आरईसी लिमिटेड ने कुल 61.1 अरब जापानी येन के शुरुआती येन मूल्य वाले हरित बॉन्ड जारी किए
ऊर्जा मंत्रालय के अधीन महारत्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम आरईसी लिमिटेड ने अपने 10 अरब अमेरिकी डॉलर के ग्लोबल मीडियम टर्म नोट्स कार्यक्रम के तहत 61.1 अरब जापानी येन के 5-वर्षीय, 5.25-वर्षीय और 10-वर्षीय शुरूआती हरित बॉन्ड सफलतापूर्वक जारी किए हैं। इस बॉन्ड से प्राप्त आय को कंपनी के ग्रीन फाइनेंस फ्रेमवर्क, आरबीआई के बाहरी वाणिज्यिक उधार दिशानिर्देशों और समय-समय पर दी गई इसकी मंजूरी के अनुसार योग्य हरित परियोजनाओं के वित्तपोषण में लगाया जाएगा।
लेन-देन की मुख्य विशेषताएं
- शुरूआती येन बॉन्ड जारी करना अंतरराष्ट्रीय बॉन्ड बाजार में आरईसी लिमिटेड का ग्यारहवां उद्यम है, जो किसी भी भारतीय पीएसयू द्वारा पहला येन हरित बॉन्ड जारी करना भी है।
- 5-वर्ष, 5.25-वर्ष और 10-वर्षीय बॉन्ड क्रमशः 1.76 प्रतिशत, 1.79 प्रतिशत और 2.20 प्रतिशत लाभ पर जारी किए गए
- दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया में अब तक का सबसे बड़ा यूरो-येन जारी
- भारत से सबसे बड़ा येन मूल्य वाला बॉन्ड
- दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया से अब तक का सबसे बड़ा गैर-संप्रभु येन-मूल्य वाला बॉन्ड
- इस लेन-देन में जापानी और अन्य अंतर्राष्ट्रीय खातों की रुचि देखी गई, प्रत्येक से ऑर्डर की संख्या 50 प्रतिशत, अंतर्राष्ट्रीय आवंटन किसी भी अन्य भारतीय येन सौदे के लिए सबसे अधिक में से एक।
इस अवसर पर आरईसी लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री विवेक कुमार देवांगन ने कहा, “भारत की ऊर्जा परिवर्तन की दिशा में वित्त पोषण के लिए दूरदर्शी दृष्टिकोण की आवश्यकता है जो स्वच्छ और हरित ऊर्जा परिदृश्य की दिशा में सतत विकास के लिए हमारी प्रतिबद्धता के अनुरूप हो। आरईसी इस हरित बॉन्ड के माध्यम से हरित और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिज्ञा पर दृढ़ है। अंतर्राष्ट्रीय ऋण पूंजी बाजारों में लगातार बॉन्ड जारी करने के रूप में, हम हमेशा नए बाजारों का दोहन करने और अपने फंडिंग स्रोतों में विविधता लाने की तलाश में रहते हैं। हमें अपने शुरूआती यूरो-येन हरित बॉन्ड की सफलतापूर्वक कीमत तय करने में खुशी हो रही है, जो वैश्विक फंडिंग तक गहरी पहुंच के साथ एक स्थापित जारीकर्ता के रूप में आरईसी की स्थिति की पुष्टि करता है, जबकि फंडिंग की कुल लागत को उद्योग मानकों से कम बनाए रखता है।”
इन नोटों की रेटिंग बीएए3/बीबीबी-/बीबीबी+ (मूडीज/फिच/जेसीआर) होगी और इन्हें विशेष रूप से ग्लोबल सिक्योरिटीज मार्केट ऑफ इंडिया इंटरनेशनल एक्सचेंज (इंडिया आईएनएक्स) और गुजरात में गांधीनगर के गिफ्ट सिटी में एनएसई आईएफएससी में सूचीबद्ध किया जाएगा। डीबीएस बैंक, मिजुहो, एमयूएफजी और एसएमबीसी निक्को इस बॉन्ड के संयुक्त प्रमुख प्रबंधक हैं।
आरईसी लिमिटेड के बारे में
आरईसी ऊर्जा मंत्रालय के अधीन एक ‘महारत्न’ कंपनी है और आरबीआई के साथ गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी), सार्वजनिक वित्तीय संस्थान (पीएफआई) और इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है। आरईसी संपूर्ण ऊर्जा बुनियादी ढांचा क्षेत्र का वित्तपोषण कर रहा है जिसमें बिजली उत्पादन, ट्रांसमिशन, वितरण, अक्षय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी भंडारण, पंप भंडारण परियोजनाएं, हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया परियोजनाएं जैसी नई प्रौद्योगिकियां शामिल हैं। हाल ही में, आरईसी ने गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी विविधता ला दी है, जिसमें सड़क और एक्सप्रेसवे, मेट्रो रेल, हवाई अड्डे, आईटी संचार, सामाजिक और वाणिज्यिक अवसंरचना (शैक्षिक संस्थान, अस्पताल), बंदरगाह और स्टील तथा रिफाइनरी जैसे विभिन्न अन्य क्षेत्रों के संदर्भ में इलेक्ट्रो-मैकेनिकल (ई एंड एम) कार्य शामिल हैं। आरईसी लिमिटेड देश में बुनियादी ढांचा परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए राज्य, केंद्र और निजी कंपनियों को विभिन्न परिपक्वता अवधि के ऋण प्रदान करता है।
आरईसी लिमिटेड बिजली क्षेत्र में सरकार की प्रमुख योजनाओं में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक भूमिका निभा रहा है। यह प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य), दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) और राष्ट्रीय बिजली फंड (एनईएफ) योजना के लिए नोडल एजेंसी रही है। एनईएफ को फंडिंग के परिणामस्वरूप देश में अंतिम छोर तक वितरण प्रणाली को मजबूत किया गया जिससे देश में शत-प्रतिशत गांवों और घरों का विद्युतीकरण संभव हुआ। आरईसी को कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है।
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