भारत रत्न डॉ. मनमोहन सिंह : एक प्रेरणास्रोत का अवसान

भारत रत्न डॉ. मनमोहन सिंह : एक प्रेरणास्रोत का अवसान
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और महान अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की खबर से पूरा देश शोकाकुल है। उनका जाना न केवल एक युग का अंत है, बल्कि एक ऐसे मार्गदर्शक और विद्वान की विदाई है जिसने अपनी नम्रता, ज्ञान और अखंडता से भारत को प्रगति की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
डॉ. सिंह का जीवन एक प्रेरणा है। एक साधारण परिवार से निकलकर वे भारत के सर्वोच्च पद तक पहुंचे। उनकी गहरी अर्थशास्त्र की समझ ने 1991 के आर्थिक सुधारों के माध्यम से भारत को आर्थिक संकट से उबारा और एक नई दिशा दी। उनके नेतृत्व में देश ने विकास, रोजगार और वैश्विक सम्मान की ओर कदम बढ़ाए।
प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल को उनकी सरलता और निष्पक्षता के लिए हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने निर्णयों को व्यक्तिगत महत्त्व से ऊपर रखा और देशहित को प्राथमिकता दी। उनकी नम्रता, जिसमें उन्होंने कभी भी व्यक्तिगत श्रेय नहीं लिया, उन्हें एक सच्चे जनसेवक के रूप में स्थापित करती है।
डॉ. सिंह की विदाई भारतीय राजनीति और समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनका जीवन एक प्रेरणा है कि ज्ञान, धैर्य और अखंडता से असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है। उनके ऊर्जादायी कार्य और आदर्श हमारे लिए सदैव प्रेरणास्त्रोत बने रहेंगे।
इस कठिन घड़ी में, हम उनके परिवार और उनके प्रशंसकों के साथ खड़े हैं। उनकी आत्मा को शांति मिले और उनकी विरासत हमेशा हमें नई ऊंचाइयों तक पहुंचने की प्रेरणा देती रहे।
देश के सच्चे सेवक को भावपूर्ण श्रद्धांजलि!
-श्री चाँद शेख
पुणे, (अकलूज)