पीएसीएस परियोजना के कम्प्यूटरीकरण 2024 के लिए प्राप्त प्रस्ताव
पीएसीएस परियोजना के कम्प्यूटरीकरण 2024
पीएसीएस परियोजना के कम्प्यूटरीकरण 2024 अब तक, 30 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों से 67,930 पीएसीएस के कम्प्यूटरीकरण के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है, जिसके लिए 654.23 करोड़ रुपए संबंधित राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को भारत सरकार के हिस्से के रूप में जारी किया गया है। स्वीकृत पीएसीएस की संख्या और राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को अब तक जारी किए गए भारत सरकार के हिस्से का विवरण अनुलग्नक के रूप में दिया गया है।
पीएसीएस परियोजना के कम्प्यूटरीकरण 2024 जिन राज्यों ने पहले ही अपने पीएसीएस को कम्प्यूटरीकृत कर लिया है, पीएसीएस परियोजना के कम्प्यूटरीकरण 2024 वे इस परियोजना के साथ एकीकृत हो सकते हैं। परियोजना के दिशानिर्देशों के अनुसार, उन पीएसीएस के लिए 50,000/- रुपये की प्रतिपूर्ति की जाएगी, जो पहले ही कम्प्यूटरीकृत हो चुकी हैं। राज्यों को इस शर्त के अधीन प्रतिपूर्ति की जाएगी कि वे अपने सॉफ्टवेयर को राष्ट्रीय पीएसीएस सॉफ्टवेयर के साथ एकीकृत करेंगे। इसके अलावा, उनके हार्डवेयर को आवश्यक विशिष्टताओं को पूरा करना चाहिए और पीएसीएस का कम्प्यूटरीकरण राज्य द्वारा 01 फरवरी 2017 को या उसके बाद शुरू किया जाना चाहिए, यानी पीएसीएस के कम्प्यूटरीकरण के लिए केंद्र सरकार द्वारा बजट घोषणा की तारीख को ध्यान में रखते हुए।
भारत सरकार कार्यात्मक पीएसीएस के कम्प्यूटरीकरण के लिए परियोजना कार्यान्वित कर रही है, पीएसीएस परियोजना के कम्प्यूटरीकरण 2024 जिसमें सभी कार्यात्मक पीएसीएस को ईआरपी (एंटरप्राइज़ रिसोर्स प्लानिंग) आधारित सामान्य राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर पर लाना, उन्हें राज्य सहकारी बैंकों (एसटीसीबी) और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) के माध्यम से नाबार्ड से जोड़ना शामिल है। उल्लेखनीय है कि ईआरपी (एंटरप्राइज़ रिसोर्स प्लानिंग) आधारित सामान्य राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर सामान्य लेखा प्रणाली (सीएएस) और प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) के माध्यम से पीएसीएस प्रदर्शन में दक्षता लाता है।
पीएसीएस परियोजना के कम्प्यूटरीकरण 2024 इसके अलावा, पीएसीएस की व्यवहार्यता बढ़ाने और उनकी व्यावसायिक गतिविधियों में विविधता लाने के लिए उन्हें पंचायत स्तर पर जीवंत आर्थिक संस्थाएं बनाने के संबंध में पीएसीएस के लिए मॉडल उपनियम बनाए गए हैं।
