एआई कोई संकट नहीं, बल्कि एक अवसर : डॉ. नचिकेत ठाकुर
डिज़ाइन सिंक कॉन्फ्रेंस में विशेषज्ञों की राय

लोनी कालभोर, अगस्त (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का अगर सकारात्मक और रचनात्मक इस्तेमाल किया जाए, तो यह इस काम की गति को कई गुना बढ़ा सकता है और मानवता के सामने खड़ी कई जटिल समस्याओं का समाधान भी प्रदान कर सकता है। लेकिन, तकनीक चाहे कितनी भी उन्नत क्यों न हो, उसे हमेशा मानवीय स्पर्श की आवश्यकता होगी इसलिए, एआई को संकट के रूप में नहीं, बल्कि एक अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए। यह विचार एमआईटी एडीटी विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ डिज़ाइन के अधिष्ठाता डॉ. नचिकेत ठाकुर ने व्यक्त किए। वे यहाँ आयोजित डिज़ाइन सिंक इस एक दिवसीय सम्मेलन में बोल रहे थे।

इस सम्मेलन में गूगल की यूएक्स शोधकर्ता केतकी आगाशे, ट्यूरिंग लैब्स के सीईओ मनोज कोठारी, लैंडर कंपनी के डिजाइनर आर्यन शर्मा और सिमरन चोपड़ा विशेष रूप से उपस्थित थे।

डॉ. ठाकुर ने आगे कहा कि एमआईटी एडीटी इंस्टीट्यूट ऑफ डिज़ाइन देश के अग्रणी संस्थानों में से एक है। इस वर्ष एनआईआरएफ रैंकिंग में डिज़ाइन समूह के अंतर्गत संस्थान को राष्ट्रीय स्तर पर 150-200 के बीच स्थान मिला है। साथ ही, विभाग ने क्यूएस रैंकिंग में भी उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। संस्थान छात्रों के समग्र विकास के लिए मेराकी और कारी जैसे कला उत्सवों सहित वर्ष भर कई गतिविधियों का आयोजन करता है। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य डिज़ाइन और एआई के समन्वय में भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा करना और छात्रों को विशेषज्ञ मार्गदर्शन प्रदान करना है।

इस अवसर पर ट्यूरिंग लैब्स के मनोज कोठारी ने कहा कि हमारी कंपनी यूएक्स और तकनीकी क्षेत्रों में निरंतर नवाचार कर रही है। एमआईटी एडीटी यूनिवर्सिटी के साथ हमारे एमओयू के तहत हर साल कई गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं। आज हर क्षेत्र को डिज़ाइन की ज़रूरत है और रचनात्मकता डिज़ाइन की आत्मा है। जब एक डिज़ाइनर में रचनात्मकता होती है, तो उसकी कला अमर होती है।
केतकी आगाशे, आर्यन शर्मा और सिमरन चोपड़ा ने भी अपने विचार व्यक्त किए और छात्रों का मार्गदर्शन किया।

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