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विधवा प्रथाओं के उन्मूलन के लिए राज्यस्तरीय जनजागरूकता अभियान चलाएं : महिला व बाल विकास मंत्री अदिती तटकरे

विधवा प्रथाओं के उन्मूलन के लिए राज्यस्तरीय जनजागरूकता अभियान चलाएं : महिला व बाल विकास मंत्री अदिती तटकरे

विधवा प्रथाओं के उन्मूलन के लिए राज्यस्तरीय जनजागरूकता अभियान चलाएं : महिला व बाल विकास मंत्री अदिती तटकरे

विधवा प्रथाओं के उन्मूलन के लिए राज्यस्तरीय जनजागरूकता अभियान चलाएं : महिला व बाल विकास मंत्री अदिती तटकरे

मुंबई, मई (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)

मिशन वात्सल्य योजना के तहत विधवा प्रथाओं के उन्मूलन के लिए जनजागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। हालांकिकुछ क्षेत्रों में अब भी ये कुप्रथाएं जारी हैं। इन्हें जड़ से खत्म करने के लिए हर तालुका स्तर पर आधुनिक तकनीकों और जागरूकता कार्यक्रमों का उपयोग करते हुए जनजागृति की जानी चाहिएऐसा आह्वान महिला व बाल विकास मंत्री अदिती तटकरे ने किया है। उन्होंने नागरिकों से भी इन प्रथाओं के विरुद्ध सहयोग करने की अपील की।

विधवा प्रथाओं पर रोक लगाने के लिए पारित राज्यव्यापी प्रस्ताव के कार्यान्वयन पर हाल ही में मंत्रालय में बैठक आयोजित की गई थीजिसमें मंत्री तटकरे ने संबोधित किया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव डॉ. अनुपकुमार यादवमहिला व बाल विकास आयुक्त नैना गुंडेसह सचिव वी. आर. ठाकूरसह आयुक्त राहुल मोरे उपस्थित थे।

मंत्री तटकरे ने कहा कि विधवा महिलाओं को भी अन्य महिलाओं की तरह सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अधिकार है। उनके अधिकारों की रक्षा और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने हेतु मिशन वात्सल्य के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।

फिर भीआज भी कुछ स्थानों पर कुंकू (सिंदूर) पोंछनामंगलसूत्र तोड़नाचूड़ियां फोड़नाबिछुए उतरवानाऔर धार्मिक-सामाजिक आयोजनों से विधवा महिलाओं को दूर रखना जैसी कुप्रथाएं जारी हैंजो मानवाधिकारों का उल्लंघन हैं।

इन प्रथाओं पर रोक लगाने हेतु गांव स्तर और शहरी वार्ड स्तर पर समितियों का गठन किया गया है। इन समितियों के माध्यम से व्यापक जनजागृति कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि यदि कहीं ऐसी घटना होती है तो वे संबंधित तालुका या ग्रामस्तर की समिति से संपर्क करें।

इन समितियों में ग्रामसेवकवार्ड अधिकारीतलाठीप्राथमिक शिक्षक और आंगनवाड़ी सेविकाएं शामिल हैं। बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य में 36,205 ग्रामस्तरीय समिति और 4,909 जिलास्तरीय वॉर्डस्तरीय समिति कार्यरत हैं और जागरूकता कार्यक्रमों का संचालन कर रही हैं।

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