पर्यावरण संरक्षण की शुरुआत खुद से करें : पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री पंकजा मुंडे की अपील
पर्यावरण संरक्षण की शुरुआत खुद से करें : पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री पंकजा मुंडे की अपील
मुंबई, जून (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
एकल उपयोग वाले प्लास्टिक को राक्षस की तरह मानते हुए इसे पूरी तरह से समाप्त करने के लिए पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा कार्य किया जा रहा है। इस कार्य में जनभागीदारी आवश्यक है। नागरिकों को पर्यावरण संरक्षण की शुरुआत खुद से करनी चाहिए, ऐसी अपील पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री पंकजा मुंडे ने की।
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग तथा महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल के माध्यम से पर्यावरण परिषद का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्य एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री तथा मुंबई उपनगर के पालक मंत्री ॲड. आशीष शेलार, प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अध्यक्ष सिद्धेश कदम, विभाग की सचिव जयश्री भोज, मंडल के सदस्य सचिव डॉ. अविनाश ढाकणे सहित कई अन्य उपस्थित थे।
मंत्री पंकजा मुंडे ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में जो जलवायु परिवर्तन हो रहे हैं, वे गंभीर और चिंताजनक हैं। इसी कारण से एकल उपयोग प्लास्टिक पर प्रतिबंध के लिए अभियान शुरू किया गया है। ऐसे अभियानों में जब जनता भाग लेती है, तब वे सफल होते हैं। मंत्रालय से ही इस अभियान की शुरुआत की गई है। बदलती जीवनशैली और पर्यावरण में हो रहे बदलावों के कारण कैंसर जैसी बीमारियाँ बढ़ रही हैं। तकनीक जितनी बढ़ी है, उतने ही इसके दुष्परिणाम भी सामने आ रहे हैं। इससे बचने के लिए हर किसी को पर्यावरण संरक्षण की शुरुआत खुद से करनी चाहिए। आज की पीढ़ी यदि प्लास्टिक की बोतलों का उपयोग बंद करे, कपड़े की थैलियों का इस्तेमाल करे, तो अगली पीढ़ी को बेहतर जीवन मिलेगा।
उन्होंने आगे कहा, “मैं स्वयं अगले पाँच वर्षों में एकल उपयोग प्लास्टिक को पूरी तरह बंद करने का प्रयास करूँगी। साथ ही, ऐसे उत्पाद बनाने वालों पर पुलिस कार्रवाई के लिए भी कदम उठाऊँगी। लेकिन अगर नागरिक स्वेच्छा से इसका उपयोग बंद कर दें, तो इसकी आपूर्ति अपने आप रुक जाएगी।”
उन्होंने यह भी कहा, “मैं स्वयं आने वाले अतिथियों को फूलों का गुलदस्ता, साड़ी या शॉल देने के बजाय ग्यारह कपड़े की थैलियाँ भेंट करने का आग्रह करती हूँ। इन थैलियों को दूसरों तक पहुँचाने और उपयोग में लाने का निर्णय भी मैंने लिया है।”
प्लास्टिक मुक्त अभियान के लिए जनजागरूकता में सांस्कृतिक कार्य विभाग देगा सहयोग – ॲड. आशीष शेलार
सांस्कृतिक कार्य मंत्री ॲड. आशीष शेलार ने कहा कि पर्यावरण विभाग ने ‘महा पर्यावरण’ ऐप शुरू करके एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। महाराष्ट्र एक विकसित, समृद्ध और मार्गदर्शक राज्य है। इसलिए राज्य का जलवायु परिवर्तन कार्य योजना देश के लिए आदर्श बन सकती है।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण केवल उपदेश का नहीं, बल्कि आत्मचिंतन और गुणवत्ता के प्रसार का विषय है। संत ज्ञानेश्वर ने सबसे पहले पर्यावरण संरक्षण का विचार प्रस्तुत किया था। उनके विचार को गाँव-गाँव तक पहुँचाने के लिए सांस्कृतिक कार्य विभाग पर्यावरण विभाग के साथ मिलकर काम करेगा।
पर्यावरण संरक्षण के लिए विविध उपाय – जयश्री भोज
विभाग की सचिव जयश्री भोज ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को देखते हुए विभाग विभिन्न अधिनियमों के साथ-साथ विविध योजनाओं का कार्यान्वयन कर रहा है। राज्य जलवायु क्रियान्वयन कक्ष की स्थापना की गई है। बाँस की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में पर्यावरण व सतत विकास कार्यबल गठित किया गया है।
मिठी नदी के पुनरुद्धार के लिए कार्यरत – सिद्धेश कदम
प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अध्यक्ष सिद्धेश कदम ने कहा कि एकल उपयोग प्लास्टिक को कम करने में जनता का सहयोग अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि समुद्र का पानी काला हो रहा है, जिसे साफ करने के प्रयास होंगे। मुंबई की मिठी नदी के पुनरुद्धार के लिए भी कार्य किया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त माझी वसुंधरा अभियान, इकोसिस्टम आधारित अनुकूलन नीति, मानव निर्मित देवरे और शहरी वन, कार्बन बाज़ार सुविधा केंद्र, सर्कुलर इकोनॉमी नीति, इलेक्ट्रिक वाहन नीति जैसे प्रयास जारी हैं।
डॉ. अविनाश ढाकणे ने अपने प्रस्ताविक भाषण में बताया कि 22 मार्च से अब तक राज्यभर में 1000 से अधिक जनजागरूकता कार्यक्रम हुए हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकार प्रयासरत है, परंतु इसमें जनता की भागीदारी भी आवश्यक है। परिषद में आए विशेषज्ञों के सुझावों को भी गंभीरता से लिया जाएगा।
जलवायु कार्य योजना और महा पर्यावरण ऐप का लोकार्पण
मंत्री पंकजा मुंडे के हाथों महाराष्ट्र राज्य जलवायु परिवर्तन कार्य योजना, माझी वसुंधरा 6.0 टूलकिट, सल्फर डायऑक्साइड उत्सर्जन ट्रेडिंग स्कीम की संकल्पना, और महा पर्यावरण ऐप (प्रदूषण से संबंधित शिकायतों के लिए) का लोकार्पण किया गया।
इस अवसर पर आयोजित विभिन्न परिसंवादों में विशेषज्ञों ने विविध विषयों पर चर्चा की।
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