भारत में जुलाई से सितम्बर तक मॉनसून में सामान्य से अधिक वर्षा की होगी!

एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग जलवायु केन्द्र ने संभावना व्यक्त की
एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग जलवायु केन्द्र के पूर्वानुमान के अनुसार जुलाई से सितंबर तक जब मानसून चरम पर होगा, तब भारत में औसत से अधिक वर्षा होने की संभावना है। जलवायु केन्द्र ने भारत के लिए मानसून का इस वर्ष का पहला पूर्वानुमान जारी किया है। इसमें अप्रैल से जून और जुलाई से सितंबर के लिए दो अलग-अलग आकलन किये गये हैं।
वहीं, हाल ही में ईएनएसओ की ओर से जारी चेतावनी में एल नीनो से ला नीना की स्थितियों में सुचारू रूप से बदलाव की बात कही गई है। माना गया है कि मानसून की स्थिति में बदलाव इसी पूर्वानुमान पर आधारित है।
एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग जलवायु केन्द्र ने जुलाई से सितंबर के लिए अपने पूर्वानुमान में कहा है कि पूर्वी अफ्रीका से अरब सागर तक, भारत में, बंगाल की खाड़ी, इंडोनेशिया, कैरिबियन सागर, ध्रुवीय उत्तरी अटलांटिक, दक्षिण ऑस्ट्रेलिया और दक्षिणवर्ती प्रशांत क्षेत्र में औसतन सामान्य से अधिक वर्षा की संभावना है।
इससे पहले भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युञ्जय महापात्रा ने कहा था कि एल नीनो के कारण इस वर्ष भीषण गर्मी का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि गर्मी के मौसम के बाद एल नीनो निष्क्रिय होने की संभावना है। वहीं ला नीना के कारण भारत में मानसून के उत्तरार्द्ध में अच्छी वर्षा हो सकती है।