स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि-5 मिसाइल का पहला सफल परीक्षण
भारत ने मिशन दिव्यास्त्र के अंतर्गत मल्टीपल इंडीपेन्डेन्टली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल – एमआईआरवी प्रौद्योगिकी के साथ स्वदेश विकसित अग्नि 5 मिसाइल की पहली उड़ान का आज सफल परीक्षण किया। इस तकनीक के जरिए अलग-अलग क्षेत्रों में विभिन्न लक्ष्यों पर निशाना साधा जा सकता है। इस परियोजना की निदेशक एक महिला है तथा मिशन में कई महिलाओं का योगदान है। मिशन दिव्यास्त्र के परीक्षण के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है जिनके पास एमआईआरवी क्षमता है। इस तकनीक में स्वदेशी एविओनिक्स प्रणाली है और सटीकता से विभिन्न लक्ष्यों को भेदने की क्षमता है। यह भारत की बढती प्रौद्योगिकी की शक्ति का प्रतीक है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मिशन दिव्यास्त्र की सफलता पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन को बधाई दी है। राष्ट्रपति ने कहा कि यह मिशन भारत की बढती भू-रणनीतिक भूमिका और क्षमताओं की दिशा में काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यह आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी एक मजबूत कदम है।
उपराष्ट्रपति ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि यह परीक्षण भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं और नवाचार की ओर बढ़ते कदम का प्रतीक है।
एक सोशल मीडिया पोस्ट में प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के वैज्ञानिकों पर गर्व है।
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