अद्वितीय भूमि पार्सल पहचान संख्या के शुभारंभ के साथ-साथ पूरे असम में राष्ट्रीय जेनेरिक दस्तावेज़ पंजीकरण प्रणाली की शुरुआत
भूमि संसाधन विभाग की सचिव श्रीमती निधि खरे ने भू-संदर्भित कैडस्ट्राल मानचित्रों की विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या (यूएलपीआईएन) के शुभारंभ के साथ-साथ पूरे असम में राष्ट्रीय जेनेरिक दस्तावेज़ पंजीकरण प्रणाली (एनडीजीआरएस) की शुरुआत की। असम सरकार के विशेष मुख्य सचिव श्री सैयदेन अब्बासी ने आज दरांग जिले में भूमि रिकॉर्ड में ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी का पायलट परियोजना के रूप में शुभारंभ किया। यह कार्यक्रम असम सरकार के राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा आयोजित किया गया था।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्रीमती निधि खरे ने बताया कि राष्ट्रीय जेनेरिक दस्तावेज़ पंजीकरण प्रणाली (एनजीडीआरएस) भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के भूमि संसाधन विभाग द्वारा शुरू की गई एक परियोजना है, जो एक राष्ट्र, एक सॉफ्टवेयर पहल के अंतर्गत देश भर के पंजीकरण विभागों के लिए विकसित एक जेनेरिक अनुप्रयोग है। उन्होंने कहा कि एनजीडीआरएस अनुप्रयोग एनआईसी पुणे द्वारा विकसित किया गया है और इसे असम के डेटा सेंटर (एसडीसी) में होस्ट किया गया है। असम में एनडीजीआरएस का शुभारंभ14 नवंबर, 2022 को राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा किया गया था। वर्तमान में, एनजीडीआरएस को दो जिलों, यानी कामरूप और दारंग के एसआरओ में शुरू किया गया है और अब एनजीडीआरएस की असम के सभी 77 एसआरओ में शुरुआत की जाएगी। उन्होंने आगे असम एनजीडीआरएस के उदाहरण की निम्नलिखित प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डाला:
- एनजीडीआरएस के असम उदाहरण को आंचलिक उपयोगिता और स्थान, पार्टी तथा भूमि विवरण के लिए एनओसी, ऑनलाइन भुगतान के लिए ई-ग्रास, ई-स्टांप एवं सेवा सेतु की नागरिक सेवाओं (गैर-बाधा प्रमाणपत्र, प्रमाणित प्रतिलिपि, विवाह पंजीकरण, विलेख पंजीकरण) के लिए धारित्री के साथ एकीकृत किया गया है।)
- आर्टिकल्स के अनुसार शुल्क की स्वतः गणना सक्षम है।
- एनजीडीआरएस में कुल 76 आर्टिकल्स संयोजित किए गए हैं।
श्रीमती निधि खरे ने राजस्व और आपदा प्रबंधन, असम सरकार द्वारा शुरू किए गए आईटी सुधारों में से एक, ब्लॉकचेन के महत्व पर भी प्रकाश डाला, ताकि राज्य में भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन में आमूल-चूल परिवर्तन लाने के लिए भूमि रिकॉर्ड डेटा में अधिक विश्वास, जांच, ट्रैसेबिलिटी, अपरिवर्तनीयता को सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि ब्लॉकचेन के साथ भूमि रिकॉर्ड को सुरक्षित करने का लक्ष्य लेनदेन को रिकॉर्ड करने और वितरित करने की अनुमति देना है, ना कि संपादित करना है। ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी का क्रिप्टोग्राफी और वितरित नेटवर्क नोड्स का अनूठा संयोजन विश्वसनीय इकोसिस्टम में डेटा को बनाए रखने और मान्य करने की अनुमति देता है। यह भी बताया गया कि यूएलपीआईएन (यूनिक लैंड पार्सल आइडेंटिफिकेशन नंबर) को अद्वितीय ब्लॉकचेन आईडी के रूप में लिया जाता है और भूमि पार्सल को भू-नक्शा से यूएलपीआईएन का उपयोग करके विशिष्ट रूप से पहचाना जाता है। श्रीमती खरे ने बताया कि यूएलपीआईएन, प्रत्येक भूमि पार्सल के लिए एक 14-अंकीय अल्फा न्यूमेरिक पहचान संख्या को भूमि के लिए आधार या फिंगरप्रिंट के रूप में वर्णित किया जा सकता है। पहचान भू-खंड के देशांतर और अक्षांश पर आधारित है और भू-संदर्भित कैडेस्टल मानचित्रों पर निर्भर है। उन्होंने बताया कि यूएलपीआईएन के लाभ सभी लेनदेन में विशिष्टता सुनिश्चित करना, स्थानिक रिकॉर्ड को अद्यतन रखना, संपत्ति लेनदेन को लिंक करना, विभागों, वित्तीय संस्थानों में भूमि रिकॉर्ड डेटा साझा करना और धोखाधड़ी वाले लेनदेन को खत्म करना है। एनजीडीआरएस में, स्वामित्व के कानूनी दस्तावेजों (डीड) को एसआरओ द्वारा डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित किया जाता है और डीड की मंजूरी के बाद ब्लॉकचेन में संग्रहीत किया जाता है। उन्होंने आगे उल्लेख किया कि ब्लॉकचेन शुरू से अंत तक सुरक्षा, जवाबदेही और रिकॉर्ड्स की जांच की सेवा प्रदान करता है। जिला स्तरीय ब्लॉकचेन आधारित कडैस्टर और भूमि रिकॉर्ड रजिस्ट्री पायलट दर्रांग जिले में शुरू किया गया है और जल्द ही इसे पूरे असम में शुरू किया जाएगा।
Post Comment