डॉ. सत्येंद्र सिंह ‘हिंदी भाषा भूषण’ मानद उपाधि से अलंकृत

डॉ. सत्येंद्र सिंह ‘हिंदी भाषा भूषण’ मानद उपाधि से अलंकृत

डॉ. सत्येंद्र सिंह ‘हिंदी भाषा भूषण’ मानद उपाधि से अलंकृत

डॉ. सत्येंद्र सिंह ‘हिंदी भाषा भूषण’ मानद उपाधि से अलंकृत

आंबेगांव, सितंबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
हिंदी दिवस के अवसर पर साहित्य मंडल नाथद्वारा, राजस्थान में 14 व 15 सितंबर को दो दिवसीय कार्यक्रम ‘हिंदी लाओ-देश बचाओ’ समारोह आयोजित किया गया, जिसमें पुणे के डॉ. सत्येंद्र सिंह और डॉ. अरुणा पाठक को हिंदी भाषा भूषण मानद उपाधि से अलंकृत किया गया। साहित्य मंडल के अध्यक्ष पं. मदनमोहन शर्मा द्वारा समारोह में दोनों साहित्यकारों को शॉल, श्रीफल, उपरण, श्रीनाथजी का चित्र, मेवाड़ी पगड़ी और हिंदी भाषा भूषण उपाधि प्रदान की गई।

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सर्वप्रथम 14 सितंबर को शिक्षकों, साहित्यकारों और विद्यार्थियों द्वारा ‘हिंदी लाओ देश बचाओ’ के नारे के साथ नगर परिक्रमा की गई। श्री भगवती प्रसाद देवपुरा प्रेक्षागार में आयोजित समारोह कत्थक नृत्य शिरोमणि की मानद उपाधि से अलंकृत डॉ. प्रभा दुबे ने कत्थक नृत्य द्वारा गणेश वंदना, श्रीकृष्ण, श्रीराम और भगवान शिव आधारित रचनाओं पर बहुत सुंदर कत्थक नृत्य प्रस्तुत किया। राधामोहन पाठक द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना ने सभी का मन मोह लिया। इस अवसर पर श्री श्रीनाथजी मंदिर के बड़े मुखिया तथा नवनीतप्रियजी के बड़े मुखिया को प्रभुसेवा रत्न मानद उपाधि से अलंकृत किया गया। इंदौर निवासी प्रो. राजेश मेहरा अध्यक्ष मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग तथा डॉ. सुनील कुमार शर्मा निदेशक ब्रेथवेट एवं कंपनी रेल मंत्रालय को साहित्य वाग्विभूति की मानद उपाधि से अलंकृत किया गया। देश विदेश से आए हिंदी सेवी साहित्यकारों को हिंदी साहित्य शिरोमणि, हिंदी भाषा विभूषण, बाल साहित्य भूषण, हिंदी भाषा भूषण, हिंदी साहित्य विभूषण, हिंदी काव्य विभूषण, हिंदी साहित्य भूषण, हिंदी काव्य शिरोमणि व काव्यभूषण की मानद उपाधियाों से अलंकृत किया गया। हिंदी साहित्य के अलावा सीमारक्षक सेवा रत्न, पत्रकार संपादक रत्न व चिकित्सा सेवा रत्न की मानद उपाधियां भी प्रदान की गईं।

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उल्लेखनीय है कि साहित्य मंडल श्रीनाथद्वारा की स्थापना स्व. श्री भगवती प्रसाद देवपुरा द्वारा 1937 में की गई थी। अंग्रेजी हटाओ आंदोलन से शुरू हुई इस संस्था का घोषवाक्य है- जगत् को जगाने हेतु उठो, जागो और अपने आपको पहचानो। इस संस्था द्वारा हर वर्ष 14 सितंबर हिंदी दिवस के अवसर पर हिंदी के प्रचार प्रसार से जुड़े हिंदीसेवियों, साहित्यकारों, पत्रकारों व संपादकों को सम्मानित किया जाता है।

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