मध्य रेलवे के अधिकार क्षेत्र में 98 रेलवे स्टेशनों का 5014.41 करोड़ के व्यय से हो रहा है पुनर्विकास
मध्य रेलवे के अधिकार क्षेत्र में 98 रेलवे स्टेशनों का 5014.41 करोड़ के व्यय से हो रहा है पुनर्विकास
रेल यात्रियों की सुविधा और आराम प्रदान करने के लिए कार्य तीव्र गति से प्रगति पथ पर
पुणे, अक्टूबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
भारतीय रेलवे में एक बड़े पैमाने पर परिवर्तन हो रहा है, जिसका उद्देश्य यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान करना है। “अमृत भारत स्टेशन योजना” (ABSS) के तहत, मध्य रेलवे के विभिन्न स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है, ताकि आधुनिक यात्री सुविधाएं प्रदान की जा सकें और उन्हें क्षेत्रीय जनसंख्या के लिए विकास केंद्रों में परिवर्तित किया जा सके। इस मिशन को तब बड़ा प्रोत्साहन मिला जब अगस्त 2023 और फरवरी 2024 में मध्य रेलवे के अधिकार क्षेत्र में अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 76 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए आधारशिला रखी। प्रारंभिक रूप से चिन्हित 76 स्टेशनों में से 7 स्टेशनों के सॉफ्ट अपग्रेडेशन के कार्य पूरे हो चुके हैं और बाकी स्टेशनों पर कार्य तीव्र गति से चल रहा है। हाल ही में शामिल किए गए तीन स्टेशन (जलगांव, अकलकोट और पनवेल) के लिए प्रारंभिक कार्य भी प्रगति पर हैं, जिनकी स्वीकृति इसी वर्ष मिली है।
मध्य रेलवे के तीन प्रमुख स्टेशनों – छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT), नागपुर और अजनी में बड़े स्तर पर अपग्रेडेशन कार्य हो रहा है, जिनकी भौतिक प्रगति क्रमशः 5%, 32% और 32% है। इसके अलावा, मध्य रेलवे ने 16 अन्य स्टेशनों को बड़े अपग्रेडेशन के लिए चिन्हित किया है, जिनमें दादर, ठाणे, ठाकुर्ली, कल्याण, लोकमान्य तिलक टर्मिनस (LTT), लोनावाला, भुसावल, अकोला, अमरावती, खंडवा, नासिक रोड, वर्धा, पुणे, मिराज, शिवाजी नगर और साई नगर शिरडी शामिल हैं। इन स्टेशनों के लिए डीपीआर और अनुमान तैयार किए जा रहे हैं।
ABSS नीति को भारतीय रेलवे द्वारा इस उद्देश्य से तैयार किया गया है कि रेलवे स्टेशनों का सतत और दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ आधुनिकीकरण किया जाए। इसका आधार मास्टर प्लान के तहत विभिन्न महत्वपूर्ण तत्वों का कार्यान्वयन है, जिससे रेलवे स्टेशनों की बढ़ती जरूरतों और यात्रियों की अपेक्षाओं को पूरा किया जा सके।
अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत निम्नलिखित सुविधाओं की योजना बनाई गई है :
सुव्यवस्थित स्टेशन भवन : नया स्टेशन भवन स्टेशन की वास्तुकला को आधुनिक और आकर्षक डिज़ाइन के साथ पुनर्परिभाषित करेगा।
स्वच्छ भारत मिशन : स्वच्छ भारत मिशन के तहत, स्टेशन पर एक मॉड्यूलर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा, जो कुशल सीवेज ट्रीटमेंट और साफ-सुथरे वातावरण की गारंटी देगा।
सौंदर्यीकृत प्लेटफार्म : प्लेटफार्मों पर सौंदर्यीकरण और सतह सुधार होगा, जिसमें प्लेटफार्म की दीवारों पर आकर्षक लैंडस्केपिंग भी शामिल होगी।
यात्री सुविधाएं : यात्रियों को बेहतर बैठने की व्यवस्था, पीने के पानी की सुविधाएं और प्लेटफार्मों एवं स्टेशन भवन के भीतर बेहतर लाइटिंग और वेंटिलेशन जैसी सुविधाएं मिलेंगी।
सुव्यवस्थित संपर्क : नए फुट ओवर ब्रिज, अतिरिक्त लिफ्ट और एस्केलेटर की सुविधा से यात्रियों की आवाजाही और पहुंच में सुधार होगा।
मार्गदर्शन और सूचना : आधुनिक ट्रेन इंडिकेशन बोर्ड और यात्रियों के अनुकूल साइनेज स्टेशन परिसर में सुचारू नेविगेशन की सुविधा प्रदान करेंगे।
कार्यात्मक सुधार: बुकिंग ऑफिस और अन्य प्रशासनिक भवनों का पूर्ण नवीनीकरण किया जाएगा, जिससे वे योजना के दीर्घकालिक विजन के अनुरूप हो जाएं।
समावेशिता : सभी सुधार विशेष रूप से दिव्यांगजनों के अनुकूल बनाए जाएंगे, ताकि सभी को समान पहुंच और सुविधा मिल सके।
-वन स्टेशन, वन प्रोडक्ट योजना के तहत स्टॉल की व्यवस्था।
-स्टेशनों का सिटी सेंटर के रूप में विकास।
-बेहतर यातायात परिसंचरण और इंटर-मोडल एकीकरण।
ABSS के तहत 79 रेलवे स्टेशनों और 19 बड़े अपग्रेडेशन स्टेशनों के अलावा, मुंबई उपनगरीय नेटवर्क के 10 स्टेशनों का भी विकास कार्य मुंबई रेलवे विकास निगम (MRVC) द्वारा किया जा रहा है। इनमें मुख्य लाइन पर घाटकोपर, भांडुप, मुलुंड, डोंबिवली, नेरल और कसारा, और हार्बर लाइन पर जीटीबी नगर, मानखुर्द, गोवंडी और चेंबूर शामिल हैं।
यह विज्ञप्ति मध्य रेलवे के जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी की गई है।
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