29/06/2025

पुस्तक समीक्षा : अक्षरों की मेरी दुनिया

Aksharo ki duniya

पुस्तक समीक्षा : अक्षरों की मेरी दुनिया

आज किताबों की आलमारी से निकाल कर किताबों को सहेज रहा था। विपिन पवार का दूसरा निबंध संग्रह अक्षरों की दूसरी दुनिया, मेरे हाथों में आया। सोचा एकबार फिर इन निबंधों से होकर गुजरूँ। इन निबंधों को जब पहली बार पढ़ा था तभी सोचा था कि अपना अभिमत अवश्य प्रकट करूँगा, लेकिन दूसरे कामों में उलझ गया और यह जरूरी काम रह गया।

इन निबंधों को एकबार फिर पढ़ा। सभी निबंध शोधपूर्ण और अत्यंत महत्त्व के हैं। भारत की प्रथम महिला डॉक्टर श्रीमती आनंदी बाई जोशी की जीवन गाथा बहुत ही प्रेरणादायक है। उनका जीवनकाल भले ही छोटा रहा, लेकिन एक प्रकाश स्तम्भ के समान भारतीय समाज के लिए मार्गदर्शक हो गया। एक फ़िल्म में सुना संवाद कि जीवन लम्बा नहीं बड़ा होना चाहिए, याद आ गया। विपिन को पर्यटन से गहरा लगाव है। वे जिन पर्यटनस्थलों पर जाते हैं, उनके सजीव विवरण इस प्रकार प्रस्तुत करते हैं कि उन स्थलों पर जाने की लालसा तीव्र हो जाती है। मध्य रेल की शान : ताडोबा उद्यान, शौर्य तथा आध्यात्म का कीर्ति शिखर : सज्जनगढ़, महाराष्ट्र का महान पर्यटन, पर्यटकों की तीर्थस्थली – सरोवर नगरी नैनीताल और इंद्रायणी। इन सभी निबंधों के पीछे का गहन अध्ययन और प्रकृति से लगाव गहरी छाप छोड़ जाता है। ऐसा ही एक छोटा आलेख हाथरस की खासियत भी उल्लेखनीय है।

विपिन के कुछ निबंध व्यक्तिपरक आलेख हैं। यह आलेख उन व्यक्तियों से ऐसी सघन स्मृतियों के भंवर में ले जाते हैं कि अपरिचय की सभी सीमाएं टूट जाती हैं। 103 साल के युवा : हमारे गोखले बुवा का चमत्कृत करने वाला व्यक्तित्व सोचने को बाध्य कर देता है कि औपचारिक शिक्षा न भी हो तो भी जो जीवन की पाठशाला में मन लगा कर सीखता है, वह कीर्ति के उन शिखरों को भी छू सकता है जो दूर से दुर्गम दिखाई देते हैं। आभाएं कभी बुझा नहीं करतीं एक अत्यंत भावुक कर देने वाला निबंध है। इस निबंध ने कहानी, कविता और ललित निबंध की सीमाओं का अतिक्रमण कर दिया है। यह व्यक्तिचित्र स्मृतियों में स्थाई रूप से अंकित हो जाता है। आम आदमी के खास कवि : मुक्तिबोध विपिन के हृदय के निकटतम कवि मुक्तिबोध की मानसिक जटिलताओं और काव्य संसार की गहराई से परिचित कराने वाला एक विस्तृत निबंध है। यह निबंध मुक्तिबोध पर शोधकार्य की पूर्वपीठिका की भूमि सृजित करता है। एक ऐतिहासिक पात्र बहिर्जी नाइक जो कि छत्रपति शिवाजी महाराज के विश्वसनीय गुप्तचर और विभाग प्रमुख थे, उनकी प्रतिभा तथा दूरदृष्टि का पूर्ण परिचय कराता हुआ व्यक्तिचित्र है। युवा पीढ़ी को अतीत के इन नायकों की जीवनी अवश्य ही पढ़नी चाहिए, जिनके हस्ताक्षर समय की शिला पर आज भी अंकित हैं।

एक निबंध आइए कम्प्यूटर पर तेजी से काम करें, मेरे जैसे लाखों लोगों के लिए कम्प्यूटर पर हिन्दी में कार्य करने का मार्ग प्रशस्त करता है। यह अत्यंत उपयोगी निबंध है जो विपिन के तकनीक के प्रति लगाव को रेखांकित करता है। एक परिशिष्टनुमा खण्ड है, जिसमें राजभाषा विभाग में रह कर विपिन द्वारा सम्पादित अनेक पत्रिकाओं के महत्वपूर्ण संपादकीय संकलित किए गए हैं। इन संपादकीयों के माध्यम से हम विपिन की नेतृत्वक्षमता और प्रशासनिक दक्षता को पहचान सकते हैं।

विपिन पवार के पास प्रांजल भाषा और भावुक हृदय है। वे यदि ललित निबंधों की दिशा में अपनी लेखनी को अग्रसर करें तो हिन्दी साहित्य को कुछ अनुपम ललित निबंध मिल सकते हैं। उनकी स्मृतियाँ बहुत सघन और स्मृतिकोष बहुत समृद्ध हैं। गहन अध्ययन से सन्दर्भ समृद्धि भी उन्हें प्राप्त है। मैं आशा करता हूँ कि शीघ्र ही विपिन पवार का एक संस्मरणों पर केंद्रित संग्रह भी साहित्यजगत में शंख नाद करेगा। मेरे ढेरों आशीष विपिन के साथ हैं।

Naveen-Chaturvedi-300x236 पुस्तक समीक्षा : अक्षरों की मेरी दुनियाश्री नवीन चतुर्वेदी
जबलपुर

About The Author

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *