कोथरुड में रुद्र द्वारा निर्मित की गई मल्हारगढ़ की प्रतिकृति

कोथरुड में रुद्र द्वारा निर्मित की गई मल्हारगढ़ की प्रतिकृति

कोथरुड में रुद्र द्वारा निर्मित की गई मल्हारगढ़ की प्रतिकृति

कोथरुड में रुद्र द्वारा निर्मित की गई मल्हारगढ़ की प्रतिकृति

पुणे, नवंबर (हड़सपर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
बच्चों की कल्पनाओं को गुंजाइश और प्रोत्साहन देने की ज़रूरत है। अंग्रेजी-मराठी स्कूलों में बच्चों को छत्रपति शिवराय और गढ़ किलों की याद है। दिवाली के अवसर पर बच्चे किताबों के माध्यम से किलों की रचना, निर्माण और व्यवस्था की सभी बारीकियों का अध्ययन करके किलों का निर्माण कर रहे हैं। कोथरुड में अंग्रेजी माध्यम के आठवीं कक्षा के छात्र रुद्र शिरीष जेशा इनामदार और उसके दोस्तों द्वारा मिलकर किले की तटबंध से लेकर जल व्यवस्था और सेना तक का सावधानीपूर्वक निर्माण किया गया है।

हाल ही में यह कहा जा रहा है कि मोबाइल संस्कृति में पढ़ने की संस्कृति लुप्त होती जा रही है। हालाँकि, इसके कुछ अपवाद भी हैं। आज भी स्कूल और कॉलेज के पुस्तकालय बच्चे पढ़ने के लिए अलग-अलग किताबें प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। रुद्र इनामदार ने पढ़ने की खुशी और नई चीजें सीखने का दृढ़ संकल्प दिखाया है। रुद्र को विशेषकर छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी महाराज का इतिहास पढ़ने में बहुत रुचि है। अब तक रुद्र ने छत्रपति शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज की कई किताबें पढ़ी हैं और उनसे नोट्स भी निकालकर रखे हैं, ऐसा उसके अभिभावक शिरीष और जेशा इनामदार ने बताया।

इनामदार ने बताया कि वह अब तक 20 से ज्यादा किलों की ट्रैकिंग पूरा कर चुका है। ट्रैकिंग के दौरान जगह की बारीकियों को आत्मसात किया गया है। वहां की मिट्टी, पत्थर, व्यवस्था, रचना, निर्माण आदि चीजों को भी दर्ज किया है। इस साल दिवाली में रुद्र ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर पुणे के पास स्थित मल्हारगढ़ किले की प्रतिकृति दिवाली किला के रूप में साकार की है।

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