सरकारी कार्यालयों का बिजली बिल बकाया 23 करोड़ के पार

सरकारी कार्यालयों का बिजली बिल बकाया 23 करोड़ के पार

सरकारी कार्यालयों का बिजली बिल बकाया 23 करोड़ के पार

पश्चिमी महाराष्ट्र की स्थिति; बकाया भुगतान करें, महावितरण द्वारा लिखित अनुरोध

पुणे, फरवरी (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
बिजली बिल के बढ़ते बकाया के कारण जहां महावितरण की वित्तीय स्थिति कठिन होती जा रही है, वहीं कुछ विभागों के सरकारी कार्यालयों पर बिजली बिल का बकाया बढ़ गया है। इसमें पश्चिमी महाराष्ट्र के 7365 विभिन्न कार्यालयों, मुख्य रूप से पुलिस विभाग और जिला परिषद के बिजली बिल का बकाया 21 करोड़ 40 लाख रुपये हो गया है। इसके साथ ही पुणे और पिंपरी चिंचवड़ नगर निगम के 1392 कार्यालयों का बिजली बिल बकाया बढ़कर 1 करोड़ 73 लाख 50 हजार रुपये हो गया है।

इस बीच महावितरण के पुणे क्षेत्रीय निदेशक श्री अंकुश नाले ने पुणे और पिंपरी चिंचवड़ नगर निगम के आयुक्त, पश्चिम महाराष्ट्र के जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, पुलिस विभाग के पुलिस आयुक्त और पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजकर भुगतान के संबंध में तत्काल कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। बिजली बिल की बकाया राशि के इस पत्र के साथ संबंधित बकाया कार्यालयों की सूची भी संलग्न है।

पश्चिमी महाराष्ट्र में घरेलू, वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं द्वारा मासिक बिजली बिलों का भुगतान नहीं करने के कारण पिछले कुछ महीनों से बकाया बढ़ता जा रहा है। वर्तमान में, पश्चिमी महाराष्ट्र में घरेलू, वाणिज्यिक और औद्योगिक श्रेणियों के 17 लाख 85 हजार बिजली उपभोक्ताओं पर 332 करोड़ 79 लाख रुपये का बकाया है। इस बकाया राशि को वसूलने के लिए महावितरण ने बिजली आपूर्ति में कटौती का अभियान शुरू किया है। इसके साथ ही सबसे अधिक बिजली बिल बकाया वाले सरकारी कार्यालयों की सूची भी तैयार की गई है। महावितरण बकाया भुगतान के लिए संबंधित कार्यालयों से संपर्क कर रहा है। स्पष्ट किया जा रहा है कि बकाया राशि का भुगतान नहीं करने पर बिजली आपूर्ति बाधित कर दी जायेगी।

पुणे जिले में 4 हजार 348 सरकारी दफ्तरों पर 8 करोड़ 57 लाख रुपये का बकाया है। इसमें से पुणे नगर निगम के 552 कार्यालयों पर 63 लाख, पिंपरी चिंचवड़ नगर निगम के 840 कार्यालयों पर 1 करोड़ 11 लाख, पुणे जिला परिषद के 1913 कार्यालयों पर 5 करोड़ 58 लाख, इसके अलावा पुणे, पिंपरी चिंचवड़ शहर और पुणे ग्रामीण पुलिस विभाग के 1043 कार्यालयों पर 1 करोड़ 25 लाख रुपये का बकाया है।

सातारा जिले में 1393 सरकारी कार्यालयों पर 2 करोड़ 11 लाख रुपए का बिजली बिल बकाया है। इसमें सातारा जिला परिषद के 1285 कार्यालयों के लिए 1 करोड़ 97 लाख रुपये और जिला पुलिस विभाग के 108 कार्यालयों के लिए 13 लाख रुपये का बकाया शामिल है। इसके अलावा, सोलापुर जिले में सोलापुर जिला परिषद के 1621 कार्यालयों पर 4 करोड़ 76 लाख और जिला पुलिस विभाग के 85 कार्यालयों पर 17 लाख कुल 1706 कार्यालयों पर 4 करोड़ 93 लाख रुपये का बिजली बिल बकाया है।
सांगली जिला परिषद के 892 कार्यालयों पर 2 करोड़ 9 लाख और पुलिस विभाग के 219 कार्यालयों पर 1.8 लाख, सांगली जिले में कुल 1111 कार्यालयों पर 2 करोड़ 27 लाख रुपये का बिजली बिल बकाया है। जबकि कोल्हापुर जिला परिषद के 146 कार्यालयों पर 5 करोड़ 19 लाख रुपये और जिला पुलिस विभाग के 53 कार्यालयों पर 6 लाख रुपये हैं, कोल्हापुर जिले में कुल 199 कार्यालयों पर 5 करोड़ 26 लाख रुपये का बिजली बिल बकाया है।

सरकारी कार्यालयों को सार्वजनिक सेवा श्रेणी के तहत महावितरण से बिजली शुल्क लिया जाता है। ये बिजली दरें घरेलू दरों के समान या स्लैब के आधार पर उससे भी कम हैं। इसमें शिक्षा और चिकित्सा सेवाओं के लिए 20 किलोवाट तक के बिजली कनेक्शन के लिए 4 रुपये 13 पैसे प्रति यूनिट, 20 किलोवाट से ऊपर के बिजली कनेक्शन के लिए 5 रुपये 94 पैसे और 50 किलोवाट से ऊपर के बिजली कनेक्शन के लिए 7 रुपये 45 पैसे प्रति यूनिट बिजली दर तय की गई है। जबकि अन्य सरकारी कार्यालयों के लिए 20 किलोवाट तक बिजली शुल्क 5 रुपये 94 पैसे प्रति यूनिट और उससे ऊपर 9 रुपये 40 पैसे प्रति यूनिट की दर से लिया जा रहा है।
बिजली बिलों के भुगतान के लिए सभी सरकारी कार्यालयों के वार्षिक बजट में धनराशि प्रदान की जाती है और तद्नुसार संबंधित विभाग से धनराशि उपलब्ध होती है। हालाँकि, पश्चिमी महाराष्ट्र में जिला परिषद, पुणे और पिंपरी चिंचवड़ नगर निगम और पुलिस विभाग के विभिन्न कार्यालयों द्वारा बिजली बिल का भुगतान नहीं करने के कारण बकाया बढ़ता जा रहा है।
यह जानकारी पुणे महावितरण कंपनी के उपमुख्य जनसंपर्क अधिकारी श्री निशिकांत राऊत द्वारा दी गई है।

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