हर देशवासी लोकतंत्र को मजबूत करने हेतु मतदान अधिकार का करे उपयोग : ‘मतदान, सर्वोत्तम दान’
पूरे भारत में चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा कर दी है और महाराष्ट्र सरकार ने चुनाव के दिन आप जानते हैं कि सार्वजनिक छुट्टी की भी घोषणा की है। इस मौके पर वोटिंग करने की अपील सरकार समेत हर कोई कर रहा है, इसका कारण हमारा लोकतंत्र मजबूत हो, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा, इसलिए बार-बार अपील की जा रही है।
कुछ मतदाताओं का यह भी कहना है कि राम अब राजनीति में नहीं हैं! सभी राजनेता स्वार्थ के लिए बार-बार पार्टियाँ बदल रहे हैं! जब चुनाव आता है तो यह अनुपात और अधिक नजर आता है, इससे मुझे वोट देने की इच्छा नहीं होती! लेकिन ऐसा कहने से कैसे चलेेगा?
इस अपील का कारण यह है कि महाराष्ट्र राज्य देश का तीसरा सबसे कम मतदान करनेवाला राज्य है। पिछले तीन लोकसभा चुनावों में औसत मतदान पचास प्रतिशत से कम हुआ था, जो निश्चित रूप से महाराष्ट्र को शोभनीय नहीं है।
आपको बस यह तय करना है कि अपना कीमती वोट किस पार्टी के उम्मीदवार को देना है। आपको अपना बहुमूल्य वोट सही उम्मीदवार को देकर अपने अधिकार और कर्तव्य का प्रयोग करना चाहिए।
वोट देने के अधिकार का प्रयोग किए बिना राजनीति पर टिप्पणी करनेवाले सभी स्तरों से दिखाई देते हैं। वास्तव में, लोकतंत्र में चुनाव में खड़े रहनेवाले सभी उम्मीदवार भ्रष्टाचारी, अक्षम हैं हम यह कैसे कह सकते हैं? इसके अलावा, वोट दिए बिना केवल बातचीत या राजनीति पर चर्चा करके हम क्या हासिल करने जा रहे हैं? यही असली बड़ा सवाल है। यदि हम स्वतःस्फूर्त रूप से सही उम्मीदवार को वोट नहीं देंगे, तो हम अपने शहर और देश को कैसे बेहतर बनाएंगे? ऐसा लगता है कि इस पर सावधानी से विचार करना चाहिए।
मतदान करते समय हम समझदारी से यह जान लेते हैं कि कौन सा उम्मीदवार या कौन सी पार्टी स्थिर सरकार देकर देश के विकास के लिए उपयुक्त है। हमें जो छुट्टियाँ दी गई हैं, उसका विनियोग की सराहना करनी चाहिए।
आइए लोकतंत्र में भविष्य में ग्रामपंचायत चुनाव, विधानसभा चुनाव या लोकसभा चुनाव हो, भारत के संविधान के अनुसार चुनाव में सही उम्मीदवार को चुनने की जिम्मेदारी, अधिकार और कर्तव्य को पूरा करने की शपथ लें!
श्री सुधीर मेथेकर (वरिष्ठ पत्रकार)
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