20/06/2025

डॉ. सतीश पावडे का श्रीलंका में नाट्यशास्त्र पर व्याख्यान

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डॉ. सतीश पावडे का श्रीलंका में नाट्यशास्त्र पर व्याख्यान

वर्धा, जून (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के प्रदर्शनकारी कला विभाग के वरिष्ठ सहायक प्रोफेसर डॉ. सतीश पावडे ने श्रीलंका में भरतमुनि के नाट्यशास्त्र पर दो व्याख्यान दिए गये। कोलंबो में प्लेटो अकॅडमी ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स द्वारा इन व्याख्यानों का आयोजन किया गया। डॉ. पावडे द्वारा भरत नाट्यशास्त्र का परिचय तथा भरतप्रणित अभिनय : सिद्धांत तथा व्यवहार इन दो विषयों पर व्याख्यान दिये गये। कोलंबो के महारगम सेंट्रल कॉलेज के सभागृह में यह कार्यक्रम संपन्न हुआ।

IMG-20250611-WA0397-300x227 डॉ. सतीश पावडे का श्रीलंका में नाट्यशास्त्र पर व्याख्यान
डॉ. पावडे ने भारतीय ज्ञान परंपरा के परिप्रेक्ष्य में नाट्यशास्त्र का परिचय कराया। भारतीय ही नहीं अपितु वैश्विक कला परंपरा की धरोहर के रूप में नाट्यशास्त्र की प्रासंगिकता का भी वर्णन किया। उन्होंने अभिनय कला का सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक विवेचन प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम के आयोजक तथा प्रसिद्ध पुरातत्व विद्वान डॉ. रांदणू विदुल सोईसा के पुस्तक टुरिज्म एण्ड टूरिस्ट का प्रकाशन भी इस अवसर पर डॉ. पावडे की विशेष उपस्थिति में किया गया। प्लेटो अकॅडमी ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स की निदेशिका आशा हंसीनी परेरा, डॉ. रांदणू द्वारा डॉ. सतीश पावडे तथा विश्वविद्यालय के प्रदर्शनकारी कला विभाग के शोधार्थी विष्णु कुमार का इस कार्यक्रम में सत्कार किया गया।

इस अवसर पर बुद्धिष्ट एवं पाली विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर इथाडेमलिये इंदसारा, पूर्व राजनाईक दिनेश गुणवर्धने, पूर्व सांसद यादामिनी गुणवर्धने, श्री जयवर्धने विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अलेक्झांडर, श्रीलंका नेशनल यूथ कौन्सिल के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सेनरथ विक्रमसिंघे, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा तथा श्रीलंकन नाट्य अभिनेत्री थीलिनी मुनसिंघे लिवेरा आदि मान्यवर उपस्थित थे।

कार्यक्रम के अंत मे प्लेटो अकॅडमी ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स द्वारा निर्मित, आशा हंसीनी परेरा द्वारा निर्देशित कँडी नृत्य, कोल्लम तथा सोकारी लोकनाट्य की प्रस्तुति दी गई।

प्लेटो अकॅडमी ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स द्वारा तीन दिवसीय नाट्य प्रशिक्षण कार्यशाला का भी आयोजन किया गया था। डॉ. सतीश पावडे इस कार्यशाला के मुख्य प्रशिक्षक एवं शोधार्थी विष्णु कुमार इस कार्यशाला के प्रशिक्षक थे। कार्यशाला का संयोजन आशा हंसीनी परेरा ने किया। कार्यशाला में 30 प्रशिक्षुओं ने भाग लिया। डॉ. पावडे द्वारा सभी विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए गये।

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