महाराष्ट्र एमएसएमई डिफेंस एक्सपो में छात्रों और उद्यमियों को जाना चाहिए : उद्योगमंत्री उदय सामंत

महाराष्ट्र एमएसएमई डिफेंस एक्सपो में छात्रों और उद्यमियों को जाना चाहिए : उद्योगमंत्री उदय सामंत

पुणे, फरवरी (जिमाका)
रक्षा उत्पादन क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए राज्य के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को सक्षम करनेवाले देश में सबसे बड़ा और महाराष्ट्र में इस तरह का पहला ‘महाराष्ट्र एमएसएमई डिफेंस एक्सपो’ में छात्रों, उद्यमियों और नागरिकों का जाना चाहिए। यह अपील उद्योगमंत्री उदय सामंत ने की है।

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इंटरनैशनल एक्जीविशन एण्ड कन्वेनशन सेंटर, मोशी में ‘महाराष्ट्र एमएसएमई डिफेंस एक्स्पो’ की पूर्व तैयारी का श्री सामंत ने निरीक्षण किया, तब आयोजित समीक्षा बैठक में वे बोल रहे थे। बैठक में विभागीय आयुक्त चंद्रकांत पुलकुंडवार, पुणे महानगरपालिका आयुक्त विक्रम कुमार, पिंपरी चिंचवड महानगरपालिका आयुक्त शेखर सिंह, पीएमआरडीए के आयुक्त राहुल महिवाल, गणेश निबे, किशोर धारिया, महाराष्ट्र राज्य औद्योगिक विकास महामंडल के मुख्य अभियंता प्रकाश चव्हाण, नितिन वानखेडे आदि उपस्थित थे।

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श्री सामंत ने कहा कि मोशी के अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी और कन्वेंशन सेंटर में 24 फरवरी से शुरू होनेवाली इस प्रदर्शनी में भारतीय नौसेना, थल सेना और वायु सेना इन तीनों सुरक्षा बलों का अहम हिस्सा है। प्रदर्शनी के विभिन्न सत्रों में भारत की रक्षा उपलब्धियों, विभिन्न शस्त्रों के उत्पादन, रक्षा क्षेत्र में अवसरों के बारे में छात्रों को उपयोगी जानकारी मिलेगी। स्कूली विद्यार्थियों में शस्त्रों के संबंध को लेकर उत्सुकता रहती है। उन्हें आधुनिक शस्त्रों के साथ-साथ रक्षा साहित्य को भी करीब से देखने का अवसर है।

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रक्षा अभियांत्रिकी उद्योगों को भी प्रदर्शनी में शामिल किया जाएगा। इस क्षेत्र से जुड़े स्टार्ट अप और अन्य उद्योगों को उद्योग विस्तार और इस क्षेत्र में अवसरों की प्रदर्शनी के माध्यम से जानकारी मिलेगी, इसलिए उद्योग क्षेत्र से जुड़े प्रतिनिधियों को प्रदर्शनी में भाग लेना चाहिए। ऐसी अपील भी श्री सामंत ने की है।
प्रदर्शनी में जो भाग लेना चाहते हैं, एमएसएमई को निःशुल्क दालान उपलब्ध करवाकर दें। सभी उद्योग संघटनाओं की बैठकें आयोजित कर उन्हें आमंत्रित किया जाए। यह निर्देश भी उन्होंने दिए।

प्रदर्शनी के चार दालनों को शिवनेरी, सिंधुदुर्ग, रायगढ़ व पन्हाला ऐसे नाम दिए जाएंगे। पूरे परिसर में छत्रपति शिवाजी महाराज के किलों की सुरक्षा के प्रमाण की अवधारणा प्रदर्शित की जाएगी। अभियांत्रिकी महाविद्यालयों के 1 लाख से अधिक छात्र प्रदर्शनी का अवलोकन करेंगे। उन्हें 1000 तरह की तकनीक देखने के साथ ही भारतीय सुरक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारियों का मार्गदर्शन मिलेगी। ऐसी भी जानकारी इस अवसर पर दी गई। बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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