महात्मा फुले और सावित्रीबाई फुले के पुणे के स्मारकों की विकास योजनाओं की उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने की समीक्षा
फुलेवाड़ा, भिड़ेवाड़ा में स्मारकों के काम के लिए निधि की कमी नहीं होने देंगे : उपमुख्यमंत्री अजीत पवार
मुंबई, जनवरी (महासंवाद)
क्रांतिसूर्य महात्मा ज्योतिबा फुले और क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले के पुणे स्थित निवास फुलेवाड़ा के साथ-साथ फुले दंपत्ति ने लड़कियों का पहला स्कूल शुरू किया था, उस भिड़ेवाड़ा में राष्ट्रीय स्तर के स्मारक के निर्माण हेतु विकास योजना प्रस्तुत की गई। प्रस्तुत विकास योजनाओं की उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने मंत्रालय में समीक्षा की।
देश में महिला शिक्षा का अलख जगाकर शिक्षा और समाज सुधार के क्षेत्र में क्रांतिकारी कार्य करने वाले फुले दम्पत्ति जैसे महान लोगों का स्मारक उनके कार्यों का न्याय देनेवाला चाहिए। इसके लिए हेरिटेज दर्जा और इस प्रेरक स्मारक को आधुनिक वास्तुकला के बेहतरीन मिश्रण से बनाया जाना चाहिए। स्मारक के कार्य के लिए निधि की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। यह विश्वास उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने मंत्रालय में आयोजित बैठक में दिया।
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई बैठक में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल, मुख्य सचिव डॉ. नितिन करीर, गृह विभाग की अपर मुख्य सचिव सुजाता सैनिक, नियोजन विभाग के प्रधान सचिव सौरभ विजय, अल्पसंख्यक विकास विभाग की प्रधान सचिव आय. ए. कुंदन, पर्यटन विभाग की सचिव जयश्री भोज, उपमुख्यमंत्री प्रधान सचिव आशीष शर्मा एवं पुणे महापालिका आयुक्त विक्रमकुमार, पुणे जिलाधिकारी डॉ.राजेश देशमुख वीसी द्वारा उपस्थित थे।
बैठक में मार्गदर्शन करते हुए उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले ने देश में महिलाओं की शिक्षा की शुरुआत की। आज महिलाएं समाज के हर क्षेत्र में आत्मविश्वास के साथ चलती नजर आ रही हैं, इसका पूरा श्रेय क्रांतिज्योति सावित्रीबाई को जाता है। इसलिए, सावित्रीबाई के कार्यों, महिला शिक्षा के लिए उनके द्वारा सहे गए कष्टों और बलिदानों की जानकारी स्कूल और कॉलेज के छात्रों तक पहुंचनी चाहिए। युवा पीढ़ी को इससे मार्गदर्शन एवं प्रेरणा मिलनी चाहिए। इसके लिए प्रस्तावित स्मारकों में फुले दंपत्ति के जीवन कार्यों की जानकारी देने वाला थिएटर, यूपीएससी, एमपीएससी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मार्गदर्शन केंद्र, कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण केंद्र जैसी सुविधाएं होनी चाहिए। नए स्मारक को पुणे की हेरीटेज वास्तुकला में शामिल किया जाना चाहिए, जिसके लिए उपमुख्यमंत्री ने आरेख पर और अधिक काम करने के निर्देश दिए।
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