मध्य रेल द्वारा स्टेशनों पर अपशिष्ट प्रबंधन और रिसायकल को बढ़ावा देने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

मध्य रेल द्वारा स्टेशनों पर अपशिष्ट प्रबंधन और रिसायकल को बढ़ावा देने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

मध्य रेल द्वारा स्टेशनों पर अपशिष्ट प्रबंधन और रिसायकल को बढ़ावा देने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

मध्य रेल द्वारा स्टेशनों पर अपशिष्ट प्रबंधन और रिसायकल को बढ़ावा देने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

मुंबई, सितंबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
मध्य रेल ने मुंबई मंडल के भीतर चयनित स्टेशनों पर प्लास्टिक अपशिष्ट को कम करने और प्रभावी अपशिष्ट प्रबंधन समाधानों के कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित करते हुए मेसर्स शक्ति प्लास्टिक इंडस्ट्रीज के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करके पर्यावरणीय स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह रणनीतिक साझेदारी अपशिष्ट में कमी लाने और रिसाइकल के उद्देश्य से व्यापक राष्ट्रीय और क्षेत्रीय नीतियों के साथ संरेखित है, जो स्थायी प्रथाओं के लिए मध्य रेल की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
यह सहयोग छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) स्टेशन और वाडीबंदर डिपो पर अपशिष्ट प्रबंधन को बेहतर करने के उद्देश्य से एक पायलट परियोजना शुरू करेगा। इस समझौता ज्ञापन के उद्देश्य बहुआयामी हैं : सबसे पहले, एक व्यापक रिसायकल और अपशिष्ट न्यूनीकरण कार्यक्रम के माध्यम से मध्य रेल द्वारा स्टेशनों और कोचिंग डिपो पर अपशिष्ट प्रबंधन कार्यों (प्रैक्टिस) में सुधार करना; दूसरा,  भारतीय रेलवे नेटवर्क में संभावित दीर्घकालिक अपनाने के लिए इन रिसाइकल प्रैक्टिस की व्यवहार्यता और प्रभावशीलता का आकलन करना।
एमओयू की शर्तों के तहत, मध्य रेल मेसर्स शक्ति प्लास्टिक को सीएसएमटी स्टेशन और वाडीबंदर डिपो में ट्रेनों से मिलने वाले प्लास्टिक कचरे के संग्रह, पृथक्करण और रिसायकल के लिए आवश्यक स्थान और अनुमति प्रदान करेगा। पारस्परिक व्यवस्था में, मेसर्स शक्ति प्लास्टिक रिसायकल, प्लास्टिक से निर्मित वस्तुओं, जैसे बेंच और डस्टबिन प्रदान करके पहल में योगदान देगा, जिसका उपयोग सीएसएमटी रेलवे स्टेशन पर बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए किया जाएगा। इस सहयोगात्मक प्रयास से न केवल स्टेशनों पर अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार के संदर्भ में बल्कि शहरी स्थानीय निकायों/ग्रेटर मुंबई नगर निगम (यूएलबी/एमसीजीएम) पर अपशिष्ट निपटान के बोझ को कम करने के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण सहयोग मिलने की उम्मीद है। ऐसा करके, मध्य रेल भारत सरकार और रेलवे बोर्ड द्वारा निर्धारित ‘नेट जीरो स्टेशन’ लक्ष्य को प्राप्त करने के करीब पहुंच गया है, जो पर्यावरणीय जिम्मेदारी और स्थिरता की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा ।
यह प्रेस विज्ञप्ति जनसंपर्क विभाग, मुख्यालय, मध्य रेल, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, मुंबई द्वारा जारी की गई है।
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