किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराएगी : अपर मुख्य सचिव अनुप कुमार
पुणे, अगस्त (जिमाका)
राज्य में किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि निर्यात सबसे अच्छा विकल्प है और इसके लिए सभी आवश्यक बुनियादी सुविधा, क्लस्टर, कोल्ड स्टोरेज और परिवहन व्यवस्था के अनुसार सभी सुविधाएं विपणन मंडल और मैग्नेट परियोजना के समन्वय से उपलब्ध कराई जाएगी। यह जानकारी सहकारिता एवं विपणन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनूप कुमार ने दी है।
महाराष्ट्र राज्य कृषि विपणन मंडल और महाराष्ट्र कृषि व्यापार नेटवर्क (मैग्नेट) परियोजना के सहयोग से यशदा में आयोजित फल, सब्जियां और फूल निर्यात सम्मेलन के उद्घाटन पर वे बोल रहे थे। इस अवसर पर उद्योग विभाग के विकास आयुक्त दीपेंद्र सिंह कुशवाह, अपेडा के क्षेत्रीय प्रमुख प्रशांत वाघमारे, विदेश व्यापार महानिदेशालय के उप महानिदेशक दिलीराज दाभोले, फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन के क्षेत्रीय प्रमुख ऋषिकांत तिवारी, आरपीक्यूएस मुंबई के संयुक्त निदेशक डॉ.ब्रिजेश मिश्रा, जेएनपीटी के विश्वनाथ धारट, कृषि विपणन मंडल के महाप्रबंधक विनायक कोकरे, कार्यकारी निदेशक संजय कदम आदि उपस्थित थे।
श्री अनुप कुमार ने कहा कि कृषि निर्यात में महाराष्ट्र अग्रणी है। राज्य में पहला कृषि निर्यात सम्मेलन फरवरी 2022 में आयोजित किया गया था। सम्मेलन में केंद्र की कृषि निर्यात नीति 2018 पर विचार-विमर्श किया गया और राज्य की कृषि निर्यात नीति 2021 की घोषणा की गई। इसी नीति को संशोधित करने के लिए इस सम्मेलन का आयोजन किया गया है।
कार्गो मार्ग बदलने के कारण निर्यात माल को पहुंचने में 15 से 27 दिन का समय लगता है। रूस व यूक्रेन युद्ध, बांग्लादेश में राजनीतिक घटनाक्रम ने निर्यात को प्रभावित किया है। उस पर रास्ता निकालने की कोशिशें जारी हैं।
उन्होंने बताया कि हमारा देश फलों एवं सब्जियों में विश्व में चीन के बाद दूसरे स्थान पर है, लेकिन इसके बावजूद हमारा वैश्विक निर्यात केवल 2.2 फीसदी है। देश में फूल निर्यात में राज्य की हिस्सेदारी 43 प्रतिशत है। राज्य के कुछ विकसित जिलों से ही फलों का निर्यात किया जाता है। यह निर्यात दूसरी जगह से किया जाना चाहिए। यूरोपीय देश, खाड़ी देश मुख्य रूप से अपने कृषि उत्पादों का निर्यात करते हैं। उन्होंने कहा, अगर किसी कारण से इसका असर दक्षिण पूर्व एशियाई देशों पर पड़ता है तो कृषि उत्पादों के निर्यात का विकल्प ढूंढना जरूरी है। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि संशोधित निर्यात नीति तैयार करने के लिए इस सम्मेलन में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जानी चाहिए।
विपणन मंत्री अब्दुल सत्तार का परिषद को संदेश
इस अवसर पर विपणन मंत्री अब्दुल सत्तार ने परिषद को शुभकामना संदेश दिया। इसमें उन्होंने कहा, कृषि उपज की गुणवत्ता में सुधार के लिए कृषि विपणन मंडल के माध्यम से किसानों को बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। किसानों, कृषि उत्पादन कंपनियों के प्रतिनिधियों, निर्यातकों की कड़ी मेहनत के माध्यम से विपणन मंडल लगातार यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है कि कृषि उत्पादों को वैश्विक बाजार मिले। यह नये निर्यातक तैयार कर रहा है।
फलों, सब्जियों और फूलों के निर्यात के लिए आयातक देशों की मांग के अनुसार वाशी में विशेष प्रसंस्करण सुविधाएं स्थापित की गई हैं। इसके माध्यम से आम व अनार को विकिरण सुविधाओं के माध्यम से अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में मसालों के पदार्थ अमेरिका और यूरोप में आम को व्हेपर हीट ट्रीटमेट सुविधाओं के माध्यम से जापान, न्यूजीलैंड, उत्तर कोरिया आदि में और सब्जियों को प्रसंस्करण केन्द्र के माध्यम से यूरोप आदि के देशों में सब्ज़ियाँ निर्यात की जाती हैं। फूलों के निर्यात को भी बड़े पैमाने पर अवसर है।
मैग्नेट परियोजना किसानों को प्रशिक्षण व बुनियादी ढांचे के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान कर रही है। मैग्नेट परियोजना के तहत पणन मंडल की 16 सुविधाओं का आधुनिकीकरण किया जा रहा है और यह अंतिम चरण में है। साथ ही, फलों और सब्जियों के निर्यात के लिए बारामती, पाचोड़ और बोड में निर्यात सुविधा केंद्रों का निर्माण अंतिम चरण में है।
उन्होंने संदेश में यह भी कहा कि कृषि द्वारा विश्व बैंक सहायतित स्मार्ट परियोजना की वित्तीय सहायता से राज्य के लिए आवश्यक कलेक्शन सेंटर्स, पैकहाउसेस, निर्यात सुविधा केंद्र, विकिरण सुविधा केंद्र जैसे आधुनिक सुविधाओं का निर्माण कृषि विपणन मंडल द्वारा निकट भविष्य में निर्माण किया जायेगा।
प्रास्ताविक में श्री कदम ने कहा, इस सम्मेलन में अपेडा, डीजीएफटी, एनपीपीओ, जेएनपीटी, कॉनकोर, फेडरेशन ऑफ इंडियन ईस्पोर्ट ऑर्गनाइजेशन के अलावा राज्य के विभिन्न फल, सब्जी और फूल निर्यातकों का मार्गदर्शन भी आयोजित किया जाएगा। पैकेजिंग, परिवहन और लॉजिस्टिक्स में सुधार की रणनीतियों पर भी चर्चा की जाएगी।
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