पुलिस आयुक्त कार्यालय के सामने बहुजन युवक सुखदेव कोडते द्वारा आमरण अनशन
पुलिस आयुक्त कार्यालय के सामने बहुजन युवक सुखदेव कोडते द्वारा आमरण अनशन
पुणे, जनवरी (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
क्रांति मजदूर सेना की ओर से पुणे शहर के पुलिस आयुक्त कार्यालय के सामने बहुजन युवा सुखदेव कोडते का आमरण अनशन 8 जनवरी से चल रहा है। बहुजन युवक सुखदेव कोडते को झूठे अपराध में गैरकानूनी तरीके से झूठा गवाह बनाया गया है।
सुखदेव कोडते को 27 घंटे सिंहगढ़ रोड पुलिस स्टेशन के लॉकअप में पुलिस उपनिरीक्षक निकेतन निंबालकर ने रखा था। इस मामले की शिकायत सुखदेव कोडते ने 29/1/2024 को पुलिस आयुक्त कार्यालय पुणे शहर पुलिस उपायुक्त परिमंडल 3, सहायक आयुक्त सिंहगढ़ विभाग में शिकायत आवेदन दिया था। एक साल बीत जाने के बाद भी इस बहुजन युवा को न्याय नहीं मिलने पर क्रांति मजदूर सेना सामाजिक संगठन की ओर से डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की प्रतिमा के बाहर 22 दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया, लेकिन तमाम संबंधित अधिकारियों से मुलाकात और चर्चा के बाद भी सुखदेव कोडते को न्याय नहीं मिला। उसके बाद सहायक पुलिस निरीक्षक श्री प्रवीण जाधव ने सुखदेव कोडते के शिकायत आवेदन की जांच की और 9/9/2024 को जांच रिपोर्ट पूरी की और स्टेशन डायरी बनाकर तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सिंहगढ़ रोड श्री राघवेंद्र सिंह क्षीरसागर को पेश की, लेकिन परिमंडल 3 के डीसीपी श्री संभाजी कदम और सिंहगढ़ विभाग के एसीपी और कोथरुड विभाग के एसीपी ने जानबूझकर जांच की दिशा बदल दी और पुलिस उपनिरीक्षक निकेतन निंबालकर और उनके सहयोगियों को बचाने की कोशिश की जा रही है।
सुखदेव कोडते को न्याय मिलने में देरी हो रही है, इसलिए क्रांति मजदूर सेना सामाजिक संगठन की ओर से निकेतन निंबालकरपर अनुसूचित जाति एवं जनजाति निवारण अधिनियम के अनुसार अत्याचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाए और उनके साथियों को बर्खास्त किया जाए तथा जांच के दौरान निष्पन्न हुए संबंधित पुलिस और उन्हें बचानेवाले वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ पुलिस विभाग विलंब अधिनियम के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए। यह मांग क्रांति मजदूर सेना के संस्थापक अध्यक्ष अर्जुन ओहोल ने की है।
अनशनकर्ता पीड़ित सुखदेव कोडते, पुणे शहर जिला अध्यक्ष अजय शिंदे, पुणे शहर संपर्क प्रमुख सचिन कदम, पुणे शहर महासचिव दत्ता कांबले और पुणे शहर प्रचार प्रमुख आकाश शिंदे उपस्थित थे।
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