ज्ञान का भंडार है के.जे. शैक्षणिक संकुल : प्राचार्य डॉ. सुहास खोत

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ज्ञान का भंडार है के.जे. शैक्षणिक संकुल : प्राचार्य डॉ. सुहास खोत

ज्ञान का भंडार है के.जे. शैक्षणिक संकुल : प्राचार्य डॉ. सुहास खोत
के.जे. अभियांत्रिकी महाविद्यालय में प्रथम वर्ष अभियांत्रिकी छात्रों का परिचय सत्र व दीक्षा कार्यक्रम संपन्न

कोंढवा, सितंबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
के.जे. अभियांत्रिकी महाविद्यालय के प्रथम वर्ष के अभियांत्रिकी छात्रों के लिए परिचय सत्र एवं दीक्षा कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय में नया प्रवेश लेनेवाले कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक्स व टेलीकम्युनिकेशन, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, सिविल, वीएलएसआई डिज़ाइन और एडवांस कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी जैसी विभिन्न इंजीनियरिंग शाखाओं के सात सौ पचास से अधिक छात्र व अभिभावक उपस्थित थे।

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कार्यक्रम के दौरान के.जे. शैक्षणिक संस्था के संस्थापक अध्यक्ष श्री कल्याण जाधव, संकुल के कार्यकारी निदेशक मेजर जनरल समीर कल्ला, तकनीकी निदेशक डॉ. अजय फुलंबरकर, संकुल के अन्य कॉलेजों के प्राचार्य, गणमान्य व्यक्तियों के साथ-साथ शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारी उपस्थित थे।

प्रथम वर्ष इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष डॉ. प्राजक्ता देशमुख ने कार्यक्रम की रूपरेखा समझाई और प्रथम वर्ष के प्रथम सत्र के लिए नियोजित विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी। साथ ही कॉलेज के प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट अधिकारी प्रो. राजूसिंह राठौड़ ने छात्रों को इंजीनियरिंग शिक्षा के बाद कैरियर के अवसरों और इसके लिए आवश्यक बुनियादी तत्वों और कौशल के बारे में मार्गदर्शन किया।
के.जे. शैक्षणिक संकुल ज्ञान का भंडार है और छात्रों को यहां से इंजीनियरिंग शिक्षा के चरण को सफलतापूर्वक पास कर अपने निश्चित लक्ष्य को पूरा कर अपना भविष्य उज्ज्वल करना चाहिए। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति इंजीनियरिंग शिक्षा की पूरक है। इससे भविष्य में और अधिक कुशल इंजीनियर तैयार होंगे। प्रवेशित भावी इंजीनियरों को नवीन परियोजनाएं बनाने, विभिन्न शोध पत्र और पेटेंट तैयार करने और सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कॉलेज में उपलब्ध आधुनिक और अच्छी तरह से सुसज्जित प्रयोगशालाओं जैसे इलेक्ट्रिक वाहन स्टार्ट अप लैब, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस लैब का पूरा उपयोग करना चाहिए और इससे खुद को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने पर ध्यान देना चाहिए।
– प्राचार्य डॉ.सुहास खोत, के.जे. इंजीनियरिंग कॉलेज

इंजीनियरिंग की डिग्री अंतिम लक्ष्य नहीं है बल्कि छात्रों को अपना सर्वांगीण विकास करना चाहिए। शिक्षकों और अभिभावकों की विशेष भागीदारी छात्रों के मनोबल को बढ़ाने में मदद करती है। शैक्षिक परिसर के परामर्शदाता ने कहा, छात्रों को भी अपने शिक्षकों और माता-पिता के प्रति वफादार और ईमानदार होना चाहिए, लगातार उनकी कंपनी में रहना चाहिए, जो वे चाहते हैं उसे अवशोषित करना चाहिए, जो उन्हें मिलता है उसे प्राप्त करना चाहिए।
-डॉ. योगिता तोडकर, (समुपदेशक) के. जे. शैक्षणिक संकुल

विद्यार्थियों को सदैव सफलता का ग्राफ ऊंचा उठाते रहना चाहिए और इसके लिए सतत, अखंड प्रयास करते रहना चाहिए। निरंतरता, कार्य करने की तत्परता रखनी चाहिए। इंजीनियरिंग की सभी शाखाओं का विशेष महत्व है। छात्रों को सशक्तिकरण के लिए सामाजिक कल्याण, स्व-हित के लिए इंजीनियरिंग में विभिन्न अवसरों को खोजने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और समय-समय पर तर्कसंगत तरीके से खुद को एक अच्छा इंजीनियर साबित करना चाहिए।
-डॉ. अजय फुलंबरकर, संकुल के तकनीकी निदेशक

एक अच्छा इंजीनियर बनने के साथ-साथ देश का एक अच्छा नागरिक बनना भी उतना ही जरूरी है। एक अनुशासित विद्यार्थी ही देश के अच्छे नागरिक का परिचायक होता है। विद्यार्थियों को नियमित रूप से अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए। दृढ़ संकल्प एवं दृढ़ इच्छा शक्ति से देश का भविष्य उज्ज्वल करना चाहिए।
-मेजर जनरल समीर कल्ला, संकुल के कार्यकारी निदेशक

छात्रों को इंजीनियर बनकर सिर्फ नौकरी पर ही ध्यान केंद्रित नहीं करना चाहिए बल्कि भविष्य में एक सफल उद्यमी भी बनना चाहिए और इस तरह रोजगार सृजन में योगदान देना चाहिए।
-श्री कल्याणराव जाधव, संस्थापक अध्यक्ष : के.जे. शैक्षणिक संस्था।

इस कार्यक्रम के अवसर पर सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के प्रथम वर्ष के इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम और नई शैक्षिक नीति के अनुसार ‘बेसिक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग (टेक-नियो पब्लिकेशन)’ पुस्तक का प्रकाशन समारोह गणमान्य व्यक्तियों और पुस्तक के लेखक डॉ. सुहास खोत, डॉ. सुनीता देशमुख, प्रो.अमृता ताकवले, प्रो. रहीमराजा शेख द्वारा किया गया।

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इस कार्यक्रम में वर्ष 2023-24 के इंजीनियरिंग प्रथम वर्ष के मेधावी छात्रों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उपस्थित विद्यार्थियों एवं अभिभावकों ने भी अपनी भावनाएँ व्यक्त कीं।
इस परिचय सत्र एवं दीक्षा कार्यक्रम में महाविद्यालय के शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का विशेष सहयोग मिला।
कार्यक्रम का सूत्र-संचालन प्रा.आशा जाधव व आभार प्रदर्शन प्रा. संदीप सहाणे ने किया।

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