×

डेक्कन क्वीन का 96 वें वर्ष में गौरवशाली पदार्पण

डेक्कन क्वीन का 96 वें वर्ष में गौरवशाली पदार्पण

डेक्कन क्वीन का 96 वें वर्ष में गौरवशाली पदार्पण

डेक्कन क्वीन का 96 वें वर्ष में गौरवशाली पदार्पण

“डेक्कन क्वीन”, मध्य रेल की सबसे प्रतिष्ठित और लोकप्रिय ट्रेनों में से एक, 1 जून 2025 को अपनी सेवा के गौरवशाली 96वें वर्ष में प्रवेश करेगी। यह अपने सम्मानित यात्रियों को 95 वर्षों की सेवा पूर्ण कर चुकी होगी।
मुंबई और पुणे—महाराष्ट्र की दो प्रमुख महानगरों के बीच 1 जून 1930 को आरंभ की गई यह ट्रेन, ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे (जो आगे चलकर मध्य रेल बना) के इतिहास में एक मील का पत्थर सिद्ध हुई।
यह दो प्रमुख शहरों के लिए शुरू की गई पहली डीलक्स ट्रेन थी और इसे उपयुक्त रूप से “डेक्कन क्वीन” या “दक्खन की रानी” नाम दिया गया था।
अब तक की यात्रा:
• “डेक्कन क्वीन” की शुरुआत 7 डिब्बों वाले दो रेक के साथ हुई थी, जिनमें से एक को सिल्वर रंग में स्कार्लेट बॉर्डर के साथ और दूसरे को रॉयल ब्लू रंग में गोल्ड लाइनिंग के साथ रंगा गया था।
• मूल रेक के कोचों के अंडरफ्रेम इंग्लैंड में बनाए गए थे जबकि कोच बॉडी माटुंगा वर्कशॉप (जीआईपी रेलवे) में निर्मित की गई थी।
• 1966 में मूल रेकों को एंटी-टेलिस्कोपिक स्टील बॉडी वाले इंटीग्रल कोच फैक्टरी, पेरंबूर द्वारा निर्मित इंटीग्रल कोचों से बदल दिया गया। कोचों की संख्या 7 से बढ़ाकर 12 कर दी गई।
• 1995 में पुराने रेकों को नए एयर ब्रेक रेकों से बदला गया।
• 15 अगस्त 2021 से मुंबई-पुणे डेक्कन क्वीन में विस्टाडोम कोच जोड़ा गया, जिससे यात्रियों को पश्चिमी घाटों की सुरम्य वादियों का आनंद उठाने का सुनहरा अवसर मिला।
• जून 2022 में प्रोजेक्ट “उत्कृष्ट” के अंतर्गत सभी पारंपरिक कोचों को एलएचबी कोचों से प्रतिस्थापित किया गया, जिनमें एलईडी लाइट्स, बायो-टॉयलेट्स, ब्रेल साइन जैसे आधुनिक सुविधाएं शामिल हैं।
• अब यह ट्रेन 16 कोचों की नवीन संरचना के साथ चलती है, जिसमें तीन एसी चेयर कार, 9 सेकंड क्लास चेयर कार, एक विस्टाडोम कोच, एक डायनिंग कार, एक सामान्य
भारत में पहली बार
*“डेक्कन क्वीन” ने कई क्षेत्रों में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
• रोलर बेयरिंग वाले कोच पहली बार इस ट्रेन में शुरू किए गए।
• एंड-ऑन जनरेशन कोचों को 110 वोल्ट प्रणाली वाले सेल्फ जनरेटिंग कोचों से पहली बार बदला गया।
• फर्स्ट और सेकंड क्लास चेयर कार कोच पहली बार इसी ट्रेन में शुरू किए गए।
*विशेषता – एकमात्र ट्रेन जिसमें डायनिंग कार की सुविधा उपलब्ध है।
डेक्कन क्वीन भारत की एकमात्र नियमित रूप से चलने वाली ट्रेन है जिसमें डायनिंग कार की सुविधा है। इसमें यात्रियों को टेबल सर्विस दी जाती है और इसमें माइक्रोवेव ओवन, डीप फ्रीज़र और टोस्टर जैसी आधुनिक पैंट्री सुविधाएँ उपलब्ध हैं। डायनिंग कार को आरामदायक कुशन वाली कुर्सियों और कालीन से सुरुचिपूर्ण ढंग से सजाया गया है।
“दक्खन की रानी” – दो शहरों की एक कहानी
डेक्कन क्वीन का इतिहास वास्तव में दो शहरों – मुंबई और पुणे – की एक जीवंत कहानी है। इन दोनों शहरों के नागरिक इस ट्रेन के “समय पर प्रस्थान” और “समय पर आगमन” के शानदार रिकॉर्ड से बेहद संतुष्ट हैं। पिछले 95 वर्षों में इस ट्रेन ने केवल दो शहरों के बीच आवागमन का माध्यम भर न रहकर एक ऐसी संस्था का रूप ले लिया है, जिसने पीढ़ियों से यात्रियों के साथ एक गहरा भावनात्मक जुड़ाव स्थापित किया है।
यह प्रेस विज्ञप्ति जनसंपर्क विभाग, मुख्यालय, मध्य रेल, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, मुंबई द्वारा जारी की गई है।
Spread the love

Post Comment