रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा निम्नलिखित तीन मल्टी-ट्रैकिंग रेलवे परियोजनाओं की मंजूरी के बारे में जानकारी दी
मनमाड-जलगांव चौथी लाइन, भुसावल-खंडवा तीसरी और चौथी लाइन, और मानिकपुर-इरादतगंज तीसरी लाइन
मुंबई, नवंबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
माननीय रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मीडिया को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा निम्नलिखित तीन मल्टी-ट्रैकिंग रेलवे परियोजनाओं की मंजूरी के बारे में जानकारी दीः जलगांव-मनमाड चौथी लाइन, भुसावल-खंडवा तीसरी और चौथी लाइन और मानिकपुर-इरादतगंज तीसरी लाइन। इन परियोजनाओं का लक्ष्य पूरे महाराष्ट्र में रेलवे के बुनियादी ढांचे में सुधार करना, मध्य प्रदेश के साथ कनेक्टिविटी बढ़ाना और मुंबई-प्रयागराज-वाराणसी कॉरिडोर को मजबूत करना है। सम्मेलन में मुंबई, नासिक, भुसावल, भोपाल, जबलपुर और प्रयागराज से बड़ी संख्या में मीडिया प्रतिनिधि शामिल हुए।
श्री अश्विनी वैष्णव ने लगभग 7,927 करोड़ की कुल लागत वाली तीन परियोजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। इन परियोजनाओं को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति द्वारा मंजूरी दी गई थी। प्रस्तावित रेल लाइनें पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और अवध के कुछ हिस्सों को महाराष्ट्र से जोड़ेंगी।
प्रस्तावित मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाएं संचालन को आसान बनाएंगी और भीड़भाड़ कम करेंगी जिससे मुंबई और प्रयागराज के बीच कुछ सबसे व्यस्त खंडों पर बहुत जरूरी बुनियादी ढांचे का विकास होगा। ये परियोजनाएं माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “न्यू इंडिया“ के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं जिसका उद्देश्य व्यापक विकास के माध्यम से क्षेत्र को “आत्मनिर्भर“ बनाना है जिससे रोजगार के अवसर बढ़ें।
ये परियोजनाएं ’मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ के परिणाम हैं जो एकीकृत योजना के माध्यम से संभव हुई हैं। वे लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेंगे।
परियोजनाओं की निर्माण अवधि के दौरान लगभग एक लाख मानव दिवस का प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होगा। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के सात जिलों अर्थात् नासिक, जलगांव, बुरहानपुर, खंडवा, रीवा, चित्रकूट और प्रयागराज को शामिल करते हुए भारतीय रेल के नेटवर्क को लगभग 639 ट्रैक किमी तक बढ़ाया गया है।
प्रमुख लाभ
प्रस्तावित मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाएँ से लाभ :
– नासिक, जलगांव, बुरहानपुर, रीवा, चित्रकूट, खंडवा और प्रयागराज से कनेक्टिविटी का विस्तार।
– शिरडी साईं मंदिर, शनि शिंगणापुर, पंचवटी, कालाराम मंदिर, गोदावरी गोमुख, वाणी मंदिर और घृष्णेश्वर मंदिर जैसे धार्मिक स्थलों की यात्रा की सुविधा में आसानी।
– खजुराहो, अजंता और एलोरा गुफाओं जैसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों के साथ-साथ देवगिरि किला, असीरगढ़ किला, रीवा किला, यवल वन्यजीव अभयारण्य, केओटी फॉल्स और पुरवा फॉल्स जैसे आकर्षणों केन्द्रों तक पहुंच में सुधार के साथ पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
परियोजना विवरण
1. मनमाड-जलगांव चौथी लाइन परियोजना (160 किमी)
– लागतः’ 2,773.26 करोड़
– ’आर्थिक प्रभावः’ कोयला, स्टील, कंटेनर और प्याज, फल और सोयाबीन जैसी कृषि उपज (कुल 21.6 एमटीपीए) के परिवहन की सुविधा ।
– ’लाभः यात्री और माल ढुलाई क्षमता में वृद्धि और सालाना 8 करोड़ लीटर डीजल कर बचत, उच्च घनत्व वाले गलियारे में भीड़ में कमी और सुरक्षा में सुधार ।
2. भुसावल-खंडवा तीसरी और चौथी लाइन परियोजना (131 किमी)
– ’लागतः’ 3,513.56 करोड़
– ’लाभः माल ढुलाई में सुधार, मुंबई और उत्तरी/पूर्वी राज्यों के बीच यात्री सेवाओं में वृद्धि, भुसावल जंक्शन पर भीड़ कम करना, सालाना 4 करोड़ लीटर डीजल की बचत और सुरक्षा में सुधार।
संचयी लाभ
इन तीन परियोजनाअेां के पूरा होने पर :
– लगभग 15 अतिरिक्त ट्रेनों के संचालन की सुविधा, यात्री क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि।
– सालाना 50 मिलियन टन की अतिरिक्त लोडिंग सुविधा।
– प्रति वर्ष लगभग 15 करोड़ लीटर डीजल की बचत।
– महाजेनको, रत्तन और इंडियाबुल्स जैसे थर्मल पावर प्लांटों को निर्बाध कोयला आपूर्ति सुनिश्चित ।
– लॉजिस्टिक्स दक्षता में वृद्धि, आपूर्ति श्रृंखलाओं में आसानी और तेज आर्थिक विकास ।
मुख्य विशेषताएं
– ’बुनियादी ढांचे का विकासः’ महत्वपूर्ण गलियारों पर लाइन क्षमताओं को बढ़ाना, भीड़भाड़ को कम करना और परिचालन दक्षता में सुधार करना।
– ’आर्थिक प्रभावः’ रोजगार को बढ़ावा देने, परिवहन नेटवर्क को बढ़ाने और रसद लागत को कम करके क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देना।
– ’पर्यावरणीय लाभः’ सड़क परिवहन पर निर्भरता कम करने के साथ कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन में कटौती और स्थिरता लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता।
भारतीय रेल अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने और भारत के लोगों एवं अर्थव्यवस्था को परिवर्तनकारी लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
यह जानकारी जनसंपर्क विभाग, मध्य रेल्वे, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, मुंबई द्वारा जारी की गई है।
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