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“आदर्श जीवनशैली से मधुमेह को रोका जा सकता है” : मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

"आदर्श जीवनशैली से मधुमेह को रोका जा सकता है" : मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

“आदर्श जीवनशैली से मधुमेह को रोका जा सकता है” : मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

“आदर्श जीवनशैली से मधुमेह को रोका जा सकता है” : मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

‘हैलो डायबिटीज’ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन

नागपुर, जून (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)

पारंपरिक जीवनशैली से विकसित हुई खानपान की आदतों में शहरीकरण के कारण अनुचित बदलाव हुए हैं। इसका दुष्परिणाम यह है कि कम उम्र में ही विभिन्न रोगों का प्रभाव बढ़ रहा है। यदि हम आदर्श जीवनशैली अपनाएं तो मधुमेह से दूर रहना संभव है,ऐसा प्रतिपादन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज यहां किया। डायबिटीज केयर एंड रिसर्च सेंटर तथा डायबिटीज केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में ‘हैलो डायबिटीज’ इस 12वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हाथों होटल सेंटर पॉइंट, नागपुर में हुआ।

इस अवसर पर सम्मेलन के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. सुनील गुप्ता, डॉ. रती मक्कर, पद्मश्री डॉ. शशांक जोशी, पद्मश्री डॉ. कमलाकर त्रिपाठी, डॉ. ए.के. दास, डॉ. बंशी साबू, डॉ. विंकी रुघवानी, डॉ. कविता गुप्ता सहित अनेक चिकित्सक, विशेषज्ञ एवं चिकित्सा क्षेत्र के शोधकर्ता उपस्थित थे।मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में तेजी से फैल रहा मधुमेह और मोटापा एक गंभीर और चिंताजनक विषय है। भारत को मधुमेह की राजधानी बनने से रोकने के लिए आयोजित ऐसे जनजागरूकता सम्मेलन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बदलती जीवनशैली के कारण उत्पन्न होने वाले रोगों से बचने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ जैसे कई अभियान शुरू किए हैं, जिनमें स्वास्थ्य जागरूकता को प्राथमिकता दी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मधुमेह पर गहन अनुसंधान की आवश्यकता है। इस सम्मेलन के माध्यम से मधुमेह के कारण, उपाय और आदर्श जीवनशैली जैसे विषयों पर जनजागरूकता होना जरूरी है। यह रोग मनुष्य की शारीरिक क्षमता को क्षीण कर देता है और इसके लिए जनजागरूकता ही पहला और प्रभावी उपचार है। गर्भवती महिलाओं को और उनके कारण नवजात शिशुओं को मधुमेह होने से रोकना विशेषज्ञों के सामने एक चुनौती है। यदि इस सम्मेलन से सकारात्मक निष्कर्ष प्राप्त होते हैं तो अगली पीढ़ी निश्चित ही मधुमेह-मुक्त रह सकेगी, ऐसा विश्वास मुख्यमंत्री ने व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि मधुमेह होने के बावजूद उसे न स्वीकारने की मानसिकता हमारी सबसे बड़ी समस्या है। इसलिए इस रोग से डरने की बजाय, औषधि के साथ-साथ जीवनशैली में सुधार करने की दिशा में इस सम्मेलन से उचित मार्गदर्शन मिलना अपेक्षित है। देशभर के विशेषज्ञों और चिकित्सकों का इस सम्मेलन में विचारमंथन उपचार के लिए मार्गदर्शक सिद्ध होगा, ऐसा विश्वास भी उन्होंने जताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. सुनील गुप्ता मधुमेह रोकथाम हेतु लगातार जनजागरूकता कर रहे हैं। उन्होंने अब तक अनेकों कार्यक्रमों का आयोजन किया है और विभिन्न माध्यमों से शोध प्रकाशित कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने उनके इस कार्य की सराहना करते हुए इसे निरंतर जारी रखने की अपेक्षा व्यक्त की।

डॉ. सुनील गुप्ता ने प्रारंभिक भाषण में बताया कि इस सम्मेलन में मधुमेह के कारण, उपाय और आदर्श जीवनशैली जैसे विषयों पर चर्चा होगी और राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रमुख मधुमेह विशेषज्ञ इसमें सहभागी हो रहे हैं। यह तीन दिवसीय सम्मेलन है जिसमें मधुमेह से संबंधित विभिन्न प्रस्तुतियां और कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं।

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