20वें दिव्य कला मेले का राज्यपाल के हाथों किया गया उद्घाटन
यदि विकलांगों को सही अवसर और मंच मिले तो वे हर क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करते हैं : राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन
पुणे, सितंबर (जिमाका)
यदि विकलांगों को सही अवसर और मंच मिले तो वे हर क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करते हैं। दिव्य कला मेले के माध्यम से दिव्यांगों को आर्थिक रूप से सक्षम एवं आत्मनिर्भर बनाने का अवसर प्रदान किया जा रहा है। यह विचार राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने व्यक्त किये।
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से नवी सांगवी में पीडब्ल्यूडी मैदान पर आयोजित किए गए दिव्य कला मेले का उद्घाटन राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन के शुभ हाथों किया गया, तब वे बोल रहे थे। इस अवसर पर केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार, सांसद श्रीरंग बारणे, मंत्रालय के संयुक्त सचिव राजीव शर्मा, राष्ट्रीय विकलांगता वित्त एवं विकास निगम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नवीन शाह उपस्थित थे।
राज्यपाल ने दिव्य कला मेले में भाग लेनेवाले दिव्यांगों के उत्साह, दृढ़ संकल्प और कला को देखकर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, इस मेले के माध्यम से दिव्यांगों की ताकत और दृढ़ संकल्प को देखा गया। दिव्य कला मेला ने दिव्यांगों की प्रतिभा को दर्शाया है और यह समाज के लिए प्रेरणा है। यह दिव्य कला मेला न केवल कला, शिल्प और उद्यमिता का उत्सव है बल्कि दिव्यांगों के बीच नवाचार और उद्यमिता के गुणों को भी प्रदर्शित करता है। इस मेले से दिव्यांगों में सकारात्मक बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि सरकार के साथ-साथ विभिन्न संगठनों व समाजसेवी संस्थाओं के संयुक्त सहयोग से दिव्यांगों की आर्थिक आत्मनिर्भरता की व्यवस्था निर्माण की जा रही है।
सामाजिक न्याय और समावेशी विकास में महाराष्ट्र राज्य हमेशा अग्रणी रहा है, यह कहते हुए राज्यपाल ने आगे कहा, दिव्य कला मेला विकलांगों को आर्थिक और सामाजिक रूप से भी सशक्त बना रहा है। प्रधानमंत्री ने सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास का मंत्र दिया है। इस अवसर पर राज्यपाल श्री राधाकृष्णन ने विश्वास व्यक्त किया कि दिव्यांगों के विकास एवं भागीदारी से समाज का समावेशी विकास हो रहा है।
राज्यपाल ने कहा, 19 स्थानों पर आयोजित इन मेलों में 1 हजार 450 दिव्यांग प्रतियोगियों ने भाग लिया। साथ ही इन मेलों के माध्यम से दिव्यांग उद्यमियों ने करीब 11 करोड़ पचास लाख रुपये की कमाई की, इसकी बेहद खुशी है। सही अवसर और मंच मिलने पर दिव्यांग प्रतिभाशाली व्यक्ति हर क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकते हैं। राज्यपाल ने कहा कि इन मेलों के साथ-साथ सरकार दिव्यांगों के लिए रोजगार मेलों का भी आयोजन कर रही है।
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने कहा, दिव्य कला मेले के माध्यम से समाज के अंतिम व्यक्ति को मुख्यधारा में लाया जा रहा है। इससे दिव्यांगजन एवं दिव्यांगों का परिवार आर्थिक रूप से सशक्त होगा तथा इससे समाज का सर्वांगीण विकास होगा। दिव्यांग कला मेले के माध्यम से दिव्यांग कला शक्ति का प्रदर्शन किया जा रहा है। हाल ही में पेरिस में आयोजित पैरालिंपिक में भारतीय दिव्यांग खिलाड़ियों ने 84 खेलों में भाग लिया और शानदार प्रदर्शन करते हुए 29 पदक जीते और देश का मान बढ़ाया। इस मेले से एक सौ दिव्यांगों को रोजगार का अवसर मिला है। दिव्यांगों के समावेशी विकास और उन्हें सशक्त बनाने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। श्री वीरेंद्र कुमार ने आशा व्यक्त की कि पुणे संस्कृति का घर है और विकलांगों का समर्थन करने में पीछे नहीं रहेगा।
सांसद श्रीरंग बारणे ने कहा कि दिव्य कला मेला दिव्यांगों के लिए बड़ा अवसर है। उन्होंने पुणे में इस राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के आयोजन के लिए आयोजकों को धन्यवाद दिया।
संयुक्त सचिव राजीव शर्मा ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से क्रियान्वित की जा रही गतिविधियों एवं विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह मेला प्रधानमंत्री की संकल्पना पर आयोजित किया जा रहा है।
इस अवसर पर राज्यपाल द्वारा दिव्यांगजनों को प्रतिनिधि स्वरूप स्वचलित साइकिलें, विभिन्न उपयोगी वस्तुएं वितरित की गयीं। राज्यपाल ने दिव्यांगों से आत्मीयता और स्नेह से बातचीत की और उनकी कठिनाइयों को समझा। राज्यपाल ने दिव्यांग छात्र प्रथमेश सिन्हा द्वारा कार्यक्रम के बारे में दी गई जानकारी तथा उनसे बातचीत में व्यक्त की गई भावनाओं की सराहना की। पुणे बाल कला संस्था के दिव्यांग विद्यार्थियों ने गणेश स्तुति प्रस्तुत की। श्री नवीन शाह ने उपस्थित लोगों को धन्यवाद दिया।
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