मध्य रेल पुणे मंडल के जनसंपर्क अधिकारी रामपाल बड़पग्गा हुए सेवानिवृत्त
मध्य रेल पुणे मंडल के जनसंपर्क अधिकारी रामपाल बड़पग्गा हुए सेवानिवृत्त
पुणे, फरवरी (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
मध्य रेल पुणे मंडल के कार्य कुशल सक्षम जनसंपर्क अधिकारी रामपाल बड़पग्गा ने अपनी 34 साल रेलवे की सेवा के बाद 31 जनवरी 2025 को रिटायर (सेवा मुक्त) हो गए हैं।
रामपाल बड़पग्गा ने पंजाबी यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से एम.ए. करने के बाद मध्य रेल के मुंबई मंडल पर दिनांक 8.10.1990 को भर्ती हुए। आपको मध्य रेल के मुंबई के अलावा, नागपुर एवं पुणे मंडल और उत्तर रेलवे के अंबाला मंडल पर सराहनीय कार्य करने का अनुभव प्राप्त है। रामपाल बड़पग्गा ने जहां भी कार्य किया है वहां सभी पत्रकारों से अपना शब्दों का मधुर संबंध बनाने में महारत हासिल की। रामपाल बड़पग्गा मधुर, हंसमुख स्वभाव से भी उनकी एक अलग पहचान रेलवे में बनी रही है।
आप के पास जुलाई 1998 से लेकर अपनी सेवानिवृत्त होने तक जनसंपर्क विभाग में काम करने का एक बड़ा अनुभव है।
रेलवे की सेवा में रहते रामपाल बड़पग्गा ने मुंबई यूनिवर्सिटी से वकालत, लॉ की डिग्री (LLB) हासिल की।
उसके बाद आपने मदुरै कामराज यूनिवर्सिटी से एम. ए. विज्ञापन एव जनसंपर्क (M.A. Advertising and Public Relations) की डिग्री ली।
उसके साथ-साथ रामपाल बड़पग्गा ने जर्नलिज्म एवर मास कम्युनिकेशन का पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा (PGJMC) भी किया है और मद्रास यूनिवर्सटी से (M.Sc. Geography) की डिग्री भी हासिल की है।
मध्य रेल पुणे मंडल में रामपाल बड़पग्गा उच्च शिक्षित जिन्हें जनसंपर्क का पूरा-पूरा ज्ञान रहा है। रामपाल बड़पग्गा के आने के पहले रेलवे में कई Negative खबरें लगातार छपती थीं। पुणे मंडल को नेगेटिव समाचारों को पॉजिटिव करने का श्रेय भी रामपाल बड़पग्गा को जाता है।
रामपाल बड़पग्गा के आने से पहले कभी भी हिंदी, इंग्लिश में प्रेस विज्ञप्ति नहीं आती थी। जब से रामपाल बड़पग्गा ने पुणे मंडल पर पदभार संभाला है तभी प्रेस विज्ञप्तियां हिंदी, मराठी,अंग्रेजी तीनों भाषाओं में लगातार पत्रकारों को मिल रही हैं।
मध्य रेल मुंबई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रेलवे में कई वर्षों से जनसंपर्क अधिकारी के कई पद रिक्त हैं।
रामपाल बड़पग्गा के आने के पहले पुणे मंडल में कई महीने लगातार जनसंपर्क अधिकारी का पद रिक्त रहा। कई महीनों तक अतिरिक्त प्रभार के रूप में कभी डीसीएम कभी एससीएम के पास अतिरिक्त प्रभार दिया जाता था तभी का आलम यह था कि पुणे रेल मंडल में कोई भी जानकारी पत्रकारों को समय पर नहीं मिलती थी। उनके सेवा निवृत होने से उनके प्रिय जन मायूस हैं। रामपाल एक अच्छे और सुलझे हुए इंसान तो हैं ही साथ ही वह एक प्रिय जनसंपर्क अधिकारी भी हैं।
पुणे रेल मंडल को स्वतंत्र जनसंपर्क अधिकारी कब तक मिलेगा? जिससे पुणे मंडल के सभी पत्रकारों को समय-समय पर रेलवे की खबरें सुचारू रूप से मिलती रहें।
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