धर्म वीर मीना ने आज मध्य रेल के महाप्रबंधक का पदभार संभाला

धर्म वीर मीना ने आज मध्य रेल के महाप्रबंधक का पदभार संभाला

धर्म वीर मीना ने आज मध्य रेल के महाप्रबंधक का पदभार संभाला

धर्म वीर मीना ने आज मध्य रेल के महाप्रबंधक का पदभार संभाला

पुणे, अगस्त (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
श्री धर्म वीर मीना ने आज दिनांक 01/09/2024 को मध्य रेल के महाप्रबंधक का पदभार संभाला । वे 1988 परीक्षा बैच के भारतीय रेलवे सिग्नल इंजीनियर्स सेवा (IRSSE) के अधिकारी हैं। मध्य रेल के महाप्रबंधक का पदभार संभालने से पहले, वे मध्य रेल में प्रधान मुख्य सिग्नल और दूरसंचार इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे। उन्होंने श्री राम करन यादव का स्थान लिया, जो 31 अगस्त, 2024 को सेवानिवृत्त हुए।
श्री धर्म वीर मीना ने 1988 में एम.बी.एम. इंजीनियरिंग कॉलेज, जोधपुर से इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार में बी.ई. की पढ़ाई पूरी की और आपने विधि में स्नातक भी किया है। वे मार्च, 1990 में रेलवे में शामिल हुए।
उन्होंने दक्षिण पूर्व रेलवे, पश्चिम रेलवे, पश्चिम मध्य रेलवे और मध्य रेल में फील्ड और मुख्यालय दोनों स्तर में कई महत्वपूर्ण भूमिकाओं में कार्य किया है।  उनके कार्यकाल की खासियत यह रही है कि उन्होंने सिग्नलिंग परियोजनाओं और मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं से जुड़े सिग्नलिंग कार्यों, संरक्षा कार्यों को रिकॉर्ड समय में पूरा किया है।
उन्होंने 1992 से दक्षिण पूर्व रेलवे में सहायक सिग्नल और दूरसंचार इंजीनियर, शहडोल के रूप में अपना करियर शुरू किया और 1998 तक मंडल सिग्नल और दूरसंचार इंजीनियर, बिलासपुर और वरिष्ठ मंडल सिग्नल और दूरसंचार इंजीनियर, खुर्दा रोड के रूप में विभिन्न चुनौतीपूर्ण भूमिकाओं मे कार्य किया।
जिसके बाद वे पश्चिम रेलवे चले गए, जहाँ उन्होंने सिस्टम की समग्र विश्वसनीयता में सुधार करने के लिए विभिन्न क्षमताओं में कार्य किया, सिग्नलिंग इंस्टॉलेशन, रिकॉर्ड मल्टीट्रैकिंग प्रोजेक्ट्स से जुड़े सिग्नलिंग कार्य (वीरमगाम जंक्शन-सामाखियाली जंक्शन और सुरेंद्रनगर-राजकोट, अहमदाबाद-महेसाणा जंक्शन का दोहरीकरण सह गेज परिवर्तन)। उनके अथक प्रयासों से, प्रति सप्ताह एक से अधिक इंस्टॉलेशन आरम्भ किए गए। नवाचार पद्धतियों और भविष्य की तकनीकों के अनुकूलन द्वारा संवर्द्धन कार्यों के दौरान गतिशीलता उनके कार्यकाल की परिभाषित विशेषता थी।  अहमदाबाद मंडल के वडनगर और विसनगर के बीच पहले एम्बेडेड ब्लॉक को पूरा करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। उन्होंने 2020 में भारतीय रेलवे सिग्नल इंजीनियरिंग मैनुअल (आईआरएसईएम) समीक्षा समिति के सदस्य के रूप में भी काम किया।
पश्चिम मध्य रेलवे के प्रधान मुख्य सिग्नल और दूरसंचार इंजीनियर के रूप में, उन्होंने रिकॉर्ड समय में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग (ईआई) [न्यू कटनी जंक्शन (एनकेजे) के 994 मार्ग वाले मेगा यार्ड सहित, स्वचालित सिग्नलिंग कार्य (एबीएस), लेवल क्रॉसिंग (एलसी) इंटरलॉकिंग कार्य, मैकेनिकल सिग्नलिंग का उन्मूलन आदि] सहित मथुरा जंक्शन से नागदा जंक्शन तक 548 किलोमीटर तक फैले कवच कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया। उन्होंने भारतीय रेलवे में शीघ्र कार्यान्वयन के लिए अनुभव साझा करने और सहयोग के लिए कवच को लागू करने में उनकी प्रमुख पहलों पर विचार करते हुए माननीय रेल मंत्री के निर्देशानुसार स्थापित ‘कवच वर्किंग ग्रुप’ का भी नेतृत्व किया।
महप्रबंधक का पदभार संभालने से पहले, अप्रैल, 2024 से मध्य रेल के प्रधान मुख्य सिग्नल और दूरसंचार इंजीनियर (पीसीएसटीई) के रूप में, इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग (ईआई) [सीएसएमटी (छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस) सहित], स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग (एबीएस), एक्सल काउंटर (बीपीएसी) द्वारा ब्लॉक साबित करना, गति बढ़ाना, मल्टीट्रैकिंग प्रोजेक्ट, परिचालन बाधाओं को दूर करना, लेवल क्रॉसिंग इंटरलॉकिंग और क्लोजर वर्क्स, गतिशीलता और संपूर्ण संवर्द्धन कार्यों सहित रिकॉर्ड 88 सिग्नलिंग और संबंधित इंस्टॉलेशन को 126 दिनों के भीतर महत्वपूर्ण मील के पत्थर हासिल करने के लिए प्रभावित किया है। उनके नेतृत्व में, मध्य रेल पूरे जोनल नेटवर्क पर कवच के कार्यान्वयन के लिए निविदाएं आमंत्रित करने वाला पहला रेलवे बन गया है।
उन्होंने अपने पूरे कार्यकाल के दौरान यात्री सुविधा के कार्यों का विशेष ध्यान रखा तथा यात्रियों को सुविधा देने एवं बढ़ाने के लिए विविध मार्गों का प्रबंध किया ।
उन्होंने INSEAD, सिंगापुर और ICLIF, मलेशिया में उन्नत प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम और ISB, हैदराबाद में रणनीतिक प्रबंधन कार्यशाला में भाग लिया है।
 वर्ष 2009 से 2014 तक पश्चिम रेलवे में उप मुख्य सतर्कता अधिकारी के रूप में उन्होंने संगठन में उत्पादकता, अखंडता और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए सतर्कता को एक सुधारात्मक और रचनात्मक उपकरण के रूप में उपयोग करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और सतर्कता प्रणाली सॉफ्टवेयर (वीएसएस) को लागू किया। इन प्रयासों की सराहना करते हुए, उन्हें वर्ष 2013 में माननीय रेल मंत्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
ये योगदान भारतीय रेलवे को उच्च संरक्षा मानकों और उन्नत, स्वदेशी रूप से विकसित तकनीकी प्रणालियों के साथ परिवहन में वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने की व्यापक रणनीति का हिस्सा हैं।
यह प्रेस विज्ञप्ति जनसंपर्क विभाग, मध्य रेल, पुणे मंडल द्वारा जारी की गई है।
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