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प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) ने मेसर्स नितिका फार्मास्युटिकल स्पेशियलिटीज प्राइवेट लिमिटेड, नागपुर को “मैन्यूफैक्चर ऑफ कॉम्प्लेक्स एक्सीपिएंट्स” परियोजना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की

प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) ने मेसर्स नितिका फार्मास्युटिकल स्पेशियलिटीज प्राइवेट लिमिटेड, नागपुर को "मैन्यूफैक्चर ऑफ कॉम्प्लेक्स एक्सीपिएंट्स" परियोजना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की

प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) ने मेसर्स नितिका फार्मास्युटिकल स्पेशियलिटीज प्राइवेट लिमिटेड, नागपुर को “मैन्यूफैक्चर ऑफ कॉम्प्लेक्स एक्सीपिएंट्स” परियोजना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की

प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) ने मेसर्स नितिका फार्मास्युटिकल स्पेशियलिटीज प्राइवेट लिमिटेड, नागपुर को मैन्यूफैक्चर ऑफ कॉम्प्लेक्स एक्सीपिएंट्स” परियोजना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की

भारत के फार्मास्युटिकल विनिर्माण परितंत्र को मजबूत करने और आयात पर निर्भरता कम करने के अपने निरंतर प्रयास में, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) ने मेसर्स नितिका फार्मास्युटिकल स्पेशियलिटीज प्राइवेट लिमिटेड, नागपुर को मैन्यूफैक्चर ऑफ कॉम्प्लेक्स एक्सीपिएंट्स” परियोजना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की है।

औषधीय रूप से निष्क्रिय होने के बावजूद, एक्सीपिएंट दवाओं की कार्यक्षमता, स्थिरता और वितरण में महत्वपूर्ण हैं। जैसे-जैसे दवा के फॉर्मूलेशन अधिक परिष्कृत होते जा रहे हैं, जटिल जेनेरिक, बायोफार्मास्युटिकल्स और नवीन वितरण प्रणालियों के उदय के साथ उच्च गुणवत्ता वाले एक्सीपिएंट की मांग वैश्विक स्तर पर बढ़ गई है। फार्मास्युटिकल पावरहाउस होने के बावजूद भारत इन जटिल एक्सीपिएंट का बड़ा हिस्सा अमेरिका, चीन और फ्रांस जैसे देशों से आयात करता है।

इस परियोजना के माध्यम से, मेसर्स नितिका फार्मास्युटिकल स्पेशयलिटीज का लक्ष्य उन्नत फार्मास्युटिकल अनुप्रयोगों को पूरा करने वाले 14 जटिल एक्सीपिएंट्स के व्यावसायिक पैमाने पर उत्पादन के लिए अत्याधुनिक विनिर्माण सुविधा स्थापित करना है। इन उत्पादों को गुणवत्ता द्वारा डिजाइन (क्यूबीडी) ढांचे के अनुरूप विकसित किया जाएगा, जिससे अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करने के लिए सतह क्षेत्र, कण आकार और स्थिरता जैसे मापदंडों में सटीकता सुनिश्चित होगी।

1991 में स्थापित और बाद में 2011 में एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनी नितिका बेहतरीन रसायनों और विशेष एक्सीपिएंट्स के एक विश्वसनीय वैश्विक आपूर्तिकर्ता के रूप में विकसित हुई है। डीएसआईआर  द्वारा मान्यता प्राप्त इन-हाउस अनुसंधान एवं विकास सुविधा और 90 देशों में उपस्थिति के साथ, यह कंपनी इस परियोजना को फार्मा सहायक उत्पादन में आत्म-निर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण छलांग लगाने की अच्छी स्थिति में है।

यह परियोजना भारत सरकार की फार्मास्यूटिकल्स उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के साथ भी जुड़ी हुई है, जिसके तहत मेसर्स नितिका को ग्रुप सी – एमएसएमई (फार्मास्यूटिकल्स) के तहत लाभार्थी के रूप में चुना गया है। टीडीबी की मदद स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देने, आयात निर्भरता को कम करने और उच्च मूल्य वाले फार्मास्यूटिकल घटकों में भारत की निर्यात क्षमता का विस्तार करने के व्यापक राष्ट्रीय मिशन का पूरक है।

इस अवसर पर टीडीबी के सचिव श्री राजेश कुमार पाठक ने अपने संबोधन में कहा, “भारत की फार्मास्यूटिकल ताकत को एक्सीपिएंट्स जैसे महत्वपूर्ण उत्पाद में घरेलू स्तर पर मेल खाना चाहिए। टीडीबी को नितिका की दूरदर्शी परियोजना का समर्थन करने में खुशी है, जो न केवल दुनिया की फार्मेसी के रूप में, बल्कि विश्व स्तर पर एक्सीपिएंट्स के निर्माता के रूप में भी भारत की स्थिति को मजबूत करती है। यह पहल आत्मनिर्भर भारत और विश्व स्तर पर स्वास्थ्य क्षेत्र में योगदान करने की भारत की क्षमता दोनों को बढ़ावा देगी।”

टीडीबी की इस सहायता पर टिप्पणी करते हुए मेसर्स नितिका फार्मास्युटिकल स्पेशियलिटीज प्राइवेट लिमिटेड के नेतृत्व ने कहा, “टीडीबी से यह सहायता भारत में विश्व स्तरीय एक्सीपिएंट समाधान बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करती है। उन्नत बुनियादी ढांचे और विज्ञान-आधारित दृष्टिकोण के साथ, हमारा लक्ष्य आयातित एक्सीपिएंट पर अपने देश की निर्भरता को कम करना और घरेलू स्तर पर विकसित और निर्मित फार्मास्युटिकल सामाग्री में वैश्विक अग्रणी के रूप में उभरना है।”

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