पीएसीएस परियोजना के कम्प्यूटरीकरण 2024 ये पीएसीएस को डेयरी, मत्स्य पालन, बागवानी, गोदामों की स्थापना, खाद्यान्न, उर्वरक, बीज की खरीद, एलपीजी/सीएनजी/पेट्रोल/डीजल वितरक, अल्पकालिक और दीर्घकालिक सहित 25 से अधिक व्यावसायिक गतिविधियों को शुरू करके अपनी व्यावसायिक गतिविधियों में विविधता लाने में सक्षम बनाएंगे। इनमें टर्म क्रेडिट, कस्टम हायरिंग सेंटर, कॉमन सर्विस सेंटर, उचित मूल्य की दुकानें (एफपीएस), सामुदायिक सिंचाई, बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट गतिविधियां आदि भी शामिल की गई हैं। मॉडल उपनियमों को अपनाने से, ग्रामीण क्षेत्रों में सदस्य किसान पीएसीएस विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करते हुए बहु-सेवा केंद्रों के रूप में काम करने में सक्षम होंगे। वे पीएसीएस की परिचालन दक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही में सुधार करने में मदद करेंगे। इस व्यवस्था से किसान सदस्यों को कृषि ऋण और विभिन्न गैर-ऋण सेवाएं प्रदान की जाएंगी, जिससे उन्हें आय के अतिरिक्त स्रोत मिलेंगे। अब, पीएसीएस देश के ग्रामीण नागरिकों को बैंकिंग, बीमा, आधार नामांकन/अपडेशन, स्वास्थ्य सेवाएं, कानूनी सेवाएं आदि सहित सीएससी द्वारा प्रदान की जा रही 300 से अधिक ई-सेवाएं प्रदान करने में सक्षम हो गया है।
पीएसीएस परियोजना के कम्प्यूटरीकरण 2024 लगभग 1.05 लाख पीएसीएस से 13 करोड़ से अधिक किसान सदस्य जुड़े हुए हैं। ‘ पीएसीएस के कम्प्यूटरीकरण’ परियोजना से जुड़ी उपरोक्त पहल किसानों को अल्पकालिक, मध्यम अवधि और दीर्घकालिक ऋण सुविधाओं तक पहुंच बढ़ाती है। यह पीएसीएस की आर्थिक गतिविधियों के विविधीकरण में भी मदद करता है, जिससे किसान सदस्यों को आय के अतिरिक्त और सतत स्रोत प्राप्त करने में मदद मिलती है।
अनुलग्नक
पीएसीएस परियोजना का कम्प्यूटरीकरण | |||
क्रं.सं. | राज्य | स्वीकृत पीएसीएस की संख्या | भारत सरकार द्वारा जारी शेयर (रुपये में) |
1 | आंध्र प्रदेश | 2037 | 18,67,47,271 |
2 | अरुणाचल प्रदेश | 14 | 27,00,000 |
3 | असम | 583 | 8,86,25,000 |
4 | बिहार | 4495 | 32,95,00,000 |
5 | छत्तीसगढ | 2028 | 14,86,00,000 |
6 | गोवा | 58 | 44,50,000 |
7 | हरियाणा | 710 | 7,29,16,000 |
8 | हिमाचल प्रदेश | 1789 | 16,88,00,000 |
9 | झारखंड | 1500 | 10,99,00,000 |
10 | कर्नाटक | 5491 | 55,64,00,000 |
11 | मध्य प्रदेश | 4536 | 58,65,25,000 |
12 | महाराष्ट्र | 12000 | 1,21,59,50,000 |
१३ | मणिपुर | 232 | 2,55,00,000 |
14 | मेघालय | 112 | 1,23,00,000 |
15 | मिजोरम | 25 | 27,00,000 |
16 | नगालैंड | 231 | 2,81,68,555 |
17 | पंजाब | 3482 | 25,52,00,000 |
18 | राजस्थान | 6781 | 67,07,86,131 |
19 | सिक्किम | 107 | 2,08,00,000 |
20 | तमिलनाडु | 4532 | 45,68,20,000 |
21 | त्रिपुरा | 268 | 5,59,15,354 |
22 | उत्तर प्रदेश | 5686 | 53,58,41,650 |
23 | पश्चिम बंगाल | 4167 | 30,54,00,000 |
24 | उत्तराखंड | 670 | 3,68,74,057 |
25 | गुजरात | 5754 | 58,30,00,000 |
26 | जम्मू और कश्मीर | 537 | 6,76,78,040 |
27 | पुदुच्चेरी | 45 | 60,75,000 |
28 | अंडमान और निकोबार | 46 | 68,81,462 |
29 | लद्दाख | 10 | 12,00,000 |
30 | दादरा नगर हवेली और दमन व दीव | 4 | – |
कुल | 67930 | 6,54,22,53,520 |
यह जानकारी सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
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