हड़पसर के डॉ. डुंबरे पाटिल परिवार ने पूरी की ‘आयरनमैन ट्राइथोलोन’
हड़पसर के डॉ. डुंबरे पाटिल परिवार ने पूरी की ‘आयरनमैन ट्राइथोलोन’
-इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ नाम; इटली में आयोजित प्रतियोगिता में डॉक्टर दंपत्ति, बेटा और बेटी की ऐतिहासिक उपलब्धि; परिवार के चारों सदस्यों ने पहली बार पूरी की प्रतियोगिता
हड़पसर, फरवरी (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
हड़पसर के डॉ. डुंबरे पाटिल परिवार ने हाल ही में इटली में आयोजित ‘70.3 आयरनमैन ट्रायथलॉन’ प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन कर पुणे और भारत का नाम वैश्विक मंच पर रोशन किया है। ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. संपत शिवाजीराव डुंबरे पाटिल, उनकी पत्नी रेडियोलॉजिस्ट डॉ. वैशाली, बेटी प्राची और बेटा प्रसाद ने इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता को निर्धारित समय के भीतर पूरा कर विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया। इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की ओर से डॉ. चित्रा जैन ने हाल ही में परिवार को यह प्रमाणपत्र प्रदान किया।
यह ‘आयरनमैन ट्रायथलॉन’ प्रतियोगिता 22 सितंबर 2024 को इटली के रोमालिया में हुई। इस चुनौतीपूर्ण प्रतियोगिता में डॉ. संपत, डॉ. वैशाली, बीजे मेडिकल कॉलेज, पुणे की अंतिम वर्ष की छात्रा प्राची और प्रथम वर्ष के छात्र प्रसाद ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता के अंतर्गत 1.9 किमी एड्रियाटिक समुद्र में स्वीमिंग, 90 किमी साइकिल रेस, और 21 किमी दौड़ शामिल थी। प्रतिभागियों को 8 घंटे के भीतर पूरी प्रतियोगिता समाप्त करने की चुनौती थी।
इस प्रतियोगिता में विभिन्न देशों के 3,500 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रतियोगिता के दौरान समुद्र की तेज लहरों, साइकिलिंग में तेज हवाओं और ऊँचाई-नीचाई वाली सड़कों जैसी कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन डुंबरे-पाटिल परिवार के चारों सदस्यों ने जबरदस्त मानसिक और शारीरिक शक्ति का परिचय देते हुए यह प्रतियोगिता सफलतापूर्वक पूरी की। इन चारों ने पिछले 8 से 10 महीनों से कड़ी मेहनत की। प्राची और प्रसाद ने अपनी पढ़ाई को संभालकर यह तैयारी की।
डॉ. संपत डुंबरे पाटिल ने कहा, यह प्रतियोगिता हमारे पूरे परिवार के लिए अविस्मरणीय अनुभव रही। एक ही परिवार के सभी सदस्यों द्वारा एक साथ इस प्रतियोगिता को पूरा करना केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक अनूठी उपलब्धि है। हमारा उद्देश्य बच्चों को न केवल पढ़ाई में बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूक करना था। इस यात्रा ने हमारे बीच पारिवारिक संबंधों को और मजबूत कर दिया है।
कु. प्राची ने कहा, इस प्रतियोगिता की तैयारी के दौरान हमारे परिवार का टीम वर्क शानदार रहा। फिटनेस का यह सफर हमें जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी फायदेमंद साबित हो रहा है। अपने माता-पिता के साथ एक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेकर उसे पूरा करना गर्व की बात है। साथ ही उनके प्रति हमारे मन में सम्मान और भी बढ़ा है।
इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की प्रतिनिधि डॉ. चित्रा जैन ने कहा कि डुंबरे पाटिल परिवार की इस ऐतिहासिक उपलब्धि को रिकॉर्ड में दर्ज कर उन्हें सम्मानित किया गया है। इस प्रतियोगिता की तैयारी में मार्गदर्शन करनेवाले चैतन्य वेल्हाल (मैरेथन कोच), पियूष कुमार (स्ट्रेंथ ट्रेनर), शुभंकर झरे (स्विमिंग कोच), आराध्या और अविनाश (योग प्रशिक्षक) को डुंबरे पाटिल परिवार द्वारा सम्मानित किया गया।
अनेक चुनौतियों के बावजूद सफलता
डॉ. वैशाली डुंबरे पाटिल ने कहा, प्रतियोगिता से कुछ दिन पहले कई कठिनाइयाँ आईं। प्राची के घुटने में चोट लगने के कारण उसे तीन महीने तक वॉकर का सहारा लेना पड़ा, जिससे उसकी प्रैक्टिस बाधित हुई, लेकिन उसने प्रतियोगिता से 15 दिन पहले कड़ी मेहनत कर अपनी फिटनेस वापस हासिल की। वहीं, प्रसाद अपनी 12वीं बोर्ड परीक्षाओं और नीट की तैयारी में व्यस्त था, फिर भी उसने संतुलन बनाकर पूरी तैयारी की और न सिर्फ ‘आयरनमैन’ प्रतियोगिता पूरी की, बल्कि बीजे मेडिकल कॉलेज में भी प्रवेश पाया। अगर बच्चों को सही मार्गदर्शन और प्रोत्साहन मिले, तो वे निश्चित ही सफलता प्राप्त कर सकते हैं। नियमित व्यायाम ने न केवल उनके शारीरिक स्वास्थ्य को मजबूत किया, बल्कि पढ़ाई में एकाग्रता बढ़ाने में भी मदद की। इस पूरे सफर को एक परिवार के रूप में एक साथ तय करना हमारे लिए बेहद आनंददायक और अविस्मरणीय रहा। ‘इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ में हमारी उपलब्धि दर्ज होना पूरे परिवार के लिए गर्व का क्षण है।
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