सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर झूठी बम धमकियों को रोकने के लिए परामर्श जारी किये

सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर झूठी बम धमकियों को रोकने के लिए परामर्श जारी किये

सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर झूठी बम धमकियों को रोकने के लिए परामर्श जारी किये

सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर झूठी बम धमकियों को रोकने के लिए परामर्श जारी किये

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाईने भारत में परिचालित विभिन्न एयरलाइनों द्वारा सामना की जा रही झूठी बम धमकियों के प्रसार को रोकने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सहित मध्यस्थों की जिम्मेदारी पर जोर देते हुए परामर्श जारी किये हैं। एमईआईटीवाई ने इस बात पर जोर दिया है कि सोशल मीडिया मध्यस्थों को आईटी अधिनियम2000, आईटी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहितानियम2021 और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 का पालन करना चाहिए और इन प्लेटफार्मों को सार्वजनिक व्यवस्था और सुरक्षा बनाए रखने के लिए गैरकानूनी सामग्री (कंटेंटको तुरंत हटाना चाहिए।

एयरलाइनों को झूठी बम धमकियों के रूप में दुर्भावनापूर्ण कृत्य सार्वजनिक व्यवस्था और राज्य की सुरक्षा के लिए संभावित खतरा पैदा करते हैं। इस तरह की झूठी बम धमकियाँ बड़ी संख्या में नागरिकों को प्रभावित करने के साथसाथ देश की आर्थिक सुरक्षा को भी अस्थिर करती हैं। इसके अलावासोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर फ़ॉरवर्डिंग/रीशेयरिंग/रीपोस्टिंग/रीट्वीट” के विकल्प की उपलब्धता के कारण इस तरह की झूठी बम धमकियों के प्रसार का पैमाना ख़तरनाक रूप से अनियंत्रित पाया गया है। इस तरह की झूठी बम धमकियों की ज़्यादातर सूचनाएँ गलत होती हैं जो सार्वजनिक व्यवस्थाएयरलाइनों के परिचालन और एयरलाइन यात्रियों की सुरक्षा को बड़े पैमाने पर बाधित कर रही हैं।

आईटी अधिनियम और नियमों के तहत उचित कार्य का दायित्व

इस संबंध मेंयह ध्यान दिया जाना चाहिए कि सोशल मीडिया मध्यस्थों सहित मध्यस्थों का सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम2000 (“आईटी अधिनियम“) र सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहितानियम2021 (“आईटी नियम2021″) के तहत उचित कार्य करने का दायित्व है कि वे ऐसी गलत सूचनाओं को तुरंत हटाएँजो सार्वजनिक व्यवस्था और देश की सुरक्षा को प्रभावित करती हों।

उचित कार्य संबंधी बाध्यताओं के हिस्से के रूप मेंसोशल मीडिया मध्यस्थों सहित संबंधित मध्यस्थों की यह जिम्मेदारी है कि वे आईटी नियम2021 के तहत किसी भी उपयोगकर्ता को किसी भी गैरकानूनी या गलत जानकारी को होस्ट करनेप्रदर्शित करनेअपलोड करनेसंशोधित करनेप्रकाशित करनेसंचारित करनेसंग्रह करनेअपडेट करने या साझा करने की अनुमति न देने की तुरंत आवश्यक कार्रवाई करें। इसके अलावाआईटी अधिनियम की धारा 79 के तहत सोशल मीडिया मध्यस्थों द्वारा उपलब्ध कराई गई या होस्ट की गई किसी भी तीसरे पक्ष की जानकारीडेटा या संचार लिंक के लिए जवाबदेही से छूट लागू नहीं होगी यदि ऐसे मध्यस्थ आईटी अधिनियम के तहत आईटी नियम2021 के साथ निर्धारित उचित कार्य दायित्वों का पालन नहीं करते हैं या गैरकानूनी कार्य करने में सहायता करते हैं।

आईटी नियम2021 में दिए गए उचित कार्य दायित्वों का पालन करने में मध्यस्थों की विफलता के मामले मेंआईटी अधिनियम की धारा 79 का प्रावधान ऐसे मध्यस्थ पर लागू नहीं होगा और वे आईटी अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता 2023 (“बीएनएस“) सहित किसी भी कानून के तहत परिणामी कार्रवाई के लिए उत्तरदायी होंगे।

मंत्रालय ने सोशल मीडिया मध्यस्थों सहित सभी मध्यस्थों के लिए निम्नलिखित प्रमुख जिम्मेदारियों को दोहराया है:

1. गलत सूचना को तुरंत हटाना: सोशल मीडिया मध्यस्थों सहित सभी मध्यस्थों को अपने उचित कार्य दायित्वों का पालन करना चाहिए और तय समयसीमा के भीतर झूठी बम धमकियों सहित गैरकानूनी जानकारी तक पहुंच को अक्षम बनाना चाहिए या हटाना चाहिए।

2. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता2023 के तहत अपराधों की रिपोर्टिंगमध्यस्थों को ऐसी गतिविधियों या कार्यों की रिपोर्ट करनी चाहिएजो भारत की एकताअखंडतासंप्रभुतासुरक्षा या आर्थिक सुरक्षा को खतरा पहुंचाते हैंया जिनमें खतरा पैदा करने की संभावना है

3. सरकारी एजेंसियों के साथ सहयोग: सोशल मीडिया मध्यस्थों को जांच या साइबर सुरक्षा प्रयासों में सहायता के लिए निर्धारित समय सीमा (जितनी जल्दी हो सके लेकिन 72 घंटे से पहलेके भीतर अधिकृत सरकारी एजेंसियों को प्रासंगिक जानकारी और सहायता प्रदान करने की आवश्यकता होती है।

Spread the love

Post Comment