व्यापक व पर्यावरण-अनुकूल ‘पुणे जिला व्यापक पर्यटन योजना’ तैयार की जाए : जिलाधिकारी जितेंद्र डूडी ने दिए निर्देश
व्यापक व पर्यावरण-अनुकूल ‘पुणे जिला व्यापक पर्यटन योजना’ तैयार की जाए : जिलाधिकारी जितेंद्र डूडी ने दिए निर्देश
आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के ई-कार्ड के लिए विशेष अभियान चलाया जाए
पुणे, फरवरी (जिमाका)
पुणे जिले में ऐतिहासिक किलों, धार्मिक स्थानों, सांस्कृतिक, क्रीड़ा, नदियों, वन्य जीवन, जैवविविधता, बांध, कृषि, वन, जल पर्यटन, साहसिक खेल, पक्षी निरीक्षण, पर्यावरण, घास के मैदान सफारी आदि की एक व्यापक पर्यावरण-अनुकूल ‘पुणे जिला समग्र पर्यटन योजना’ तैयार करें। यह निर्देश जिलाधिकारी जितेंद्र डुडी ने दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पयर्टन योजना तैयार करते समय कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग सहित अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग किया जाना चाहिए।
जिलाधिकारी कार्यालय में आयोजित ‘पुणे जिला व्यापक पर्यटन योजना’ के निर्माण के संबंध में आयोजित बैठक में वे बोल रहे थे। यहां उपवनसरंक्षक महादेव मोहिते, अमोल सातपुते, पर्यटन निदेशालय के पुणे क्षेत्रीय उप निदेशक शमा पवार, लोक निर्माण विभाग के अधीक्षक अभियंता बप्पा बहीर, कार्यकारी अभियंता अमोल पवार, सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता दिगंबर डुबल, श्वेता कुर्हाडे, पुरातत्त्व विभाग के सहायक संचालक डॉ. विलास वहाणे, जिला नियोजन अधिकारी किरण इंदलकर आदि उपस्थित थे।
श्री डूडी ने कहा कि जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज के अमूल्य कार्यों को दर्शाते ऐसे किले हैं। इन किलों की ओर देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए कार्य किये जायें। इसमें पर्यटकों को आकर्षित करने के साथ-साथ राजस्व में वृद्धि, स्थानीयों को रोजगार, स्थानीय लोक परंपरा, साहित्य, कला, संगीत, नाटक आदि पर विचार किया जाना चाहिए और पर्यटक स्थलों का चयन किया जाना चाहिए। पर्यटक स्थलों को साफ़ रखने के अलावा यह सुनिश्चित करने पर ध्यान रखा जाना चाहिए कि कोई प्रदूषण न हो और पर्यावरण का कोई क्षरण न हो, इस बारे में सावधान रहें।
पर्यटन स्थलों के बारे में व्यापक जागरूकता के साथ-साथ पर्यटकों को पर्यटक गाइड, सड़कें, दिशा-निर्देश बोर्ड, भोजनालय, आवास, यात्रा व्यवस्था, मूल्य सूची, चिकित्सा सुविधाओं आदि के बारे में ऑनलाइन व्यापक जानकारी प्राप्त करने की आवश्यकता है। इसके लिए प्रसिद्ध पर्यटन विशेषज्ञों का मार्गदर्शन लें।
आगामी नवम्बर या दिसम्बर माह में एक पर्यटन महोत्सव आयोजित करने की योजना बनायी जानी चाहिए और इसके लिए सबसे पहले स्थान का निर्धारण किया जाना चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय स्तर के गाइडों, पर्यटन क्षेत्र से संबंधित विभिन्न सामाजिक संगठनों को भी आमंत्रित किया जाना चाहिए। इस संबंध में, पुणे जिले के पर्यटन क्षेत्र की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग के लिए ‘पुणे जिला व्यापक पर्यटन योजना’ का निर्माण महत्वपूर्ण होगा। इसके अनुरूप सभी विभाग समन्वय बनाकर कार्य करें।
आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के ई-कार्ड के लिए विशेष अभियान चलाया जाए
जिले में आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के ई-कार्ड के लिए विशेष अभियान चलाया जाए। यह निर्देश जिलाधिकारी जितेंद्र डूडी ने दिए हैं।
‘आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ और ‘महात्मा ज्योतिराव फुले जन आरोग्य योजना’ इन दोनों योजनाओं को राज्य में एकीकृत रूप में क्रियान्वित किया जा रहा है। आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ लेने के लिए पात्र लाभार्थी परिवार के प्रत्येक सदस्य को आयुष्मान कार्ड निःशुल्क वितरित किया जा रहा है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के माध्यम से आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का ई-कार्ड बनाने के लिए एंड्रॉइड वर्जन आयुष्मान ऐप मोबाइल प्रयोगकर्ता (एप्लिकेशन) बनाया गया है। इस मोबाइल ऐप के माध्यम से बेनिफिशरी लॉगिन से लाभार्थी और ऑपरेटर लॉगिन के सीएससी केंद्र चालक, ग्रामपंचायत आपले सरकार सेवा केंद्र’ चालक व आशा सेवक पात्र लाभार्थी परिवार के सदस्य के लिए आधार ओटीपी या चेहरे की पहचान के माध्यम से (फेस ऑथेंटिकेशन) ई-कार्ड बना सकते हैं।
पुणे जिले के पात्र लाभार्थियों में से 52 लाख लाभार्थियों को उनके ई-कार्ड नहीं मिले हैं। जिले में बचे हुए लाभार्थियों का जल्द से जल्द ई-केवाईसी आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए जिले में विशेष अभियान चलाने की योजना बनाई जा रही है। तदनुसार, प्रत्येक गांव और शहर के वार्ड में सरकारी राशन दुकानदार, आशा स्वयंसेवक, सीएससी केंद्र चालक एक साथ आकर योजना बनाएं। प्रत्येक सरकारी राशन दुकानदारों को उनके पास पंजीकृत वाले सभी परिवार के सभी सदस्यों की एक सूची तैयार करनी चाहिए। सूचीबद्ध करने के बाद आयुष्मान कार्ड धारी परिवारों एवं विहीन परिवारों का वर्गीकरण किया जाए। सरकारी राशन दुकानदार द्वारा आयुष्मान कार्ड नहीं निकाले गए लाभार्थियों को राशन दुकान पर बुलाया जाए। इसकी जिम्मेदारी दुकानदार की होगी।
गांव की सभी आशा स्वयंसेविकाएं एवं सीएससी केंद्रचालक सरकारी राशन दुकान में पूरे दिन उपस्थित रहकर दुकान पर आए सभी लाभार्थियों की मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से ई-केवाईसी करें। उक्त ई-केवाईसी कार्ड जारी करने की प्रक्रिया 25 दिनों के भीतर पूरी की जानी चाहिए।
ई-केवाईसी के कार्य की समीक्षा के लिए तालुका स्तर पर तहसीलदार की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी। इसमें समूह विकास अधिकारी सह-अध्यक्ष, तालुका चिकित्सा अधिकारी सचिव और आपूर्ति निरीक्षण अधिकारी संयुक्त सचिव होंगे। इस प्रकार प्रत्येक तालुका में और नगर निगम, नगर परिषद व नगर पंचायत सीमा के भीतर शेष आयुष्मान कार्ड (ई-केवाईसी) निकालने की प्रक्रिया 25 दिनों के भीतर पूरी की जानी चाहिए।
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