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राष्ट्रीय अंगूर अनुसंधान केंद्र, पुणे किसानों के द्वार पर…

राष्ट्रीय अंगूर अनुसंधान केंद्र, पुणे किसानों के द्वार पर...

राष्ट्रीय अंगूर अनुसंधान केंद्र, पुणे किसानों के द्वार पर…

राष्ट्रीय अंगूर अनुसंधान केंद्र, पुणे किसानों के द्वार पर…

पुणे, जून (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
विकसित कृषि संकल्प अभियान की शुरुआत 29 मई 2025 को श्री शिवराज सिंह चौहान, माननीय केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री द्वारा पुरी (ओडिशा) से की गई। इस अभियान के तहत, आईसीएआर संस्थानों के वैज्ञानिक, केवीके और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञ किसानों के द्वार पर जाकर उनकी समस्याओं पर सलाह दे रहे हैं और ड्रोन के उपयोग, मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड, टिकाऊ कृषि प्रथाओं जैसी नई तकनीकों के बारे में जानकारी दे रहे हैं। पुणे स्थित आईसीएआरसंस्थान, अर्थात् राष्ट्रीय अंगूर अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों की टीमें नारायणगांव (पुणे), नासिक-ख, नासिक-खख और धुले केवीकेके साथ जुड़ी हुई हैं। सभी वैज्ञानिक खेतों में हैं और गांवों का दौरा कर रहे हैं, किसान समुदाय की समस्याओं का समाधान कर रहे हैं और उन्हें तकनीकी प्रगति से अवगत करा रहे हैं।

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29 मई को, नासिक जिले के सुरगना तालुका के उंबरठाण, चंद्रपुर और गुही गांवों में किसानों को पानी की कमी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। किसानों को पानी की कमी से निपटने के लिए पानी का विवेकपूर्ण उपयोग, उर्वरकों के विवेकपूर्ण उपयोग के लिए मिट्टी और पानी की जांच का महत्व, जैविक या प्राकृतिक खेती का महत्व, उच्च उपज देने वाली जलवायु अनुकूल किस्मों का महत्व, फसल विविधीकरण, कीटनाशकों का विवेकपूर्ण उपयोग आदि के बारे में जानकारी दी गई। एक अन्य टीम ने नासिक के कलवन तालुका के डलवट, कोसुर्डे और शेपूपडा गांवों का दौरा किया। किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड, प्राकृतिक खेती, सोयाबीन की खेती की प्रथाओं और पीजीआर के उपयोग के बारे में जागरूक किया गया। पोषक तत्वों और पानी प्रबंधन के लिए मिट्टी सेंसर जैसी नवीन तकनीक का प्रदर्शन किसानों के सामने किया गया। किसानों को कृषि में ड्रोन के उपयोग के प्रति जागरूक किया गया। नासिक के सिन्नर तालुका के चिचोली, मोह और वडजुरे गांवों में एक टीम ने किसानों के साथ बातचीत की और खरीफ फसलों की समस्याओं को समझकर इस अवधि में रोग प्रबंधन के समाधान सुझाए। एक अन्य समूह ने नासिक के त्र्यंबक पिंप्री, सपगांव और त्र्यंबक तलेगांव गांवों में किसानों की समस्याओं का समाधान किया। किसानों से संसाधनों के कुशल उपयोग और लागत कम करने के लिए आधुनिक तकनीकों को अपनाने का अनुरोध किया गया।

धुले जिले के तावखेडा, दौल आदि गांवों में एक टीम ने दौरा किया। किसानों को मिट्टी की नमी और एनपीके सेंसर के उपयोग से वास्तविक समय डेटा जनन पर प्रदर्शन और जागरूकता प्रदान की गई। उन्हें कृषि में विभिन्न एआई-सक्षम तकनीकों के उपयोग पर मार्गदर्शन किया गया। कृषि निवेशों के सुरक्षित उपयोग, उनके प्रबंधन और खेत व घर पर देखभाल के बारे में जानकारी दी गई। वैज्ञानिकों की एक अन्य टीम ने धुले जिले के उपरपिंड, बलदे आदि गांवों का दौरा किया। किसानों की समस्याओं का समाधान किया गया और उन्हें फसल प्रबंधन के लिए उन्नत तकनीकों को अपनाने का अनुरोध किया गया। नव विकसित कृषि मशीनों का प्रदर्शन भी किया गया। नारायणगांव के पिंपलवंडी, उमरज आदि गांवों में टीमों ने गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री और फसल प्रबंधन के महत्व पर जानकारी दी।

राष्ट्रीय अंगूर अनुसंधान केंद्र के सभी वैज्ञानिक किसानों की समस्याओं का समाधान करने के लिए इस दौरान खेतों में रहेंगे। यह अभियान 12 जून 2025 को समाप्त होगा।

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