ओटीपी के अतिरिक्त नई वैकल्पिक प्रणालियों के उपयोग से डिजिटल भुगतान कर सकेंगे : गवर्नर शक्तिकांत दास
ग्राहक शीघ्र ही एसएमएस आधारित वन टाइम पासवर्ड- ओटीपी के अतिरिक्त विभिन्न नई वैकल्पिक प्रणालियों के उपयोग से डिजिटल भुगतान कर सकेंगे। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि डिजिटल भुगतान लेन-देन के प्रमाणन की रूपरेखा का प्रस्ताव किया गया है। इस संबंध में अलग से निर्देश जारी किये जायेंगे।
रिज़र्व बैंक पिछले कुछ महीनों से थोक और खुदरा क्षेत्र में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी- सीबीडीसी का प्रायोगिक परीक्षण कर रहा है। अब सरकारी एजेंसियों द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे विभिन्न फायदों के लिए सीबीडीसी का उपयोग करने का प्रस्ताव किया गया है। उद्योग जगत को भी अपने कर्मचारियों के लिए कारोबारी यात्रा जैसे विशिष्ट खर्चों के लिए सीबीडीसी का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।
बैंक ने सीबीडीसी में ऑनलाइन कार्य करने की सुविधा का भी प्रस्ताव किया है, ताकि उन क्षेत्रों में भी लेन-देन किया जा सके जहां इंटरनेट सेवा सीमित या कम है। इसके लिए पर्वतीय क्षेत्रों, ग्रामीण और शहरी स्थानों पर अनेक ऑफलाइन समाधानों का परीक्षण किया जायेगा। श्री दास ने कहा कि प्रायोगिक आधार पर धीरे-धीरे इन समाधानों को लागू किया जायेगा।
रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को यह अधिकार दिया है कि वे सभी खुदरा और एमएसएमई ऋण देने के लिए मुख्य तथ्य विवरण-केएफएस उपलब्ध करा सकें। श्री दास ने कहा कि सर्व-समावेशी ब्याज लागत सहित ऋण समझौते की शर्तों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध होने से लोगों को समझबूझ से सही निर्णय लेने में मदद मिलेगी।
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