की तैयारी की भी समीक्षा
मुंबई, मई (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
महाराष्ट्र में हाल ही में हुई भारी बारिश से उत्पन्न स्थिति की राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने फसलों और मकानों को हुए नुकसान के तत्काल पंचनामे (आकलन) करने और प्रभावित नागरिकों को शीघ्र मुआवजा देने के निर्देश दिए।
बैठक की शुरुआत में राज्य में हुई अतिवृष्टि, जलाशयों में पानी की स्थिति और फसलों की स्थिति का आकलन किया गया। विभिन्न आपदा प्रबंधन एजेंसियों की तैयारियों की भी विस्तार से समीक्षा की गई।
इस चर्चा में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार, आपदा प्रबंधन मंत्री गिरीश महाजन, महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे, खेल एवं युवक कल्याण मंत्री दत्तात्रय भरणे, रोजगार गारंटी मंत्री भरत गोगावले और मत्स्य व्यवसाय व बंदरगाह विकास मंत्री नितेश राणे ने भाग लिया।
राहत व पुनर्वास विभाग की प्रधान सचिव सोनिया सेठी ने एक प्रस्तुति में बताया कि राज्य आपातकालीन नियंत्रण केंद्र से बचाव व राहत कार्यों के लिए प्रभावी समन्वय किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि ‘सचेत‘ प्रणाली के माध्यम से 1.92 अरब (19 करोड़ 22 लाख) मोबाइल अलर्ट के जरिए वर्षा और बिजली गिरने की चेतावनियाँ जारी की गई हैं। राज्य आपातकालीन केंद्र को आधुनिक संवाद प्रणाली और निर्णय सहायक प्रणाली (Decision Support System – DSS) से सुसज्जित किया गया है, जो आपदा संबंधी जानकारी का विश्लेषण करता है।
राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की चार टीमें — नागपुर में दो और धुले में दो — पूरी तरह से तैयार रखी गई हैं। नांदेड़ में तैनात की जाने वाली टीमें धुले से रवाना हो चुकी हैं, जबकि गडचिरोली के लिए टीमें नागपुर से भेजी जा रही हैं। इसके अलावा अन्य SDRF टुकड़ियाँ भी तैनाती के लिए तैयार हैं, यह जानकारी भी श्रीमती सेठी ने दी।
अब तक राज्य में आठ लोगों की मृत्यु बिजली गिरने, दीवार गिरने, पेड़ गिरने और डूबने की घटनाओं में हो चुकी है, जबकि दो लोग घायल हुए हैं। मुख्यमंत्री श्री फडणवीस ने मृतकों के परिजनों को आवश्यक सहायता और नियमानुसार आर्थिक मदद तुरंत पहुंचाने के निर्देश दिए।
जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव दीपक कपूर ने जानकारी दी कि उजनी बांध में जलसंचय 11 टीएमसी तक बढ़ गया है। जल आपूर्ति व स्वच्छता विभाग के प्रधान सचिव संजय खंदारे ने बताया कि बीते चार दिनों की बारिश के चलते राज्य में टैंकरों की संख्या में थोड़ी गिरावट आई है, हालांकि छत्रपति संभाजीनगर जिले में अभी भी टैंकरों से जल आपूर्ति की जा रही है।
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