हड़पसर, अप्रैल (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क)
गर्मियों का मौसम चल रहा है, अब पशु-पक्षियों के लिए एक कटोरा दाना-पानी डालें… खेती ख़त्म हो गई और कंक्रीट का जंगल खड़ा हो गया है। ऐसे में पशु-पक्षी पानी के लिए भटकने लगे हैं। उन्हें दाना और पानी देना सभी की जिम्मेदारी है। घर के पास, खिड़कियों, गैलरी और टेरेस-छतों पर बर्तनों में पानी रखकर गौरैया-पक्षियों की प्यास बुझाएं। यह पहल हांडेवाडी रोड स्थित गंगा विलेज सोसाइटी की वर्षा अनिल पाटिल ने शुरू की है।

गंगा विलेज सोसाइटी के पेड़ों की शाखाएं, सोसाइटी की छत, जबकि कुछ निवासियों ने स्वयं की गैलरी में गौरैया पक्षियों के लिए दाना-पानी उपलब्ध कराने का संकल्प शुरू कर दिया गया है। अब सभी को अपने-अपने घर की गैलरी, छत या आंगन में एक बर्तन में पानी और एक बर्तन में दाना रखकर पक्षियों की प्यास-भूख बुझानी की इस पहल में भाग लेना चाहिए। यह अनुरोध प्राणिमित्र पाटिल द्वारा किया गया है।

प्राणिमित्र पाटिल ने कहा कि गर्मियां शुरू होते ही हर कोई पानी की तलाश में रहता है। गर्मियों में पक्षियों को अपनी प्यास बुझाने के लिए पानी की तलाश में उड़ते देखना जीवन को कष्टमय बना देता है। गर्मियों में पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए उन्हें आसान तरीके से पानी उपलब्ध हो इस हेतु यह पहल शुरू करते हुए सोसाइटी परिसर में पानी के बर्तन लगवाने का बीड़ा उठाया है। अन्य सोसाइटी के नागरिकों द्वारा भी इस प्रकार से गतिविधियों को क्रियान्वित करने की आवश्यकता है।

पाटिल द्वारा शुरू की गई पहल में चेयरमैन योगेंद्र गायकवाड, सेक्रेटरी दिलावर शेख, कोषाध्यक्ष मधुकर जगताप, संजय पवार, मोहन मोरे, गणेश वाडकर, विवेक मुले, रोहिदास सायकर, संतोष कारंजकर, अंकुश जाधव, रतन कुंडू, श्रीकृष्ण ताजने, सुनील गव्हाले, गणेश पाटिल, नितेश गद्रे, प्रकाश खांडेकर, वसीम फरास, मधू मेनन, रंजना रणपिसे, नीता जमदाडे, युवराज सावंत, संतोष ताकभाते, संदीप घाडगे व अन्य सदस्यों ने इस गतिविधि को क्रियान्वित करने का निर्णय लिया है।

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