नई आवास नीति में निर्माण व्यवसायियों के सुझावों को शामिल करेंगे : उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे
नई आवास नीति में निर्माण व्यवसायियों के सुझावों को शामिल करेंगे : उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे
राज्य में 35 लाख घर बनाने की योजना; निर्माण व्यवसायियों से भाग लेने की अपील
पुणे, जून (जिमाका)
राज्य सरकार द्वारा नई आवास नीति बनाई जा रही है और अगर निर्माण व्यवसायी अपने सुझाव देते हैं तो उन्हें इसमें शामिल किया जाएगा। यह विचार उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने व्यक्त किये। नई आवास नीति के अनुसार अगले पांच सालों में 35 लाख घर बनाने की योजना है। इसमें और ‘प्रधानमंत्री आवास योजना – सभी के लिए घर’ योजना में निर्माण क्षेत्र के पेशेवरों से भाग लेने की अपील भी उन्होंने की।
क्रेडाई पुणे मेट्रो की 2025-27 के नवनिर्वाचित समिति पदनियुक्ति के समारोह और आम बैठक को संबोधित करते हुए वे बोल रहे थे। इस अवसर पर यहां पुणे महानगरपालिका आयुक्त नवल किशोर राम, प्रभारी विभागीय आयुक्त कविता द्विवेदी, पिंपरी चिंचवड मनपा आयुक्त शेखर सिंह, पुणे महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण के आयुक्त दीपक सिंगला, जिलाधिकारी जितेंद्र डूडी, झोपड़पट्टी पुनर्वास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी निलेश गटने, राज्य शासन की नगररचना व मूल्यांकन विभाग की संचालक डॉ. प्रतिभा भदाने, क्रेडाई पुणे मेट्रो के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मनीष जैन, पूर्व अध्यक्ष रणजीत नाईकनवरे, क्रेडाई के पूर्व अध्यक्ष सतीश मगर, ललीत जैन आदि उपस्थित थे।
उपमुख्यमंत्री श्री शिंदे ने कहा कि पिछले ढाई से तीन वर्षों में सरकार ने मुंबई-नागपुर समृद्धि राजमार्ग, मुंबई तटीय सड़क, मुंबई और पुणे में मेट्रो परियोजनाएं, मुंबई मेट्रो कार शेड, अटल सेतु आदि जैसी कई बड़ी परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि शासन और प्रशासन, रथ के दो पहिये, जब एक ही गति से चलते हैं, तो राज्य और शहर का विकास होता है। अधिकारियों के पास दूरदृष्टि होनी चाहिए, यथार्थवादी और सकारात्मकता होनी चाहिए। शहर के विकास के लिए नए-नए विचार लाने चाहिए। इस संबंध में पुणे शहर और जिले की प्रशासनिक टीम अच्छी है।
क्रेडाई पुणे से शुरू होकर महाराष्ट्र से पूरे देश में पहुंचा, इस संगठन ने क्रेडाई का गौरव बढ़ाया और कोविड काल में समाज की खूब मदद की। जब समाज को जरूरत पड़ी, जब राज्य में कोई आपदा या संकट आया, क्रेडाई ने दिल खोलकर मदद की, इसलिए जब पुणे जिले के पर्यटन विकास की योजना लागू की जा रही है, तो उसमें भी मदद की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अब राज्य सरकार एक संपर्क नियंत्रण नेटवर्क (एक्सेस कंट्रोल ग्रिड) बना रही है, जिसके ज़रिए महाराष्ट्र के किसी भी हिस्से से किसी भी दूसरे हिस्से तक 8 घंटे में पहुंचा जा सकेगा। विकास के लिए सड़कें बहुत ज़रूरी हैं। सड़कों से ही शहरों की पहचान होती है। सड़कों और सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।
ठाणे में निर्माण कार्य हस्तांतरणीय विकास अधिकार (निर्माण-टीडीआर) देकर उससे सड़कें और सार्वजनिक सुविधाएं बनाई गई हैं, उसी तरह अन्य शहरों के साथ ही कम आर्थिक क्षमतावाले नगरपालिका सीमाओं में भी ऐसा किया जा सकता है, यह निर्णय सरकार ने लिया।
महाराष्ट्र के सकल उत्पाद (जीडीपी) और राज्य की प्रगति में निर्माण क्षेत्र का बहुत बड़ा योगदान है। देश की अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है, वहीं महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है।
