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स्वच्छ, हरित व सुरक्षित वारी के लिए सावधानीपूर्वक योजना बनाएं : विभागीय आयुक्त डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार

स्वच्छ, हरित व सुरक्षित वारी के लिए सावधानीपूर्वक योजना बनाएं : विभागीय आयुक्त डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार

स्वच्छ, हरित व सुरक्षित वारी के लिए सावधानीपूर्वक योजना बनाएं : विभागीय आयुक्त डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार

स्वच्छ, हरित व सुरक्षित वारी के लिए सावधानीपूर्वक योजना बनाएं : विभागीय आयुक्त डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार
विभागीय आयुक्त द्वारा पालकी समारोह की तैयारियों की समीक्षा

पुणे, मई (जिमाका)
पालकी समारोह में वारकरियों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ पिछले पालकी समारोह की तरह सुरक्षित, दुर्घटना रहित, स्वच्छ व हरितवारी संपन्न करने के लिए विभाग के सभी अधिकारी सावधानीपूर्वक योजना बनाएं। यह निर्देश विभागीय आयुक्त डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार ने दिए।

विभागीय आयुक्त कार्यालय में आयोजित आषाढीवारी पूर्व तैयारी समीक्षा बैठक में वे बोल रहे थे। इस अवसर पर यहां सोलापुर जिलाधिकारी कुमार आशीर्वाद (दूरदृश्य प्रणाली द्वारा), पुलिस अधीक्षक पंकज देशमुख, पुणे जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गजानन पाटिल, अपर आयुक्त तुषार ठोंबरे, निवासी उप जिलाधिकारी ज्योति कदम, उपायुक्त विजय मुलिक उपस्थित थे।
डॉ.पुलकुंडवार ने कहा कि प्रतिष्ठित पालकियों के विश्वस्तों के साथ बैठक की जाए तथा उनके सुझावों के अनुसार कार्रवाई की जाए। वारी के दौरान खाद्य पदार्थों की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की संख्या आवश्यकतानुसार बढ़ाई जाए तथा आगामी दिनों में खाद्य पदार्थों में मिलावट के विरुद्ध व्यापक अभियान चलाया जाए। पालकी समारोह के संबंध में राज्यस्तरीय बैठक से पहले पालकी समारोह की तैयारियां पूरी कर ली जाएं। अन्य जिलों या विभागों में स्थानांतरित अनुभवी अधिकारियों की सेवाएं लेने के लिए संबंधितों से अनुरोध किया जाना चाहिए। सभी अधिकारी पालकी मार्ग का संयुक्त दौरा करें तथा व्यवस्थाओं के संबंध में एक-दूसरे से समन्वय स्थापित करें।

विभागीय आयुक्त ने आगे कहा कि पालकी मार्ग पर बड़ी संख्या में पेड़ लगाए जाने चाहिए। पालकी समारोह के दौरान और उसके बाद स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यकतानुसार शौचालयों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। चंद्रभागा का पानी स्वच्छ रहे इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए। नीरा नदी क्षेत्र की सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। पालकी के आगे बढ़ने के बाद पीछे के गांव को तुरंत साफ कर देना चाहिए। वारकरियों को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करते समय यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि एम्बूलेंस में पर्याप्त दवाएं और चिकित्सा अधिकारी उपलब्ध हों, इस ओर विशेष ध्यान दें।

विभागीय आयुक्त ने निर्देश दिए कि पालकी मार्ग गड्ढों से मुक्त रहे और अच्छा यातायात प्रबंधन हो, इस तरफ भी विशेष ध्यान दें। पालकी मार्ग पर पर्याप्त पुलिस सुरक्षा रखी जानी चाहिए। घाट क्षेत्र में भूस्खलन के कारण होनेवाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए निवारक उपाय किए जाने चाहिए। तीनों जिलों में पालकी मार्ग की व्यवस्थाओं के संबंध में एक संयुक्त पुस्तिका तैयार की जाए।
सोलापुर जिलाधिकारी कुमार आशीर्वाद ने प्रस्तुति के माध्यम से पालकी समारोह की पूर्व तैयारियों की जानकारी दी। समारोह के लिए घटना प्रतिक्रिया प्रणाली स्थापित की गई है तथा 25 हजार 500 अधिकारी एवं कर्मचारी नियुक्त किये जायेंगे। समारोह के दौरान 1 हजार 860 स्वयंसेवकों की मदद ली जाएगी। पालकी मार्ग पर पानी, बिजली, स्वास्थ्य, गैस सिलेंडर, स्वच्छता आदि सुविधाओं की योजना बनाई जा रही है। महिलाओं के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

वारी को मद्देनजर रखते हुए आपदा प्रबंधन योजना तैयार की गई है। भीड़ प्रबंधन के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रयोग पर परीक्षण किए जा रहे हैं।

इस अवसर पर पुणे के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री पाटिल व सातारा निवासी उपजिलाधिकारी नागेश पाटिल ने जिले की तैयारी की जानकारी दी। बैठक में पुणे, सातारा व सोलापुर जिले के जिला परिषद, लोक निर्माण एवं पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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