प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का लाभ समाज के अंतिम घटक तक पहुंचाया जाए : मुख्य कार्यकारी अधिकारी आर. विमला
पुणे, मार्च (जिमाका)
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब कारीगरों के लिए महत्वपूर्ण है और उनके जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाती है; इस योजना का लाभ समाज के गरीब, उभरते कारीगरों तक पहुंचाने का प्रयास किया जाना चाहिए। यह अपील महाराष्ट्र राज्य खादी और ग्रामोद्योग मंडल की मुख्य कार्यकारी अधिकारी आर. विमला ने की है।
महाराष्ट्र राज्य खादी और ग्रामोद्योग मंडल और पुणे जिला ग्रामोद्योग सहकारी फेडरेशन पुणे द्वारा संयुक्त रूप से महात्मा फुले सांस्कृतिक सभागृह वानवडी में रविवार, 10 मार्च को आयोजित प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना की कार्यशाला व जनजागृति समारोह में वे बोल रही थीं। इस अवसर पर यहां पुणे जिला ग्रामोद्योग सहकारी संस्था के अध्यक्ष शिवाजीराव आदमाने, बलुतेदार ग्रामोद्योग फेडरेशन के पदाधिकारी, संस्थाध्यक्ष, संचालक और ग्रामीण कारागीर उपस्थित थे।
श्रीमती विमला ने कहा कि जो उपकरणों, औजारों का उपयोग करके हाथ से काम करते हैं। पारंपरिक बलुतेदारों और हस्तशिल्प के कारीगरों को समर्थन देने और आत्म-पहचान हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना लागू की जा रही है। इस योजना को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बड़ी प्रतिक्रिया मिल रही है और लाभार्थी सामान्य सुविधा केंद्र पर अपना नाम दर्ज करा रहे हैं।
अपंजीकृत कारीगरों को शीघ्र पंजीकरण कराना चाहिए। इसके लिए आधार कार्ड, राशन कार्ड, बैंक पासबुक और आधार कार्ड से जुड़ा मोबाइल फोन जरूरी है। पंजीकृत लाभार्थियों को योजना का पहचान पत्र, कौशल संवर्धन के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण, 500 रुपये प्रतिदिन विद्यावेतन के साथ 15 हजार रुपये का टूलकिट मिलेगा।
लाभार्थियों को 1 लाख रुपये की पहली किस्त और उसके बाद 2 लाख रुपये की दूसरी किस्त 5 प्रतिशत की ब्याज दर पर एक वित्तीय संस्था के माध्यम से प्रदान की जाएगी।
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