श्री शिंदे ने उल्लेख किया कि एकीकृत विकास नियंत्रण और प्रोत्साहन विनियमों ने निर्माण पेशेवरों के सामने आनेवाली कई समस्याओं को दूर कर दिया है और ऐसा करना जारी रहेगा। निर्माण क्षेत्र कृषि के बाद दूसरा सबसे बड़ा रोजगार क्षेत्र है, इस क्षेत्र पर दो सौ से अधिक विभिन्न उद्योग निर्भर हैं। अगर हम इमारतों का निर्माण करना चाहते हैं और उपभोक्ताओं को किफायती आवास प्रदान करना चाहते हैं, तो निर्माण पेशेवरों के सामने आनेवाली समस्याओं को हल करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पिंपरी चिंचवड़ शहर के लिए विकास योजना का मसौदा जल्द ही मंजूर किया जाएगा। पीएमआरडीए की मसौदा विकास योजना के अनुसार मार्ग प्रशस्त करने का भी प्रयास किया जाएगा। मुंबई में जिस तरह से ऑनलाइन टीडीआर पोर्टल शुरू किया गया है, उसी तरह पुणे में भी ऐसा पोर्टल शुरू करेंगे। हरित इमारतों को बढ़ावा देने के लिए नियमों में आवश्यक बदलाव किए जाएंगे। समूह विकास परियोजनाओं, ऊंची इमारतों के निर्माण आदि से संबंधित मुद्दों का समाधान किया जाएगा।
उन्होंने अपील की कि समृद्धि महामार्ग के दोनों तरफ 18 से 20 नोड बना रहे हैं और वहां पर आवास परियोजनाओं में भाग लें। राज्य को विकास के पथ पर ले जाने में रियल एस्टेट और क्रेडाई जैसी संस्थाओं को शामिल करना चाहिए। विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार के साथ होने का अहसास होना चाहिए।
श्री शिंदे ने विश्वास व्यक्त किया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), विचार, कौशल, नवाचार, अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग निर्माण क्षेत्र में भी किया जाना चाहिए। जबकि एआई का उपयोग कई क्षेत्रों में किया जा रहा है, प्रौद्योगिकी और नवाचार निर्माण क्षेत्र में भी क्रांति लाएंगे।
ललित जैन ने कहा कि यदि नागरिकों को घर खरीदते समय लाभ मिलता है, तो निर्माण पेशेवरों को भी लाभ होगा, इसलिए निर्माण पेशेवरों को दी जानेवाली विभिन्न अनुमतियों के लिए एक एकीकृत प्रणाली बनाना आवश्यक है। एक ही समय में कई शहरी नियोजन परियोजनाएं शुरू करने के बजाय केवल दो परियोजनाएं शुरू करके उन्हें सफल बनाने से परियोजनाओं में तेजी लाने में मदद मिल सकती है। साथ ही, क्रेडाई पुणे के माध्यम से जल्द ही सीओईपी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में उत्कृष्टता केंद्र (सेंटर ऑफ एक्सलन्स) की स्थापना की जाएगी, जहां विश्व के निर्माण क्षेत्र की नवीनतम तकनीक उपलब्ध होगी।
जिलाधिकारी ने पर्यटन योजना प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि जिले के इतिहास, विरासत, भौगोलिक स्थलों, किलों और दुर्गों में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं और इसके लिए एकीकृत पर्यटन योजना तैयार की जा रही है ताकि पर्यटक जिले में आने के बाद कुछ दिन यहां रुकें। इसे ध्यान में रखते हुए अगले साल जनवरी में विभिन्न गतिविधियां क्रियान्वित की जाएंगी। टूर डी फ्रांस की तर्ज पर पुणे ग्रैंड साइकिल टूर प्रतियोगिता, पैराग्लाइडिंग विश्व प्रतियोगिता, हॉट एयर बैलून प्रतियोगिता, जिपलाइनिंग, संगीत महोत्सव आदि जैसी विभिन्न गतिविधियां शामिल हैं। इससे दुनिया भर से पर्यटकों के आने से विभिन्न क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
कार्यक्रम में निवर्तमान अध्यक्ष सतीश नाइकनवरे ने अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मनीष जैन को सौंपी।
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