सुभाषचंद्र बोस का जीवन युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत : डॉ. शरद कांदे

सुभाषचंद्र बोस का जीवन युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत : डॉ. शरद कांदे

सुभाषचंद्र बोस का जीवन युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत : डॉ. शरद कांदे

ट्रिनिटी पॉलिटेक्निक में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई

कोंढवा, जनवरी (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क)
सुभाषचंद्र बोस ने देश की आजादी के लिए की कड़ी मेहनत, त्याग और समर्पण लब्जों में बया नहीं किए जा सकते हैं। देश की आजादी की लड़ाई में नई ऊर्जा भरनेवाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जीवन और देश के लिए किया गया बलिदान आज भी युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है।

ट्रिनिटी पॉलिटेक्निक में नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा को कॉलेज के प्राचार्य डॉ. शरद कांदे ने पुष्पहार अर्पित करके अभिवादन किया, तब वे बोल रहे थे। इस अवसर पर यहां प्रा. हनुमंत इंगले, प्रा. अंकिता सूर्यवंशी, प्रा.सारिका कोरडे, प्रा. प्रियंका भोसले, कार्यालय अधीक्षक भारत लेंडवे, प्रा. सचिन घुगे, सोमनाथ कोंडे के साथ अन्य उपस्थित थे।

डॉ. शरद कांदे ने आगे बोलते हुए कहा कि वे भगवद गीता से प्रभावित थे और इसे अंग्रेजों के खिलाफ अपनी लड़ाई के लिए प्रेरणास्रोत के रूप में देखते थे। सुभाष चंद्र बोस बचपन से ही स्वामी विवेकानन्द के विश्वव्यापी और राष्ट्रवादी विचारों से बहुत प्रभावित थे। सुभाष चंद्र बोस ने ऊंचे पद की नौकरी छोड़कर खुद को देश की सेवा में समर्पित कर दिया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस को भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी भूमिका के लिए जाना जाता है।

इस अवसर पर कार्यालय अधीक्षक भारत लेंडवे ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का प्रास्ताविक ग्रंथपाल स्वाति मते और आभार प्रदर्शन प्रा. अंकिता सूर्यवंशी ने किया।

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