‘विकसित महाराष्ट्र 2047’ विजन डॉक्यूमेंट प्रारूप मसौदा प्रस्तुति बैठक
मुंबई, अगस्त (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
महाराष्ट्र को वर्ष 2047 तक ‘विकसित महाराष्ट्र’ बनाने के लिए राज्य सरकार एक विजन डॉक्यूमेंट तैयार कर रही है, जिसमें लघुकालीन, मध्यमकालीन और दीर्घकालीन लक्ष्य शामिल होंगे। इस प्रक्रिया में अब तक चार लाख से अधिक नागरिकों ने अपने सुझाव और विचार प्रस्तुत किए हैं।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह विजन डॉक्यूमेंट जनता की संकल्पनाओं और आकांक्षाओं का प्रतिबिंब होना चाहिए। “भविष्य की कोई भी योजना, पहल या निर्णय लेते समय इस विजन डॉक्यूमेंट को मार्गदर्शक दस्तावेज़ के रूप में अपनाना चाहिए। यह दस्तावेज़ महाराष्ट्र के विकास का पथप्रदर्शक बने,” उन्होंने कहा।
सह्याद्री अतिथि गृह में आयोजित विजन डॉक्यूमेंट प्रारूप प्रस्तुति बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री फडणवीस ने की। बैठक में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, वित्त एवं नियोजन राज्य मंत्री ॲड. आशीष जयसवाल और मुख्य सचिव राजेश कुमार उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा, “जब लक्ष्य निश्चित हो जाते हैं तो उन्हें प्राप्त करने का मार्ग भी स्पष्ट हो जाता है। यह विजन डॉक्यूमेंट ‘विकसित महाराष्ट्र’ के लक्ष्य की पूर्ति का मार्ग तैयार कर रहा है। इसमें शामिल उपाययोजनाओं को लागू करके महाराष्ट्र को न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ बनाया जा सकता है। प्रत्येक विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्य प्राप्त करने योग्य हैं, यदि तंत्र आधुनिक तकनीक, नये विचार और वैश्विक दृष्टिकोण के साथ कार्यवाही करें।”
उन्होंने नागरिकों की सक्रिय भागीदारी के लिए धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि यह सहभागिता जनता की राज्य के विकास के प्रति प्रतिबद्धता दर्शाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दस्तावेज़ एक गहन विचार प्रक्रिया का परिणाम है, जिसमें राज्य के सामने मौजूद चुनौतियाँ भी स्पष्ट हुई हैं। “रास्ता कठिन जरूर है, लेकिन असंभव नहीं। यह विजन डॉक्यूमेंट ‘विकसित महाराष्ट्र’ की दिशा में एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शक बनेगा,” उन्होंने कहा।
बैठक में कृषि, नगर विकास, गृह, सांस्कृतिक कार्य, सार्वजनिक स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, पर्यटन, सामान्य प्रशासन (सेवा), परिवहन एवं बंदरगाह और सार्वजनिक बांधकाम विभाग ने अपने प्रस्तुतीकरण किए।
इस अवसर पर उपस्थित वरिष्ठ अधिकारियों में अपर मुख्य सचिव (गृह) इक़बाल सिंह चहल, अपर मुख्य सचिव (वित्त) ओ.पी. गुप्ता, अपर मुख्य सचिव (नियोजन) राजगोपाल देवरा, अपर मुख्य सचिव (महसूल) विकास खारगे, अपर मुख्य सचिव (सामान्य प्रशासन) वी. राधा, अपर मुख्य सचिव (सार्वजनिक बांधकाम) मनीषा म्हैसकर, अपर मुख्य सचिव (वन) मिलिंद म्हैसकर, अपर मुख्य सचिव (परिवहन व बंदरगाह) संजय सेठी, प्रधान सचिव (पर्यटन) अतुल पाटणे, प्रधान सचिव (कृषि) विकासचंद्र रस्तोगी और सचिव (सार्वजनिक स्वास्थ्य) डॉ. विनायक निपुण शामिल थे।