बेंगलुरु भगदड़ कांड: RCB फ्रेंचाइज़ी और कर्नाटक क्रिकेट बोर्ड पर FIR दर्ज
FIR में भगदड़ की घटना को आपराधिक लापरवाही बताया गया है। इससे पहले दिन में RCB ने चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ में जान गंवाने वाले 11 लोगों के परिजनों को ₹10 लाख की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।
4 जून को हुए IPL 2025 जीत के जश्न के दौरान चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ ने 11 लोगों की जान ले ली और 33 से ज्यादा घायल हो गए। अब RCB फ्रेंचाइज़ी, इवेंट मैनेजमेंट कंपनी DNA, कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) की प्रशासकीय समिति और अन्य के खिलाफ कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई है।
FIR में आपराधिक लापरवाही (Sections 105, 125(1)(2), 132, 121/1, 190 R/w 3(5)) की धाराएं लगाई गई हैं।
⚖️ क्या हुआ कर्नाटक हाईकोर्ट में?
कर्नाटक हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान (Suo Motu Cognizance) लेते हुए राज्य सरकार को 10 जून तक विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश वी. कामेश्वर राव और न्यायमूर्ति सीएम जोशी की पीठ ने इस मामले को जनहित याचिका के रूप में दर्ज करने का आदेश दिया।
एडवोकेट जनरल शशि किरण शेट्टी ने अदालत में कहा कि स्टेडियम में मुफ्त प्रवेश की घोषणा ने भारी भीड़ को आकर्षित किया, जिससे भगदड़ की स्थिति बनी। उन्होंने यह भी कहा कि यह मामला आरोप-प्रत्यारोप का नहीं है बल्कि इसे भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के रूप में देखा जाना चाहिए।
💰 RCB ने की 10 लाख रुपये की सहायता की घोषणा
इस बीच, RCB ने हादसे में जान गंवाने वाले 11 प्रशंसकों के परिजनों को ₹10 लाख प्रति परिवार की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
RCB ने एक बयान में कहा,
“बेंगलुरु में हुई इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने RCB परिवार को अत्यंत दुखी किया है। श्रद्धांजलि स्वरूप, हम प्रत्येक मृतक के परिवार को ₹10 लाख की सहायता राशि देंगे। साथ ही ‘RCB Cares’ नाम से एक फंड बनाया जा रहा है ताकि घायलों की मदद की जा सके।“
👎 RCB पर आलोचना भी तेज़
RCB पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इतने बड़े आयोजन को उचित तैयारी और सुरक्षा के बिना कैसे आयोजित किया गया। BCCI सचिव देवजीत सैकिया ने भी व्यवस्थाओं की कमी को लेकर सवाल खड़े किए और कहा कि सरकार, फ्रेंचाइज़ी और पुलिस प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय जरूरी था।
उन्होंने पिछले साल मुंबई में हुए वर्ल्ड कप विजय जुलूस का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे वहां लाखों लोगों की भीड़ के बावजूद कोई हादसा नहीं हुआ।
📌 निष्कर्ष :
यह हादसा केवल एक प्रशासनिक चूक नहीं बल्कि जिम्मेदारियों की अनदेखी का गंभीर उदाहरण है। FIR दर्ज होने, कोर्ट की सख्ती और सार्वजनिक आक्रोश के बीच अब निगाहें इस बात पर हैं कि दोषियों के खिलाफ कब तक कार्रवाई होती है और भविष्य में ऐसी घटनाओं से कैसे बचा जाएगा।

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