दशरथ जाधव 66 साल की उम्र में बने विश्व आयरनमैन चैंपियन : पहले भारतीय बनने का गौरव किया हासिल

दशरथ जाधव 66 साल की उम्र में बने विश्व आयरनमैन चैंपियन : पहले भारतीय बनने का गौरव किया हासिल

दशरथ जाधव 66 साल की उम्र में बने विश्व आयरनमैन चैंपियन : पहले भारतीय बनने का गौरव किया हासिल

दशरथ जाधव 66 साल की उम्र में बने विश्व आयरनमैन चैंपियन : पहले भारतीय बनने का गौरव किया हासिल

हड़पसर, नवंबर (हड़सपर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) के कोना में आयोजित वर्ल्ड आयरनमैन चैंपियनशिप प्रतियोगिता को निर्धारित समय में पूरा करनेवाले हड़पसर के उद्यमी दशरथ जाधव ने 66 साल की उम्र में पहले भारतीय बनने का गौरव हासिल किया है। 66 साल की उम्र में उन्होंने सोलह घंटे के निर्धारित समय में प्रतियोगिता सफलतापूर्वक पूरी की और तिरंगा फहराया।

इस प्रतियोगिता में सफल होने के लिए अपने आयु वर्ग में सर्वाधिक समय दर्ज कराकर क्लालीफाई करना होता है। फुल आयरनमैन प्रतियोगिता में प्रतियोगी को निर्धारित समय के भीतर चार किलोमीटर रुके बिना तैराकी, 180 किलोमीटर साइकिलिंग और 42 किलोमीटर दौड़ पूरी करनी होती है। चूंकि कोना एक ज्वालामुखीय क्षेत्र है, इसलिए इसकी जलवायु बहुत आर्द्र है।

अत्यधिक गर्मी और पैर में ऐंठन, साइकिल चलाते समय प्रतिकूल हवा प्रतिस्पर्धी को बहुत थका देती है। इन सभी बाधाओं को पार करते हुए उद्यमी दशरथ जाधव ने वर्ल्ड आयरनमैन चैंपियनशिप में भारत का परचम लहराया। उन्होंने दिखा दिया है कि उम्र होने के बाद भी वह लक्ष्य हासिल कर सकते हैं।

इससे पहले भी उद्यमी जाधव ने वर्ल्ड हाफ आयरनमैन चैंपियनशिप में सफलता हासिल कर चुके हैं। सेंट जॉर्ज 2022 और लाहती फ़िनलैंड 2023 ये प्रतियोगिताएं हुईं। इसके अलावा दशरथ जाधव ने 14 फुल आयरनमैन, 6 हाफ आयरनमैन और सैकड़ों हाफ और फुल मैराथन, लंदन एडिनबर्ग लंदन 1542 किमी साइकिल प्रतियोगिता, डेक्कन क्लिफहैंगर 650 किमी पुणे गोवा साइकिल प्रतियोगिता में भी सफलता हासिल की है।

वास्तव में मैंने पचपन वर्ष की उम्र के बाद शारीरिक स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देना शुरू किया तब से मेरा दिन सुबह 3:30 बजे शुरू होता है। सुबह 8:30 बजे तक वह जरूरी एक्सरसाइज जैसे साइकिलिंग, स्वीमिंग, शारीरिक व्यायाम, योगा, मेडिटेशन और अन्य दूसरे काम निपटाकर ऑफिस में आता हूं। पूरे दिन काम करने के बाद, मेरा दिन रात 9 बजे के आसपास समाप्त होता है।

श्री दशरथ जाधव ने बताया कि प्रतिस्पर्धा जोड़कर शौक को बरकरार रखा गया है। इसमें कई बार सफलता भी मिली है तो उत्साह बना रहता है। आहार संबंधी तकनीक कायम रखी है। आज 66 वर्ष की उम्र में भी मैं थकान और शारीरिक व्याधियों से दूर रहने में सक्षम हूं। आज के युवाओं को धन संचय के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य को भी उतना ही महत्व देते हुए अपनी जीवनशैली को संतुलित करना चाहिए।’

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