“महाराष्ट्र अनुसूचित जनजाति आयोग क्या है? स्थापना, उद्देश्य और कार्य”
महाराष्ट्र राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग की स्थापना
महाराष्ट्र राज्य अनुसूचित जाति आयोग भी स्वतंत्र रूप से कार्यरत रहेगा
मुंबई, जून (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रिमंडल बैठक में महाराष्ट्र राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग की स्थापना को मंजूरी दी गई। साथ ही आयोग के लिए पदों की निर्मिती, कार्यालय स्थान और संबंधित खर्चों को भी स्वीकृति दी गई।
राष्ट्रीय स्तर पर अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए दो स्वतंत्र आयोग कार्यरत हैं, क्योंकि दोनों वर्गों से संबंधित विषय अलग-अलग हैं। इसलिए राज्य स्तर पर भी दो स्वतंत्र आयोगों की आवश्यकता है। इसके अलावा, 51वीं जनजातीय सलाहकार परिषद में महाराष्ट्र में स्वतंत्र अनुसूचित जनजाति आयोग स्थापित करने की सिफारिश की गई थी, जिसके अनुसार यह आयोग बनाया जा रहा है।
इस आयोग की संरचना एक अध्यक्ष और चार अशासकीय सदस्य ऐसी होगी, जैसे कि अनुसूचित जाति आयोग की है। आयोग के लिए कुल 26 नए पदों का निर्माण किया जाएगा।
आयोग के सदस्यों और कर्मचारियों के वेतन-भत्ते, किराए पर कार्यालय स्थान, फर्नीचर, बिजली, टेलीफोन, ईंधन आदि अनुषंगिक खर्चों के लिए ₹4.20 करोड़ की राशि मंजूर की गई है।
इस दौरान यह भी स्पष्ट किया गया कि अनुसूचित जाति आयोग स्वतंत्र रूप से कार्य करता रहेगा। दोनों आयोगों को वैधानिक दर्जा देने के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल ने सैद्धांतिक मंजूरी दी है। इस संबंध में आगामी समय में आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
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