डेंगू को नष्ट करने के लिए परिसर में मच्छरों के प्रजनन को रोकें : स्वास्थ्य विभाग द्वारा नागरिकों से अपील
पुणे, मई (जिमाका)
डेंगू रोग की रोकथाम के लिए नागरिकों को जमा हुए जल का समुचित प्रबंधन करना चाहिए, मच्छरों के प्रजनन स्थल का निर्माण न करने देना चाहिए तथा आवश्यक सावधानियां भी बरतनी चाहिए। यह अपील जिला स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय ने 16 मई, राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर की है।
डेंगू बीमारी का फैलाव ‘एडिस इजिप्टी मच्छर’ के काटने से फैलता है। इस मच्छर का प्रजनन जमा हुए साफ पानी से होता है। नागरिकों को अपने घर में जल भंडारण टैंक को सप्ताह में एक बार खाली कर सुखाना चाहिए। एक दिन सूखा रखना चाहिए। अपने घर के आसपास के परिसर को साफ-सुथरा रखने का ध्यान रखें।
डेंगू के मरीज नियमित रूप से देखे जाते हैं और अगस्त, सितंबर के बाद डेंगू के मामलों की संख्या बढ़ जाती है। कुछ क्षेत्रों में अत्यधिक वर्षा, बढ़ता शहरीकरण, स्थानांतरण के प्रश्न,विभिन्न विकास गतिविधियों जैसे कई कारणों से डेंगू रोग का प्रमाण बढ़ रहा है।
इस तरह की जाए उपाययोजना :
डेंगू के मच्छर जमा हुए पानी में पनपते हैं, इसलिए उचित जल प्रबंधन से मच्छरों के प्रजनन में कमी आएगी और परिणामस्वरूप, सर्दी का बुखार, डेंगू बुखार में कमी आएगी। इसके लिए घर के आस-पास नालियों में पानी भरकर मच्छरों के पनपनेवाले स्थानों को नष्ट कर देना चाहिए। इसके अलावा, गप्पी मछली को बड़े मच्छर प्रजनन स्थानों में छोड़ा जाना चाहिए जिन्हें नष्ट नहीं किया जा सकता है, पानी के जलाशयों को कसकर ढंकना चाहिए, घर में कूलर, फ्रिज के गहरे पैन को नियमित रूप से साफ करना चाहिए। नालियों को साफ करना चाहिए और छोटे गड्ढों, पोखरों को ढक देना चाहिए, पूरे शरीर पर कपड़े पहनने चाहिए, सोते समय मच्छरदानी और मच्छर भगानेवाली दवाओं का उपयोग करना चाहिए।
बीमारियों के लक्षण :
भयंकर सिरदर्द, आँख में दर्द, जोड़ों का दर्द, शरीर पर दाने, भूख कम लगना, उल्टी होना, खून की उल्टी, शुष्क मुंह, रक्त मिश्रित काली संडास होना, यह डेंगू बुखार के लक्षण हैं। यदि ऐसे कोई लक्षण हों तो नजदीकी जिला सामान्य अस्पताल एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर निःशुल्क रक्त जांच कराएं एवं दवा लें। डेंगू रोग के निश्चित निदान के लिए एलायझा परीक्षण एनआईवी, पुणे और महानगरपालिका के सेंटिनल में निःशुल्क किया जाता है।
डेंगू बीमारी की नागरिकों के सहयोग के बिना रोकथाम नहीं की जा सकती, इसलिए नागरिकों की भागीदारी आवश्यक है और नागरिकों को डेंगू नियंत्रण के लिए सहयोग करना चाहिए। यह अपील सहसंचालक स्वास्थ्य सेवा पुणे डॉ. राधाकिशन पवार ने की है।
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